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Friday, 22 November, 2024
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इज़रायल-हमास पर BRICS-Plus बैठक में शामिल नहीं हुए PM मोदी, जयशंकर बोले- आतंकवाद से कोई समझौता नहीं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ब्रिक्स-प्लस वर्चुअल मीटिंग में शामिल नहीं हुए, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के शी जिनपिंग और ब्राजील के लूला दा सिल्वा सहित अन्य लोग शामिल हुए.

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नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मंगलवार को गाजा में मध्य पूर्व की स्थिति पर वर्चुअल ब्रिक्स-प्लस संयुक्त बैठक में शामिल नहीं हुए. बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस जयशंकर ने किया.

ब्रिक्स नेताओं में मोदी अकेले ऐसे नेता थे जो बैठक में शामिल नहीं हुए, जिसमें रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग, ब्राजील के लुइज़ इनासियो लूला दा सिल्वा और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति सिरिल रामफोसा ने भाग लिया.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस और सऊदी अरब, मिस्र, इथियोपिया, ईरान और संयुक्त अरब अमीरात के नेता भी उपस्थित थे.

रामफोसा ने ‘तत्काल युद्धविराम’ का आग्रह किया और इज़रायल की “फिलिस्तीनी नागरिकों की सामूहिक सजा” को युद्ध अपराध बताया. शी ने भी गाजा पट्टी में “शत्रुता को तत्काल समाप्त करने” का आह्वान किया और “फिलिस्तीनियों की सामूहिक सजा” को समाप्त करने का आग्रह किया.

भारत के अलावा, अर्जेंटीना का भी उसके विदेश मंत्री ने आभासी बैठक में प्रतिनिधित्व किया.

केंद्र सरकार के सूत्रों का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी प्रचार अभियान पर होने के कारण वर्चुअल बैठक में शामिल नहीं हो सके.

जयशंकर ने आभासी बैठक में अपने संबोधन में कहा, “जहां आतंकवाद का सवाल है, हममें से किसी को भी इसके साथ समझौता नहीं करना चाहिए. लोगों को बंधक बनाना भी उतना ही अस्वीकार्य है और इसे माफ नहीं किया जा सकता है.”

उनकी टिप्पणी भारत द्वारा बुधवार को वर्चुअल G20 लीडर्स समिट की मेजबानी की तैयारी की पृष्ठभूमि में आई है.

भारत एकमात्र ब्रिक्स सदस्य देश है जिसने अक्टूबर में पारित यूएनजीए प्रस्ताव से खुद को दूर रखा है, जिसमें गाजा में ‘मानवीय संघर्ष विराम’ का आह्वान किया गया था. प्रस्ताव जॉर्डन द्वारा पेश किया गया और इसे 120 सदस्यों का समर्थन मिला, जबकि 14 ने इसके खिलाफ मतदान किया और 45 अनुपस्थित रहे.

पिछले महीने इज़रायली हमलों ने गाजा पट्टी को तबाह कर दिया और हमास-नियंत्रित स्वास्थ्य मंत्रालय ने 14,000 फिलिस्तीनियों की मौत का अनुमान लगाया है. ये हमले 7 अक्टूबर को इज़रायल की मुख्य भूमि पर हमास के हवाई और जमीनी हमले के जवाब में थे, जिसके परिणामस्वरूप कम से कम 1,200 इज़रायली मारे गए और 200 अन्य को बंधक बना लिया गया.

(संपादन: अलमिना खातून)
(इस ख़बर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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