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Saturday, 21 December, 2024
होमराजनीति‘CBI जांच के लिए तैयार हूं’, पैसे के बदले अडाणी से सवाल के आरोप को महुआ मोइत्रा ने किया खारिज

‘CBI जांच के लिए तैयार हूं’, पैसे के बदले अडाणी से सवाल के आरोप को महुआ मोइत्रा ने किया खारिज

‘द टेलीग्राफ’ को दिए इंटरव्यू में महुआ मोइत्रा ने कहा कि बतौर सांसद उन्हें सवाल पूछने, जानकारी हासिल करने के लिए सभी तरीके अपनाने और प्रश्न पूछने के लिए उन्हें दी गई किसी भी जानकारी का उपयोग करने की अनुमति है.

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कोलकाता: तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद महुआ मोइत्रा ने कहा है कि उन्होंने कारोबारी गौतम अडाणी नी के “सवाल के बदले पैसे” की पेशकश को ठुकरा दिया है. उन्होंने अपने ऊपर लगे आरोपों को — एक व्यवसायी के कहने पर संसद में सवाल पूछने के लिए नकद लेने के — एक “विस्तारित बदनामी अभियान” बताते हुए कहा कि ये “मुझे छह महीने के लिए संसद से बाहर निकालने की कोशिश करने के लिए बुरी तरह से तैयार किया गया काम” है.

‘द टेलीग्राफ’ को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा, “बतौर सांसद उन्हें सवाल पूछने, जानकारी हासिल करने के लिए सभी तरीके अपनाने और प्रश्न पूछने के लिए उन्हें दी गई किसी भी जानकारी का उपयोग करने की अनुमति है…मैं किसी को भी इस बात को साबित करने के लिए चुनौती दे सकती हूं कि एक रुपये का भी लेनदेन कभी हुआ है.”

पश्चिम बंगाल के कृष्णानगर का प्रतिनिधित्व करने वाली मोइत्रा पर व्यवसायी दर्शन हीरानंदानी से उनकी संसद लॉग-इन आईडी और पासवर्ड के बदले नकद और महंगे उपहार लेने का आरोप लगाया गया है.

अब इस मामले की जांच लोकसभा की आचार समिति कर रही है, जो 26 अक्टूबर को मामले की सुनवाई करेगी.

समिति के समक्ष दायर एक हलफनामे में हीरानंदानी ने मोइत्रा पर “पीएम मोदी पर हमला” करने के लिए गौतम अडाणी के बारे में असत्यापित जानकारी फैलाने का आरोप लगाया है. हालांकि, मोइत्रा ने हलफनामा खारिज कर दिया और कहा है कि हीरानंदानी को इसे लिखने के लिए मजबूर किया गया था.

यह पूछे जाने पर कि तृणमूल कांग्रेस आरोपों पर चुप क्यों है, मोइत्रा ने कहा, “मैं सत्ता के सामने सच बोलती हूं और सत्य को बैकअप ताकतों की ज़रूरत नहीं होती है. मैं यह लड़ाई जारी रखूंगी.”

तृणमूल कांग्रेस के सांसद और राज्यसभा में पार्टी के नेता डेरेक ओ’ब्रायन ने रविवार को समाचार एजेंसी पीटीआई से कहा था कि मोइत्रा के खिलाफ लगाए गए आरोप “यह विषय एक निर्वाचित संसद सदस्य, उनके अधिकारों और विशेषाधिकारों से जुड़ा हुआ है, इसलिए इस मामले की जांच संसद के उपयुक्त मंच द्वारा कराई जाए.”

उन्होंने कहा, जिसके बाद पार्टी नेतृत्व निर्णय लेगा.”

अगस्त में वित्तीय धोखाधड़ी के एक कथित मामले में सांसद नुसरत जहां का नाम सामने आने पर तृणमूल कांग्रेस ने भी टिप्पणी करने से परहेज किया था.


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‘मोइत्रा एक मजबूत नेता’

मोइत्रा का विवादों में आना कोई नई बात नहीं है, लेकिन ऐसा प्रतीत होता है कि टीएमसी की चुप्पी ने भाजपा को तृणमूल के दिग्गज नेता के साथ-साथ पार्टी पर हमला करने के लिए और अधिक मौका दे दिया है.

एक्स पर, बीजेपी के बंगाल प्रभारी अमित मालवीय ने कहा, “यह आश्चर्य की बात नहीं है कि ममता बनर्जी ने महुआ मोइत्रा को छोड़ दिया है”.

उन्होंने कहा, “वह अभिषेक बनर्जी के अलावा किसी और का बचाव नहीं करेंगी, जो कम अपराधी नहीं हैं…कई टीएमसी नेता गंभीर भ्रष्टाचार और आपराधिक आरोपों में जेल में हैं, लेकिन ममता बनर्जी ने चुप्पी साध रखी है.”

हालांकि, तृणमूल के अंदरूनी सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि पार्टी इसे नज़रअंदाज कर रही है क्योंकि “महुआ मोइत्रा एक मजबूत नेता हैं जो अपनी लड़ाई खुद लड़ सकती हैं और उन्हें अपने बचाव के लिए किसी की ज़रूरत नहीं है”.

पार्टी के एक नेता ने कहा कि वरिष्ठ नेतृत्व मोइत्रा के संपर्क में है और वह बयान जारी करने से पहले उनसे सलाह ले रही हैं.

जानकारी मिली है कि तृणमूल कांग्रेस के दूसरे नंबर के नेता अभिषेक बनर्जी को लूप में रखा जा रहा है क्योंकि ममता बनर्जी अपने कालीघाट स्थित आवास पर मेडिकल निगरानी में हैं.

मोइत्रा के खिलाफ सबसे पहले लोकसभा अध्यक्ष के पास शिकायत दर्ज कराने वाले भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने भी उनके खिलाफ लोकपाल जांच की मांग की है.

गोड्डा से भाजपा सांसद ने कहा कि उनके पास महुआ मोइत्रा के पूर्व साथी जय अनंत देहाद्राई द्वारा लिखा गया एक पत्र है जिसमें “नकद लेनदेन की जानकारी दी गई है”.

अपनी ओर से मोइत्रा ने कहा है कि वह सीबीआई जांच के लिए भी तैयार हैं.

शनिवार को उन्होंने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “सीबीआई छापे के बारे में एक संदेश मिला. मैं दुर्गा पूजा में व्यस्त हूं. मैं सीबीआई को घर आने और मेरे जूतों की जोड़ी गिनने के लिए आमंत्रित करती हूं, लेकिन पहले कृपया अडाणी द्वारा भारतीयों से चुराए गए 13,000 करोड़ रुपये के कोयला धन के मामले में एफआईआर दर्ज करें.”

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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