नई दिल्ली: अगर एग्ज़िट पोल पर नजर डालें तो नॉर्थ ईस्ट में भाजपा बढ़त बना रही है. एबीपी न्यूज़ सर्वे में भाजपा को पूर्वोत्तर भारत में 25 सीटों में से 13 और कांग्रेस को 6 और अन्य को 6 सीटें मिल रही हैं. न्यूज18- आईपीएसओएस के एग्जिट पोल का रिजल्ट मानें तो उत्तर-पूर्व में बीजेपी लहर दिखाने में कामयाब रही है. असम सहित सात राज्यों की कुल 25 सीटें हैं. बीजेपी को 17 से 19 सीट मिलने का अनुमान है जबकि कांग्रेस को बड़ा नुकसान होता दिख रहा है और वह 4 से 6 सीट ही जीतने में कामयाब होती दिख रही है. वहीं एआईयूडीएफ को 2 मिल सकती है. टीवी-9 भारत वर्ष ने एनडीए को 6 और यूपीए-3 और अन्य को दो सीटें मिली हैं. वहीं 14 सीटों वाले आसाम में एनडीए को 9-11, कांग्रेस-2-4, एआईयूडीएफ0-2 की सीटें मिलती दिखाई दे रहीं हैं.
लोकसभा चुनाव में पूर्वोत्तर राज्यों में सिर्फ आसाम को छोड़कर सभी राज्यों में पहले दो चरणों में ही मतदान कराए गए. जबकि आसाम में तीन चरणों में 11, 18 और 23 अप्रैल मतदान कराए गए. बता दें कि भारतीय जनता पार्टी का फोकस शुरू से ही पूर्वोत्तर राज्यों पर रहा है.
किन राज्यों में कितनी लोकसभा सीटें हैं
बता दें कि पूर्वोत्तर राज्यों में सबसे अधिक सीटें असम में 14 लोक सभा सीट हैं वहीं अरुणाचल प्रदेश में 2, मणिपुर-2, मेघालय-2, मिज़ोरम-1, नागालैंड-1, सिक्किम-1, और त्रिपुरा-2 हैं.
असम इसलिए है महत्वपूर्ण
देश के उत्तर पूर्वी भाग का राज्य असम लोकसभा चुनाव के लिहाज से बहुत ही महत्वपूर्ण राज्य हैं असम में कुल 14 लोकसभा सीटें हैं कांग्रेस , भाजपा , तृणमूल कांग्रेस , असम गण परिषद और एआईडीयूएफ यह पर मुख्य पार्टियां हैं नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद असम गण परिषद ने एनडीए से गठबंधन तोड़ लिया था. लेकिन बाद में गठबंधन कर लिया था. असम में सत्तारूढ़ भाजपा की सहयोगी दल बोडोलैंड पीपुल्स फ्रंट (बीपीएफ) भी है.
2014 के लोकसभा चुनाव में भाजपा ने 7 कांग्रेस ने 3 और एआईडीयूएफ को 3 और और एक सीट निर्दलीय उम्मीदवार को मिली थी.
2014 में भाजपा को 36.50 प्रतिशत मत मिले और कांग्रेस को 29.60 प्रतिशत , एआईडीयूएफ को 14.80 प्रतिशत मत मिले थे और असम गण परिषद को 3.80 प्रतिशत मिले थे ये लोकसभा चुनाव असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल के द्वारा किये गए कामों की परीक्षा होंगे.
वर्षों ने नजरअंदाज किया गया नॉर्थ ईस्ट
सातों राज्य वर्षों से नजरअंदाज किए जाते रहे हैं क्योंकि वहा से लोक सभा में पहुंचने वाले बहुत कम सांसद है. यहां तक की इन राज्यों के महज एक दो लोग ही लोकसभा तक पहुंचे. पीएम मोदी ने सेवन सिस्टर स्टेट को पहचाना और 2014 में इस राज्य ने 11 सीटें भाजपा को दीं. जबकि असम की 14 सीटें.
पांच सालों में बदला परिवेश
केंद्र की मोदी सरकार ने अन्य राज्यों के साथ-साथ करोड़ों रुपये की योजनाएं इन राज्यों को भी दी. और देश से करीब लाने के लिए रोड और एयर कनेक्टिविटी को बढ़ाने के लिए काम किया.
विधानसभा में गठबंधन की है सरकार
असम में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन को जीत मिली. भाजपा सरकार के सर्वानंद सोनोवाल ने 15 वर्षों से असम में जारी तरूण गोगोई की कांग्रेस सरकार को हराकर भारतीय जनता पार्टी को जीत दिलाई. सोनोवाल खेल एवं युवा मामलों के मंत्री एवं असम के लखीमपुर से सांसद भी हैं. भाजपा गठबंधन ने इतिहास रचते हुए पहली बार पूर्वोत्तर के किसी राज्य में सरकार बनाई थी.
मेघालय में एनपीपी प्रमुख कॉनराड संगमा मुख्यमंत्री हैं उन्हें बाहर से बीजेपी ने समर्थन दिया है. कॉनराड संगमा की गठबंधन की सरकार है इनमें 19 विधायक एनपीपी के, 6 यूनाईटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट, 4 पीपुल्स डेमोक्रेटिक पार्टी, 2 हिल स्टेट डेमोक्रेटिक पार्टी (एचएसपीडीपी), 2 बीजेपी के और 1 निर्दलीय विधायक शामिल हैं.
त्रिपुरा में भाजपा के मुख्यमंत्री बिप्लव देव हैं और यहां भी गठबंधन की सरकार है.त्रिपुरा में 25 साल से लगातार सरकार चला रहे लेफ्ट के ‘किले’ को बीजेपी ने ढहाया. भाजपा और इंडिजिनस पीपुल्स फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (आईपीएफटी) गठबंधन को 59 सीटों में से 43 सीटों पर जीत मिली है.
नागालैंड में एनडीपीपी के नेता नेफ़ियू रियो मुख्यमंत्री के दावेदार हैं, वहां बीजेपी, एनडीपीपी और जेडीयू के साथ सरकार बनाने की स्थिति में है.
मिज़ोरम-मिजो नेशनल फ्रंट के अध्यक्ष जोरमथांगा मुख्यमंत्री बने और 40 विधानसभा सीट वाले मिजोरम में 26 सीटें जीतकर बहुमत की सरकार बनाई.
सिक्किम– पवन चामलिंग दिसंबर 1994 में मुख्यमंत्री बने थे.सत्तारूढ़ सिक्किम डेमोक्रेटिक फ्रंट (एसडीएफ) के संस्थापक अध्यक्ष हैं.
अरुणाचल प्रदेश में भाजपा के पेमा खांडू मुख्यमंत्री हैं.
मणिपुर-मणिपुर में एनपीएफ समर्थित भाजपा सरकार है और वहां एन बीरेन सिंह मुख्यमंत्री हैं. मणिपुर का हालिया डेवल्पमेंट यह है कि एनपीएफ नेता और नागालैंड के पूर्व मुख्यमंत्री टीआर जेलियांग ने कहा है कि वह कभी भी भाजपा से समर्थन वापस ले सकते हैं और अपनी बात उन्होंने ट्विटर पर लिखी है.
सामाजिक और धार्मिक स्थिति
पूर्वोत्तर राज्यों का बड़ा भाग आदिवासी है. यहां मिजोरम में 94 फीसदी आदिवासी है वहीं नागालैंड और मेघालय में में 86-87 फीसदी जनसंख्या आदिवासियों की है जबकि त्रिपुरा सिक्किम में भी तीसरी बड़ी जनसंख्या इनकी ही है. जबकि क्रिश्चियन मेघालय, नागालैंड और मिजोरम में और बुद्धिस्म सिक्किम में बहुसंख्यक है.