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Thursday, 21 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनावपंजाब में चल रहा है कैप्टन अमरिंदर का जादू, सनी देओल जीत के काफी करीब

पंजाब में चल रहा है कैप्टन अमरिंदर का जादू, सनी देओल जीत के काफी करीब

गौरतलब है कि राज्य में कांग्रेस की ही सरकार है. भाजपा को पिछली बार यहां से सिर्फ दो सीटें ही मिल पाई थीं.

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नई दिल्ली: लोकसभा चुनाव 2019 की मतगणना के मुताबिक पंजाब में कांग्रेस ने 13 लोकसभा सीटों में से 8 सीटें जीती हैं तो अकादी दल-भाजपा के हिस्से 4 सीटें आई हैं. आम आदमी पार्टी सिर्फ 1 सीट पर सिमट गई है.

बठिंडा लोकसभा सीट से अकाली दल की प्रत्याशी हरसिमरत कौर बादल जीती हैं तो संगरूर से आम आदमी पार्टी के भगवंत मान जीते हैं. पटियाला सीट से कांग्रेस की परनीत कौर जीतीं. लधियाना से कांग्रेस के रवनीत सिंह ने बढ़त हासिल की है. गुरदासपुर लोकसभा सीट से भाजपा के सनी देओल ने कांग्रेस के सुनील जागड़ को कड़ी टक्कर दी. सनी देओल को 5,50,766 वोट मिले. चंडीगढ़ से भाजपा की मौजूदा सांसद किरण खेर एक बार फिर जीत का सेहरा बांधकर आई हैं. उन्हें 1,90,489 वोट मिले तो चंडीगढ़ लोकसभा सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार पवन बंसल को 1,55,606 वोट मिले.

13 सीटों पर लड़े 268 उम्मीदवार

पंजाब की कुल 13 लोकसभा सीटों पर इस बार कुल 268 उम्मीदवार चुनावी दंगल में उतरे थे. और राज्य के करीब 66 फीसदी मतदाताओं ने अपने मतदान का प्रयोग किया.

पिछले चुनाव के नतीजों पर एक नज़र

2014 में भाजपा और अकाली दल ने मिलकर चुनाव लड़ा था. 13 सीटों पर हुए बंटवारे में अकाली दल के हिस्से 10 सीटें और भाजपा के हिस्से में तीन ही सीटें आईं थी. हालांकि इन तीन सीटों में से भाजपा 2 ही सीटों पर ही जीत हासिल कर पाई थी जबकि अकाली दल ने 4 सीटों पर कब्जा किया था. इसी बीच गुरदासपुर लोकसभा सीट से सांसद विनोद खन्ना के निधन के बाद हुए उपचुनाव में भाजपा ने अपनी इस सीट को भी गंवा दिया और ये कांग्रेस के हिस्से में चली गई. इस हिसाब से देखें तो भाजपा का सिर्फ एक सांसद ही पंजाब से रहा. जबकि पहली बार दिल्ली से निकलकर देशभर में खुद को फैलाने वाली आम आदमी पार्टी ने यहां बाजी मारी और अपने खाते में 4 सीटें भर लीं.

चंडीगढ़ सीट: किरण खेर और पवन बंसल की टक्कर

चंडीगढ़ से भाजपा प्रत्याशी किरण खेर का मुकाबला चार बार सांसद रह चुके कांग्रेस के पवन बंसल से था. किरण खेर ने भी नरेंद्र मोदी और अपने कार्याकल में किए गए कामों पर वोट मांगे. उनके चुनावी कैंपेन को ताकत देने के लिए उनके पति अनुपम खेर भी मैदान में उतरे थे. लेकिन सोशल मीड़िया पर किरण खेर की चुनावी रैलियों में खाली पड़ी कुर्सियों की तस्वीरें तैर रही थीं. वहीं, पवन बंसल अपने भाषणों में किरण खेर पर आरोप लगा रहे थे कि स्वच्छ सर्वेक्षण 2019 में चंडीगढ़ तीसरे नंबर से बीसवें नंबर आ गया है. इस सीट पर कांग्रेस और भाजपा, दोनों का ही बराबर प्रभाव है. कयास लगाए जा रहे थे कि चंडीगढ़ में किरण खेर की राह आसान नहीं है.

नवजोत सिंह सिद्धू और अमरिंदर सिंह के मतभेद

नवजोत सिंह और अमरिंदर सिंह के बीच बयानबाजी इस चुनाव में छाई रही. अमरिंदर सिंह ने यहां तक कह दिया कि नवजोत सिंह जैसे नेताओं को कांग्रेस का बाहर कर देना चाहिए. दरअसल नवजोत सिंह की पत्नी नवजोत कौर ने आरोप लगाया था कि अमरिंदर सिंह ने उनको चंडीगढ़ से टिकट नहीं मिलने दिया. वहीं, अमरिंदर ने सिद्धू पर मुख्यमंत्री पद को लेकर सिद्धू की महत्वकांक्षा पर सवाल उठाए.

बात यहीं नहीं रूकी और मतदान वाले दिन सिद्धू की पत्नी ये तक कह दिया कि अगर पार्टी 13 सीटें नहीं जीतती है तो मुख्यमंत्री को इस्तीफा दे देना चाहिए.

क्या कह रहे थे एग्ज़िट पोल?

एग्ज़िट पोल्स के मुताबिक पंजाब की 13 लोकसभा सीटों में से 6-9 पर कांग्रेस के जीतने की संभावना थी तो 1-2 सीटों पर आम आदमी पार्टी के जीतने की. भाजपा को लेकर ज्यादातर पोल्स ने 3 सीटों का अनुमान लगाया था.

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