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Sunday, 29 September, 2024
होमदेश‘फिलिस्तीन के लिए फंड जुटाने’ की पोस्ट फेसबुक पर शेयर करने से यूपी पुलिस का कांस्टेबल निलंबित

‘फिलिस्तीन के लिए फंड जुटाने’ की पोस्ट फेसबुक पर शेयर करने से यूपी पुलिस का कांस्टेबल निलंबित

यह कार्रवाई यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा पुलिस को इज़रायल-हमास संघर्ष पर केंद्र के विचारों के विपरीत किसी भी गतिविधि के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने के लिए कहने के कुछ दिनों बाद की गई है.

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लखनऊ: ‘‘फिलिस्तीनियों की मदद’’ के लिए फंड जुटाने वाले एक कथित अमेरिकी-आधारित चैरिटी संगठन की फेसबुक पर एक पोस्ट साझा करने के कुछ दिनों बाद, उत्तर प्रदेश पुलिस के एक कांस्टेबल को निलंबित कर दिया गया है और उनके खिलाफ विभागीय जांच शुरू की गई है.

कांस्टेबल की पहचान सुहैल अंसारी के रूप में हुई है, जो बरेली का रहने वाले हैं और लखीमपुर खीरी पुलिस लाइन में तैनात थे. वे जिला पुलिस की ड्रोन निगरानी टीम का भी हिस्सा थे.

लखीमपुर खीरी के पुलिस अधीक्षक (एसपी) गणेश साहा ने दिप्रिंट को बताया, शुरुआती जांच में पाया गया कि कांस्टेबल ने ‘‘फिलिस्तीनियों की मदद’’ के लिए फंड जुटाने के बारे में अपने फेसबुक अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर की थी, जिसमें कहा गया था कि ‘एक रीपोस्ट एक अमेरिकी डॉलर के बराबर’. उन्हें शनिवार को निलंबित कर दिया गया और उनके खिलाफ एक विभागीय जांच शुरू की गई है, जो सर्कल अधिकारी (सदर) संदीप सिंह द्वारा संचालित की जाएगी.”

पुलिस के मुताबिक, फेसबुक पोस्ट सबसे पहले पिछले हफ्ते बरेली में व्हाट्सएप ग्रुप्स में वायरल हुई, जिसके बाद शहर पुलिस को सूचित किया गया.

इसके बाद शहर पुलिस ने यूपी पुलिस मुख्यालय को सूचित किया कि जिस कांस्टेबल ने पोस्ट डाला था, वह लखीमपुर खीरी में तैनात है, जिसके बाद एसपी ने इस बारे में जांच शुरू कर दी.

शुरुआती जांच जिसके कारण कांस्टेबल को निलंबित किया गया, वो लखीमपुर खीरी के अतिरिक्त एसपी नैपाल सिंह द्वारा की गई थी.

दिप्रिंट से बात करते हुए सिंह ने पुष्टि की कि व्हाट्सएप ग्रुप्स में पोस्ट वायरल होने के बाद निलंबन आदेश जारी किया गया था.

कांस्टेबल ने अपनी ओर से अपने वरिष्ठों को बताया कि उनका फोन उनका नाबालिग बेटा संभाल रहा था, जिसने गलती से यह पोस्ट उसके फेसबुक अकाउंट पर डाल दी थी.

जांच से जुड़े पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने दिप्रिंट को बताया, “उन्होंने कहा है कि उनका बेटा उनका फोन संभाल रहा था और उसने गलती से इसे पोस्ट कर दिया, लेकिन जब लोग किसी जांच का सामना कर रहे होते हैं तो ज्यादातर लोग यही कहते हैं.”

यह पहली घटना है जब इज़रायल-हमास संघर्ष के संबंध में सोशल मीडिया पोस्ट जारी करने के लिए यूपी सरकार के किसी अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की गई है.

पिछले गुरुवार को खबर आई थी कि यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य पुलिस को इज़रायल-हमास संघर्ष पर केंद्र के “विचारों के विपरीत किसी भी गतिविधि” के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया है.

छात्र, मौलवी और डॉक्टर नज़र के घेरे में

पिछले सोमवार को इज़राइल पर हमास के हमले के दो दिन बाद, अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी के चार स्टूडेंट्स पर फिलिस्तीनी मुद्दे के समर्थन में यूनिवर्सिटी कैंपस में मार्च निकालने के लिए मामला दर्ज किया गया था.

जानकारी के मुताबिक, हमीरपुर के एक मौलवी, जिनका नाम सुहैल अंसारी है, को कथित तौर पर सोशल मीडिया पर पोस्ट शेयर करने के आरोप में शनिवार को गिरफ्तार किया गया था, जिसमें कहा गया था कि वे “फिलिस्तीनियों का समर्थन” करते हैं और लोगों को एक मस्जिद में इकट्ठा होने के लिए कह रहे थे.

इसी मामले में अंसारी पर एक अन्य मौलवी आतिफ चौधरी के साथ भारतीय दंड संहिता की धारा 153-ए (समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना) और 505 (2) (शत्रुता, घृणा या दुर्भावना पैदा करने या बढ़ावा देने वाले बयान) के तहत हमीरपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है.

इज़रायल-फिलिस्तीन संघर्ष के संबंध में व्हाट्सएप पर मुसलमानों के खिलाफ आपत्तिजनक टिप्पणी करने के आरोप में शुक्रवार को बरेली के डॉक्टर परमेंद्र माहेश्वरी के खिलाफ धारा 153-ए और 295-ए के तहत एफआईआर दर्ज की गई थी.

बरेली पुलिस के मुताबिक, चौधरी को पकड़ने के लिए छापेमारी की जा रही है जबकि माहेश्वरी को अभी तक गिरफ्तार नहीं किया गया है.

(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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