scorecardresearch
Saturday, 16 November, 2024
होम2019 लोकसभा चुनाव2019 लोकसभा रिज़ल्ट: ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में भाजपा ने लगाई सेंध

2019 लोकसभा रिज़ल्ट: ममता बनर्जी के गढ़ पश्चिम बंगाल में भाजपा ने लगाई सेंध

2014 के आम चुनाव में ममता की सफलता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 42 सीटों वाले बंगाल में उन्होंने अपने बूते 34 सीटों जीती थीं.

Text Size:

नई दिल्ली:  भाजपा बंगाल में ऐतिहासिक बढ़त बनाती दिख रही है जहां अभी तक राज्य में उसकी पहुंच नहीं के बराबर थी. शुरुआती रुझानों के अनुसार बंगाल में भाजपा 42 में से 17 सीटों पर बढ़त करते दिख रही थी. इससे पहले 2014 में भाजपा के पास बस आसनसोल और दार्जिलिंग की दो सीटें थी. राज्य में त्रिणमूल 24 सीटों पर आगे हैं. कांग्रेस और सीपीएम को सबसे बड़ा धक्का लगा- दोनो एक- एक सीट पर आगे है. ममता बनर्जी के भांजे अभिषेक बनर्जी भी डायमंड हार्बर से पीछे चल रहे हैं.

बंगाल का राजनीतिक गणित

2019 के आम चुनाव की जब भी बात आएगी तो पश्चिम बंगाल में हुई व्यापक राजनीतिक हिंसा के बगैर ये चर्चा पूरी नहीं होगी. हिंसा के पीछे कारण है कि नरेंद्र मोदी की भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राज्य में अपनी ज़मीन को विस्तार देना चाहती थी और ममता बनर्जी वाम दलों से लंबी लड़ाई लड़, कांग्रेस से अलग हो कर बनाई अपनी पार्टी और बंगाल में पैठ को बचा कर रखना चाहती थी. इन दोनों के लिए बंगाल की लड़ाई अहम थी. उतनी ही अहम तीन दशक तक सत्ता में रहे पर अब हाशिए पर चले गए वाम दलों के लिए भी थी. इस बार अगर वे अपनी स्थिति मज़बूत नहीं कर पाते तो देश भर में उनके अस्तित्व का सवाल उठाया जाएगा.

2014 में चला था ममता का जादू- 34 सीट पर टीएमसी का था कब्ज़ा

2014 में जिन दो राज्यों में महिला नेताओं ने अपनी पार्टी का परचम लहराया था उनमें तमिलनाडु के दिवंगत नेता जयललिता के अलावा पश्चिम बंगाल की ममता बनर्जी का नाम शामिल है. पिछले चुनाव में ममता की सफलता का अंदाज़ा आप इस बात से लगा सकते हैं कि 42 सीटों वाले बंगाल में उन्होंने अपने बूते 34 सीटों पर जीत हांसिल की थी. वहीं, इस चुनाव में बंगाल में कांग्रेस को चार, एक समय बंगाल पर एकछत्र राज करने वाली लेफ्ट पार्टियों को दो और भाजपा को दो सीटें मिली थीं.

इस बार का बंगाल चुनाव देश भर के चुनाव की तरह मोदी बनाम अन्य. एक तरफ भाजपा ने जहां इसे हिंदुत्व से जोड़ने की कोशिश की वहीं ममता ने भी सांप्रदायिक रंग घोलने में कोई कसर नहीं छोड़ी. आख़िरी चरण की वोटिंग से पहले हुए अमित शाह के रोड शो के दौरान यहां जमकर हिंसा हुई और बंगाल के विचारक ईश्वर चंद विद्यासागर की मूर्ति तक तोड़ दी गई. मूर्ति तोड़े जाने को हर पार्टी ने अपने लिहाज़ से भुनाने की कोशिश की.

यूपी नहीं इसबार पीएम की कुर्सी बंगाल से होकर निकली

विश्लेषक लगातार कह रहे हैं कि इस बार प्रधानमंत्री की कुर्सी की राह बंगाल से हो कर निकलेगी. भाजपा को उत्तर प्रदेश में जो नुकसान हो रहा है पार्टी चाहती है कि उसकी कुछ भरपाई बंगाल से हो. भाजपा के खेमे में बंगाल को लेकर अतिउत्साह वाम दलों के लिए खतरा है. पिछले चुनाव में महज़ दो सीटें पाने वाले लेफ्ट को आश्चर्यजनक रूप से 22.96 प्रतिशत वोट मिले थे. आपको बता दें कि लेफ्ट ने बंगाल में 34 सालों तक राज्य सरकार चलाई है. 2011 में ममता ने उनके शासन का अंत कर दिया था तब से वे राजनीतिक हाशिये पर जाने की कगार पर है.

share & View comments