नई दिल्ली: एग्ज़िट पोल के आंकड़े एनडीए के लिए ओडिशा से अच्छी खबर ला रहे हैं. आजतक के अनुसार ( इंडिया टुडे -एक्सिस) ने भाजपा को 15-18, कांग्रेस को 1 और बीजू जनता दल को 2-6 सीटों की बात कर रहा है. एबीपी ने ओडिशा में भाजपा को 9 और बीजू जनता दल को 12 सीटों का अनुमान लगाया है. टाइम्स नाउ के एग्ज़िट पोल के मुताबिक ओडिशा में एनडीए को 12, कांग्रेस को 1 और बीजद को 8 सीटें मिलने का अनुमान है. न्यूज़ नेशन के अनुसार भाजपा को 8-10, बीजेडी को 11-13 सीटों को मिलने का अनुमान
क्या था अब तक का हाल
2019 के लोकसभा चुनाव में राजनीति के अखाड़े में एक दिलचस्प मुकाबला ओडिशा में भी देखने को मिला है. पश्चिम बंगाल के बाद ओडिशा ऐसा राज्य है जहां भाजपा ने प्रधानमंत्री मोदी की सबसे ज्यादा रैलियों का आयोजन करवाया. ओडिशा में भी बदलाव की बयार देखने को मिल सकती है. ओडिशा में भाजपा , कांग्रेस ,बीजू जनता दल ही मुख्य पार्टियां हैं. 2014 के मोदी लहर में भी भाजपा को मात्र एक सीट मिली थी. सुंदरगढ़ की सीट पर भाजपा ने विजय प्राप्त की थी. बीजू जनता दल को 20 सीटें मिली थी और 44 प्रतिशत से अधिक मत मिले थे वहीं कांग्रेस को 26 प्रतिशत मत मिले थे और भाजपा को 21 प्रतिशत से ज्यादा मत मिले थे. कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिली थी.
बीजेडी के कई वरिष्ठ नेताओं के भाजपा में शामिल होने की वजह से इस लोकसभा चुनाव में मुकाबला कठिन हो गया है. भाजपा ने प्रवक्ता संबित पात्रा को पुरी की लोकसभा सीट से उतारकर की सीट पर मुकाबला काफी दिलचस्प बना दिया है. लेकिन इस बार भी मुकाबला 2014 कि तरह त्रिकोणीय है बीजद, बीजेपी और कांग्रेस के बीच ही मुकाबला माना जा रहा है.
ओडिशा में भाजपा के काफी मेहनत की है ओडिशा में भाजपा जीत के लिए जी जान से लगी हुई है. 2009 में बीजू जनता दल ने भाजपा से गठबंधन तोड़ लिया था उसके बाद से संगठन बहुत कमज़ोर हो गया था. लेकिन 2016 के स्थानीय निकाय चुनाव में भाजपा से अच्छा प्रदर्शन किया जिसकी वजह से भाजपा को ओड़िशा से उम्मीदें हैं.