नई दिल्लीः एग्ज़िट पोल के नतीजों की मानें तो एक बार फिर से मोदी सरकार है. लेकिन दक्षिण भारत में भाजपा को कर्नाटक को छोड़ कहीं भी बड़ी कामयाबी नहीं मिलती दिख रही है. आज तक एक्सिस के एग्ज़िट पोल के अनुसार कर्नाटक में बीजेपी को 28 में से 21-25 सीटें मिलने का अनुमान है. वहीं आंध्र की 25 में से 4-6 सीटें टीडीपी को और वाईएसआर कांग्रेस को 18-20 सीटें मिल सकती हैं जबकि बीजेपी और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान है. एक सीट अन्य को मिल सकती है. बीजेपी एक तरह से यहां पूरी तरह फ्लॉप साबित हो रही है.
आज तक-एक्सिस के एग्ज़िट पोल के मुताबिक तेलंगाना में बीजेपी को 1-3, कांग्रेस को 1-3 और टीआरएस को 10-12 सीट जबकि एआईएमआईएम को 1 सीट मिलने का अनुमान है.
वहीं इस पोल के मुताबिक तमिलनाडु में एनडीए को 0-4 तो यूपीए को जबर्दस्त फायदा होते हुए 34-38 सीटें मिलने का अनुमान है.
जबकि आईएएनएस सीवोटर एक्जिट पोल में तेलंगाना में टीआरएस को 17 में से 14 सीटें मिलने का अनुमान जताया गया है.
आज तक-एक्सिस के अनुसार केरल की 20 सीटों में से बीजेपी को 1 सीट मिल सकती जिससे राज्य में पहली बार बीजेपी का खाता खुल सकता है. कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ को 15-16 और लेफ्ट नेतृत्व वाले एलडीएफ को 3-5 सीट मिलने का अनुमान है. आईएएनएस सीवोटर एक्जिट पोल में अनुमान जताया गया है कि केरल में भाजपा को एक भी सीट नहीं मिलेगी.
वहीं तमिलनाडु में इस एग्ज़िट पोल के मुताबिक एनडीए को 4 सीट, यूपीए को 34-38 सीट मिल सकती है. तमिलनाडु में इस लिहाज से कांग्रेस गठबंधन को बड़ी कामयाबी मिल रही है और भाजपा व उसके गठबंधन को बड़ा नुकसान होने जा रहा है. जबकि टाइम्स नाउ-वीवीआर के अनुसार तमिलनाडु में एनडीए को 10 तो यूपीए 28 सीट मिल सकती है.
वहीं 2014 की मोदी लहर में दक्षिण भारत के राज्य भी नहीं बचे थे. केरल को छोड़कर भाजपा दक्षिण के सभी राज्यों में पहुंची और कर्नाटक में तो वह सबसे बड़ी पार्टी बनी थी.
आंध्र प्रदेश
आंध्र प्रदेश में बीजेपी को कोई कामयाबी नहीं मिलती दिख रही है. वहीं वाईएसआर कांग्रेस टीडीपी पर काफी भारी दिख रही है. राज्य की 25 में से 4-6 सीटें टीडीपी को और वाईएसआर कांग्रेस को 18-20 सीटें मिल सकती हैं जबकि बीजेपी और कांग्रेस को एक भी सीट नहीं मिलने का अनुमान है. एक सीट अन्य को मिल सकती है. बीजेपी एक तरह से यहां पूरी तरह फ्लॉप साबित हो रही है.
ध्यान देने वाली बात है कि 2014 में दक्षिण भारत के सबसे बड़े राज्य आंध्र प्रदेश में तेलंगाना भी शामिल था. तब राज्य में कुल 42 सीटें थीं. अब आंध्र में 25 सीटे हैं. इस बार तेलुगु देसम पार्टी भाजपा का साथ छोड़कर गठबंधन से बाहर हो चुकी है. लिहाजा इस बार तेदेपा, भाजपा और टीआरएस के बीच यहां त्रिकोणीय मुकाबला है.
तेलंगाना
आज तक एक्सिस के एग्ज़िट पोल के अनुसार तेलंगाना में बीजेपी को 1-3, कांग्रेस को 1-3 और टीआरएस को 10-12 सीट जबकि एआईएमआईएम को एक सीट मिलने का अनुमान है. तमिलनाडु में एनडीए को 0-4 तो यूपीए को जबर्दस्त फायदा होते हुए 34-38 सीटें मिलने का अनुमान है.
न्यूज 18 चैनल के अनुसार तेलंगाना 17/17- में से टीआरएस तेलंगाना में सबसे बड़ी पार्टी के रूप में उभर रही है. आईपीएसओएस एग्ज़िट पोल में तेलंगाना 12-14 सीटों के साथ बढ़त बनाए हुए है.
वहीं आज तक एक्सिस के एग्ज़िट पोल के अनुसार तेलंगाना में टीआरएस नंबर वन, ओवैसी को सिर्फ एक सीट मिल सकती है.
तेलंगाना में कुल 17 सीटे हैं. यहां मुख्य मुकाबला टीआरएस, बीजेपी, कांग्रेस के बीच है. तेलंगाना राष्ट्र समिति के नेता के. चन्द्रशेखर राव पहली लोक सभा लड़ रहे हैं. यहां पार्टी का 17 में से 11 लोकसभा सीटों पर कब्ज़ा है. केसीआर पर भाजपा की ओर नर्म होने का आरोप है. 2014 में भाजपा को यहां से एक सीट मिली थी.
यह भी पढ़ेंः 7 चरण के चुनाव की 7 सबसे बड़ी बातें, जो मीडिया में छाई रहीं
कर्नाटक
आज तक एक्सिस के एग्ज़िट पोल के अनुसार कर्नाटक में बीजेपी को 28 में से 21-25 सीटें मिलने का अनुमान है. राज्य में कुल 28 सीट हैं. 2014 में बीजेपी का सबसे शानदार प्रदर्शन इसी राज्य में हुआ था. हालांकि 2004 और 2009 के प्रदर्शनों से यह कम रहा है. लेकिन साउथ के बाकि राज्यों की तुलना में पार्टी यहां सबसे ज्यादा सीटें जीती है. यहां पार्टी के पास 17, कांग्रेस के पास 9 और जेडीएस के पास 2 सीटें हैं. इस बार इन सीटों को बचाना भाजपा के लिए जहां बड़ी चुनौती होगी, वहीं विपक्ष के लिए इन्हें छीनना.
केरल
आज तक एक्सिस के एग्ज़िट पोल के अनुसार केरल की 20 सीटों में से एनडीए को 1 सीट मिल सकती है जिससे उसका राज्य में पहली बार खाता खुल सकता है. कांग्रेस नेतृत्व वाले यूडीएफ को 15-16 और लेफ्ट नेतृत्व वाले एलडीएफ को 3-5 सीट मिलने का अनुमान है.
बता देंकि राज्य में कुल 20 सीटें हैं. यहां आम तौर पर सीपीएम के नेतृत्व वाले लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट (एलडीएफ) और कांग्रेस के नेतृत्व वाली युनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट के बीच मुकाबला होता है. एलडीएफ के पास 8 और यूडीएफ के पास 12 सीटें हैं. यहां बीजेपी को एक भी सीट नहीं मिली है. इस बार पार्टी पूरे दमखम से केरल में खाता खोलना चाहती है.
यह भी पढ़ेंः ओपिनियन पोल: और 3 महीने में एनडीए हल्की बढ़त से पहुंची बहुमत की ओर
तमिलनाडु
वहीं तमिलनाडु में आज तक एक्सिस के एग्ज़िट पोल के मुताबिक एनडीए को 4 सीटें, यूपीए को 34-38 सीट मिल सकती है. तमिलनाडु में इस लिहाज कांग्रेस गठबंधन को बड़ी कामयाबी मिल रही है और भाजपा व उसके गठबंधन को बड़ा नुकसान होने जा रहा है. जबकि टाइम्स नाउ-वीवीआर के अनुसार तमिलनाडु में एनडीए को 10 तो यूपीए 28 सीट मिलने का अनुमान है.
बता दें कि यहां कुल 39 सीटें हैं. एक सीट बीजेपी, एक पीएमके और 37 सीटें एआईडीएमके के खाते में हैं. जयललिता के निधन के बाद तमिलनाडु की राजनीति में बड़ा परिवर्तन हुआ है. एक जगह खाली है, जिसको भरने के लिए नये समीकरण बन रहे हैं. इस बार बीजेपी और सत्ताधारी एआईएडीएमके बीच समझौता हो गया है. 39 सीटों में से पीएमके के खाते में 7और बाकि 27 एआईएडीएमके के खाते में हैं. बीजेपी को पांच सीटें मिली हैं.
इस बार अभिनेता कमल हासन तमिलनाडु में नई पार्टी के साथ नये राजनीतिक हालात का फायदा उठाने की कोशिश में हैं. हासन ने ‘मक्कल नीधि मय्यम’ यानि न्याय केंद्र पार्टी बनाई है.