नई दिल्लीः ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद ज़रीफ देश पर कठोर आर्थिक प्रतिबंधों की पृष्ठभूमि में मंगलवार को भारत पहुंचे हैं. उन्होंने वाशिंगटन के साथ बढ़ते तनाव के बीच भारत के साथ तेहरान और नई दिल्ली के बीच द्विपक्षीय संबंधों को बढ़ाने पर जोर देने की इच्छा जताई है.
बता दें के अमेरिका ने एक मई के बाद से भारत के ईरान से तेल खरीदने पर जारी छूट पर बैन लगा दिया है.
Delhi: Iranian Foreign Minister Mohammad Javad Zarif arrives in India. He is on a two-day official visit to the country. pic.twitter.com/yWdWhOHlKA
— ANI (@ANI) May 13, 2019
विदेश मंत्री सुषमा स्वराज से मिलने से पहले ज़रीफ ने कहा, ‘भारत हमारा अति महत्वपूर्ण सहयोगी, आर्थिक सहयोगी, राजनीतिक और क्षेत्रीय सहयोगी है.’
Iranian Foreign Minister Mohammad Javad Zarif on US-Iran conflict: Unfortunately the United States has been escalating the situation unnecessarily. We do not seek escalation but we have always defended ourselves. https://t.co/tD5gMKi974
— ANI (@ANI) May 13, 2019
अमेरिका और ईरान के बीच बढ़ते तनाव को लेकर जरीफ ने कहा, दुर्भाग्यवश, अमेरिका हालात को अनावश्यक रूप से बढ़ा रहा है. हम इसे बढ़ाना नहीं चाहते लेकिन हमने हमेशा खुद को बचाया है.
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यूरोप ने अमेरिका को ईरान के साथ तनाव न बढ़ाने की चेतावनी दी
वहीं यूरोपीय संघ (ईयू) और सदस्य देशों के विदेश मंत्रियों ने अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पोम्पियो से कहा है कि वे अधिक से अधिक संयम बरतें और ईरान के साथ सैन्य तनाव में किसी भी प्रकार की वृद्धि से बचें. ये बातेंं यूरोपीय संघ की शीर्ष राजनयिक फेडेरिका मारिया मोघेरिनी ने कहा.
समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक, मोघेरिनी ने सोमवार को पत्रकारों से कहा, ‘हमने माइक पोम्पियो से स्पष्ट रूप से यह कहा, न सिर्फ मैंने, बल्कि यूरोपीय संघ के सदस्य देशों के अन्य मंत्रियों ने भी कि हम कठिन, नाजुक क्षणों से गुजर रहे हैं, जहां सर्वाधिक जिम्मेदार रवैया अपनाने की जरूरत है और हमारा मानना है कि अधिकतम संयम रखा जाना चाहिए और किसी भी प्रकार के तनाव में वृद्धि से बचना चाहिए.’
उन्होंने कहा कि फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन के साथ बैठक के दौरान ‘हमने उन तरीकों पर चर्चा की, जिनसे हम अगले कुछ हफ्तों में पहले लेन-देन के साथ इंस्टेक्स (इनस्ट्रमेंट इन सपोर्ट ऑफ ट्रेड एक्सचेंजिज) के संचालन पर आगे बढ़ सकते हैं.’
इंस्टेक्स फ्रांस, जर्मनी और ब्रिटेन द्वारा गठित किया गया है और यह अमेरिकी प्रतिबंधों से निपटने व ईरान के साथ व्यापार करने के लिए यूरोपीय संघ द्वारा समर्थित है.