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Friday, 22 November, 2024
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अमेरिका स्थित आतंकवादी पन्नून ने सिखों को दी चेतावनी, कहा- 19 नवंबर को एयर इंडिया में यात्रा न करें

भारत में घोषित आतंकवादी पन्नून ने 'सिखों से 19 नवंबर को पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की जयंती पर एयरलाइन नहीं उड़ाने का आग्रह किया है' और 'एयर इंडिया की वैश्विक नाकेबंदी' का आह्वान किया है.

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नई दिल्ली : भारत द्वारा घोषित आतंकवादी गुरपतवंत सिंह पन्नून ने 19 नवंबर को सिखों को एयर इंडिया में यात्रा करने के खिलाफ “धमकी जारी की” है और एयरलाइन में यात्रा करने को चेताया है.

यह दिन पूर्वप्रधान मंत्री इंदिरा गांधी की जयंती का है, जिनकी 1984 में स्वर्ण मंदिर में ऑपरेशन ब्लू स्टार को लेकर हत्या कर दी गई थी.

प्रतिबंधित सिख फॉर जस्टिस (एसएफजे) संगठन के संस्थापक और कनाडा व अमेरिका दोनों की दोहरी नागरिकता रखने वाले पन्नून ने एक्स (पूर्व में ट्विटर) खातों पर एक एक वीडियो जारी किया है, जिसमें कहा गया है कि सिख अगर एयरलाइन से यात्रा करते हैं तो अपनी जान जोखिम में डालेंगे.

पन्नून का वीडियो इसलिए महत्वपूर्ण है क्योंकि यह यूएस वर्ल्ड ट्रेड सेंटर पर 9/11 के हमले- 23 जून, 1985 को एयर इंडिया फ्लाइट 182 पर बमबारी से पहले विमानन आतंकवाद के सबसे घातक कृत्यों में से एक की याद दिलाता है- जो कनाडा से भारत जा रहा था. विमान में सवार सभी 329 यात्री मारे गए थे और हमले सिख चरमपंथियों द्वारा किए गए थे, जैसा कि दिप्रिंट ने पहले इसकी रिपोर्ट की है.


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ताजा वीडियो में, पन्नून ने 19 नवंबर को एयरलाइन की वैश्विक नाकेबंदी का भी आह्वान किया है. यह तारीख आईसीसी पुरुष क्रिकेट विश्व कप के फाइनल के साथ मेल खाती है, एक घटना जिसे पन्नून वीडियो में “विश्व आतंक कप” के रूप में संदर्भित करता है.

यह पहली बार नहीं है जब पन्नून ने भारत और भारतीयों को निशाना बनाते हुए धमकियां दी हैं, जैसा कि इस साल 18 सितम्बर को कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के भारत सरकार के एजेंटों और सिख चरमपंथी हरदीप सिंह निर्जर की हत्या को लेकर “संभावित संबंध” के आरोपों के बाद कनाडा और भारत के बीच तनाव शुरू हो गया था.

नई दिल्ली ने ओटावा के आरोपों को “बेतुका और प्रेरित” बताते हुए खारिज कर दिया है. कनाडा और भारत दोनों ने एक-दूसरे के राजनयिकों को निष्कासित कर दिया है.

सितम्बर में, ट्रूडो के आरोपों के बाद, पन्नून के हिंदू इंडो-कनाडाई लोगों को धमकी देने और उन्हें भारत लौटने के लिए कहने के वीडियो सामने आए थे, जैसा कि दिप्रिंट ने पहले रिपोर्ट किया था.

कौन है पन्नून

पन्नून अमृतसर से कानून का स्नातक है, जो कथित तौर पर 2007 में भारत से भागकर अमेरिका चला गया था. तब से उसने एसएफजे की स्थापना की है, और खुद को विदेश में कानून के वकील के रूप में स्थापित किया. राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) ने 2019 में पन्नून के खिलाफ अपना पहला मामला दर्ज किया था.

दिप्रिंट की रिपोर्ट के अनुसार, एनआईए ने 3 फरवरी, 2021 को उसकी गिरफ्तारी के वारंट जारी किए और नवंबर 2022 में उसे अपराधी घोषित कर दिया गया.

सोशल मीडिया पर अपने वीडियो के माध्यम से, पन्नून ने एक अलग खालिस्तान राज्य की मांग की है और अमेरिकी अदालतों में मामले चलाकर कथित तौर पर 1984 के सिख विरोधी दंगों से जुड़े भारतीय राजनेताओं के खिलाफ एसएफजे का अभियान चला रखा है.

ऐसा कहा जाता है कि उसने पिछले साल मई में धर्मशाला में हिमाचल प्रदेश विधानसभा भवन के द्वार पर खालिस्तानी झंडा फहराने का श्रेय लेने का दावा किया था, लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराने की धमकी दी थी, कथित तौर पर उसने 5,00,000 अमेरिकी डॉलर की पेशकश की थी जो कोई भी लाल किले पर खालिस्तानी झंडा फहराता और 2023 के अंत तक पंजाब को भारत से “मुक्त” करने का दावा करते हुए वीडियो पोस्ट किया.

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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