नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) की एक लिखित शिकायत के आधार पर, दिल्ली पुलिस की इंटेलिजेंस फ्यूजन एंड स्ट्रैटेजिक ऑपरेशंस (आईएफएसओ) यूनिट ने शुक्रवार को अभिनेत्री रश्मिका मंदाना की एक डीपफेक वायरल वीडियो के संबंध में एफआईआर दर्ज की.
पुलिस उपायुक्त (आईएफएसओ) हेमंत तिवारी ने शनिवार को जारी एक बयान में कहा कि अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ आईपीसी की धारा 465 (जालसाजी) और 469 (प्रतिष्ठा को नुकसान पहुंचाने के इरादे से जालसाजी) के अलावा धारा 66 सी (पहचान की चोरी), और आईटी अधिनियम, 2000 की धारा 66ई (किसी अन्य व्यक्ति की सहमति के बिना उसकी निजी तस्वीर लेना, प्रकाशित या प्रसारित करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
बयान में कहा गया है कि एफआईआर डीसीडब्ल्यू की एक शिकायत के आधार पर दर्ज की गई थी, जिसकी अध्यक्ष स्वाति मालीवाल ने शुक्रवार को दिल्ली पुलिस साइबर सेल को एक नोटिस भेजा था, जिसमें सोशल मीडिया पर वीडियो बनाने और साझा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई थी.
आईएफएसओ के प्रमुख डीसीपी ने कहा, “10/11/2023 को, हमें दिल्ली महिला आयोग से एक शिकायत मिली, जिसने विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर व्यापक रूप से प्रसारित भारतीय अभिनेत्री रश्मिका मंदाना के फर्जी वीडियो पर स्वत: संज्ञान लिया.” यूनिट ने बयान में कहा, आईएफएसओ सुराग के लिए वीडियो की जांच कर रहा है और दोषियों की पहचान के लिए सोशल मीडिया कंपनियों से जानकारी मांगी है.
बयान में कहा गया कि “हम तकनीकी विश्लेषण कर रहे हैं और आरोपियों की पहचान करने के लिए मेटा और अन्य सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से विवरण प्राप्त कर रहे हैं.”
डीसीडब्ल्यू ने दिल्ली पुलिस से इस मामले में की गई कानूनी कार्रवाई पर 17 नवंबर तक रिपोर्ट देने को कहा है.
मंदाना का डीप फेक वीडियो 5 नवंबर को सोशल मीडिया पर सामने आया, जिसके बाद केंद्रीय इलेक्ट्रॉनिक्स और सूचना प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री राजीव चंद्रशेखर ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्मों से डीपफेक को “गलत सूचना का नवीनतम और इससे भी अधिक हानिकारक रूप” करार दिया.
🚨 There is an urgent need for a legal and regulatory framework to deal with deepfake in India.
You might have seen this viral video of actress Rashmika Mandanna on Instagram. But wait, this is a deepfake video of Zara Patel.
This thread contains the actual video. (1/3) pic.twitter.com/SidP1Xa4sT
— Abhishek (@AbhishekSay) November 5, 2023
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म को अधिसूचित आईटी अधिनियम, 2023 के प्रावधानों का पालन करना होगा, जो अनिवार्य करता है कि सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं को यह सुनिश्चित करना होगा कि वे अपने प्लेटफॉर्म पर कोई गलत सूचना पोस्ट न करें और यदि कोई गलत सूचना सरकार या किसी अन्य द्वारा रिपोर्ट की जाती है, तो इसे 36 घंटे के भीतर हटाना होगा.
(संपादन: अलमिना खातून)
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