हालांकि अभी भी मैच लीग चरण में है, भारतीय क्रिकेट में एक तेज बदलाव का जश्न मनाया जाना चाहिए: बल्लेबाजी से गेंदबाजी तक. धीमी घरेलू पिचों पर बुमराह, शामी और सिराज की गेंदबाजी की कातिलाना और घातक सटीकता, कुलदीप व जडेजा की चालाकी- यह विश्व कप के एक प्रशंसक के मजे और क्रिकेट की दुनिया के लिए ईर्ष्या की बात है.