scorecardresearch
Monday, 25 November, 2024
होमदेश'उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग से लाइव वीडियो न करें, घटना सनसनीखेज न बनाएं'- केंद्र की TV चैनलों को सलाह

‘उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग से लाइव वीडियो न करें, घटना सनसनीखेज न बनाएं’- केंद्र की TV चैनलों को सलाह

यह सलाह दी गई है कि ऑपरेशन स्थल के पास या आसपास कैमरामैन, पत्रकारों या उपकरणों से विभिन्न एजेंसियों द्वारा मानव जीवन बचाने की गतिविधियां किसी भी तरह से बाधित न हों.

Text Size:

नई दिल्ली : सूचना और प्रसारण मंत्रालय ने मंगलवार को टेलीविजन चैनलों को एक सलाह जारी की कि वे उत्तराखंड के सिल्क्यारा में चल रहे बचाव अभियान को सनसनीखेज बनाने और सुरंग स्थल के नजदीक से कोई भी लाइव पोस्ट या वीडियो करने से बचें.

साथ ही, टीवी चैनलों को यह सुनिश्चित करने की सलाह दी कि ऑपरेशन स्थल के पास या आसपास कैमरामैन, पत्रकारों या उपकरणों की उपस्थिति से विभिन्न एजेंसियों द्वारा मानव जीवन बचाने की गतिविधियां किसी भी तरह से बाधित या मुश्किल में न पड़ें.

मंत्रालय ने कहा कि सरकार लगातार संपर्क बनाए हुए है और 2 किलोमीटर लंबी सुरंग वाले हिस्से में फंसे श्रमिकों का मनोबल बनाए रखने के लिए सभी प्रयास कर रही है.

मंत्रालय ने कहा, “विभिन्न सरकारी एजेंसियां 41 श्रमिकों की सुरक्षित निकासी के लिए अथक प्रयास कर रही हैं. सुरंग के आसपास चल रहा ऑपरेशन बेहद संवेदनशील प्रकृति का है, जिसमें कई लोगों की जान बचाई जा रही है. विशेष रूप से टीवी चैनलों द्वारा ऑपरेशन से संबंधित वीडियो फुटेज और अन्य तस्वीरों का प्रसारण किया जा रहा है. मंत्रालय ने कहा, ”बचाव अभियान स्थल के करीब कैमरे और अन्य उपकरण रखने से चल रहे अभियानों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ने की संभावना है.”


यह भी पढ़ें : सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों का पहला वीडियो आया सामने- वे स्वस्थ हैं, बचाव टीमों से कर रहे बातचीत


इसके अलावा, मंत्रालय ने सभी टीवी चैनलों को सलाह दी है कि वे इस मामले पर रिपोर्टिंग करते समय सतर्क और संवेदनशील रहें, खासकर हेडलाइन, वीडियो और तस्वीरें डालते समय व ऑपरेशन की संवेदनशील प्रकृति, एक दर्शक तौर पर परिवार के सदस्यों की मनोवैज्ञानिक स्थिति का भी ध्यान रखें.

इससे पहले आज, बचाव दल सुरंग में एक एंडोस्कोपी कैमरा डालने में कामयाब रहे और कैप्चर किए गए पहले दृश्यों से पता चला कि 41 श्रमिकों के पास सुरंग के अंदर घूमने के लिए पर्याप्त जगह है.

पिछले 10 दिनों से उत्तरकाशी की सिल्क्यारा सुरंग के अंदर फंसे श्रमिकों के दृश्य मंगलवार सुबह सामने आए, जिससे चिंतित रिश्तेदारों को नई उम्मीदें मिलीं, जिनमें से कुछ ध्वस्त सुरंग के बाहर डेरा डाले हुए हैं.

12 नवंबर को सिल्क्यारा से बारकोट तक एक सुरंग के निर्माण के दौरान सुरंग के 60 मीटर के हिस्से में मलबा गिरने के कारण 41 मजदूर फंस गए थे. ऐसा माना जाता है कि मजदूर 2 किमी निर्मित सुरंग के हिस्से में फंसे हुए हैं, जिसका कंक्रीट का काम पूरा हो चुका है, जो श्रमिकों को सुरक्षा प्रदान कर रहा है. सुरंग के इस हिस्से में बिजली और पानी की सुविधा है.

कई एजेंसियां राष्ट्रीय राजमार्ग अवसंरचना विकास निगम लिमिटेड (एनएचआईडीसीएल) की टीमों के साथ बचाव प्रयासों पर काम कर रही हैं और सुरंग के मुहाने से ड्रिलिंग का प्रयास जारी रखे हुए हैं. रेल विकास निगम लिमिटेड (आरवीएनएल) आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति के लिए एक और वर्टिकल पाइपलाइन पर काम कर रहा है.

सतलुज जल विद्युत निगम लिमिटेड (एसजेवीएनएल) एक भारी ड्रिलिंग मशीन लाया है और अब वर्टिकल ड्रिलिंग ऑपरेशन के लिए सुरंग स्थल पर है.


यह भी पढ़ें : ‘मैं ठीक हूं मां, प्लीज खाना समय पर खाना’, उत्तराखंड के सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूर का भावनात्मक संदेश


 

share & View comments