गुवाहाटी: मणिपुर के चुराचांदपुर जिले के बोलकोट गांव के चार लापता लोगों का परिवार उत्सुकता से उनके बारे में किसी खबर का इंतज़ार कर रहा है. उन्हें हल्की सी उम्मीद है कि वे अभी भी जीवित हो सकते हैं.
स्थानीय सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि मंगलवार को कांगपोकपी जिले के कांगचुप चिंगखोंग गांव से सशस्त्र बदमाशों द्वारा कथित तौर पर अपहरण किए जाने के बाद वर्तमान में “लापता” माने जा रहे चार मध्यम आयु वर्ग के कुकी-ज़ो नागरिक, भारतीय सेना में एक सेवारत सैनिक से संबंधित बताए जा रहे हैं. उन्होंने कहा कि लापता व्यक्तियों के परिजन “सदमे” में हैं.
अपहरण की घटना के बाद कुकी और मैतेई समुदायों के लोगों के बीच गोलीबारी हुई, जिसके बाद गांव के मैतेई रक्षा स्वयंसेवकों और दो मणिपुर पुलिस कमांडो सहित कम से कम नौ लोग घायल हो गए. स्थानीय सूत्रों के मुताबिक इंफाल पश्चिम जिले की कांगचुप तलहटी में गांव की सुरक्षा करने वाले सशस्त्र समूहों के बीच गोलीबारी सुबह 11.30 बजे से दोपहर 2 बजे के बीच लगभग तीन घंटे तक जारी रही.
कुकी-ज़ो जनजातियों के एक सिविल सोसायटी ऑर्गेनाइज़ेशन, इंडिजिनस ट्राइबल लीडर्स फोरम (आईटीएलएफ) द्वारा जारी एक बयान में कहा गया है कि दो महिलाओं सहित चार नागरिकों को बोलकोट से चुराचांदपुर में एल फ़ैजांग जाते वक्त कांगचुप चिंगखोंग के पास कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था. आईटीएलएफ ने आरोप लगाया कि उन्हें सशस्त्र मैतेई समूह अरामबाई तेंगगोल ने अपहरण कर लिया था.
आईटीएलएफ के एक नेता ने दिप्रिंट को बताया कि परिवार चुराचांदपुर में एक शादी समारोह में शामिल होने के लिए यात्रा कर रहा था, लेकिन शायद रास्ता भटक जाने के कारण वे ‘दुर्घटनावश’ कांगपोकपी जिले के मैतेई इलाके में उतर गए. आईटीएलएफ नेता ने बताया कि वे मुख्य सड़क के बजाय चुराचांदपुर को कांगपोकपी से जोड़ने वाली कनेक्टिंग रोड से गए होंगे.
मणिपुर पुलिस ने मंगलवार देर शाम एक्स पर एक पोस्ट में घटना की पुष्टि की और कहा कि सुरक्षा बल “लापता व्यक्तियों का पता लगाने और उन्हें बचाने” के लिए सक्रिय रूप से काम कर रहे हैं.
On 07.11.2023, at Kangchup Chingkhong, a Bolero carrying five individuals(2 women and 3 men) en-route from Churachandpur to Leimakhong was confronted by an enraged mob. The mob forcibly took away four of them, while one escaped. One person from the group was later rescued by…
— Manipur Police (@manipur_police) November 7, 2023
स्थानीय और रक्षा सूत्रों ने बताया कि जिस बोलेरो कार में वे यात्रा कर रहे थे, उसमें ड्राइवर सहित पांच लोग सवार थे. इनमें से एक व्यक्ति को गंभीर अवस्था में सुरक्षा बलों ने बचा लिया.
जिस घायल वरिष्ठ नागरिक की पहचान की गई है उनका नाम मंगलुन हाओकिप और उम्र 65 साल है. वे बोलकोट के रहने वाले हैं. बताया जा रहा है कि वह सेना में सेवारत जवान के पिता हैं, उन्हें लीमाखोंग सैन्य अस्पताल ले जाया गया, जहां से उन्हें आगे के इलाज के लिए उन्हें नागालैंड के दीमापुर ले जाया गया.
आईटीएलएफ की विज्ञप्ति में कहा गया है, “उन्हें (मंगलुन हाओकिप को) मरा हुआ समझकर छोड़ दिया गया था. बाद में सीआरपीएफ कर्मियों ने उन्हें ढूंढ निकाला और लीमाखोंग पहुंचाया. उनकी चोटों की गंभीरता के कारण, उन्हें पड़ोसी राज्य में ले जाया गया है.”
मणिपुर में हिंसा शुरू होने के छह महीने बाद भी राज्य में खून-खराबा जारी है. जातीय संघर्ष के कारण हजारों नागरिकों की जानें गईं, तमाम लोगों को चोटें आईं और ढेर सारे लोगों का विस्थापन हुआ है.
स्थानीय सूत्रों के मुताबिक, घटना सुबह-सुबह हुई जब भीड़ कांगचुप चिंगखोंग से आगे बढ़ी और क्षेत्र में एक सुरक्षा चौकी के पास पांच कुकी-ज़ो यात्रियों को ले जा रहे वाहन को पलट दिया. आईटीएलएफ ने मंगलवार शाम को अपनी प्रेस विज्ञप्ति में कहा, इसके तुरंत बाद, “फ्रंटलाइन के पास गुस्साए आदिवासी स्वयंसेवकों ने मैतेई पक्ष पर गोलीबारी की.” जिसके कारण गोलीबारी हुई.
सिविल सूत्रों ने बताया कि कुछ घायल लोगों को, जिनमें से ज्यादातर को गोली लगी है, इंफाल के क्षेत्रीय आयुर्विज्ञान संस्थान और राज मेडिसिटी अस्पतालों में स्थानांतरित कर दिया गया है.
इस बीच, आईटीएलएफ ने केंद्रीय सुरक्षा बलों से लापता नागरिकों को बचाने के लिए एक अभियान शुरू करने का आग्रह किया है, यह कहते हुए कि यह आशंका है कि “वे मारे गए होंगे या उन्हें प्रताड़ित किया जा रहा होगा”.
एक रक्षा कर्मी ने कहा, ”लापता नागरिकों का पता लगाने के लिए हर स्तर पर प्रयास जारी हैं.”
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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