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Friday, 22 November, 2024
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हमास के हमलों से 10 नेपाली नागरिकों की मौत, भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने इजराइल का किया समर्थन

इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास के अहम ठिकानों पर हमले किए. इजराइल और गाजा में करीब 1,000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.

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नई दिल्ली: फलस्तीनी आतंकवादी समूह हमास के रॉकेट हमलों में इजराइल में नेपाल के 10 नागरिकों की मौत हो गयी तथा चार अन्य घायल हुए हैं. विदेश मंत्रालय ने सोमवार को यह जानकारी दी.

हमास ने शनिवार को दक्षिणी इजराइल में हवाई हमले किए जिसमें सैनिकों समेत कम से कम 700 लोगों की मौत हो गयी और करीब 2,000 लोग घायल हुए हैं.

इजराइल रक्षा बल (आईडीएफ) ने जवाबी कार्रवाई करते हुए हमास के अहम ठिकानों पर हमले किए. इजराइल और गाजा में करीब 1,000 लोगों के मारे जाने की पुष्टि हुई है.

वहीं रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी की दौड़ में शामिल निक्की हेली और विवेक रामास्वामी समेत अन्य प्रतिष्ठित भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने हमास के अप्रत्याशित हमलों में सैकड़ों लोगों की मौत के बाद इजराइल का समर्थन किया है.

नेपाल के विदेश मंत्रालय ने यहां एक बयान में बताया कि इजराइल में हमास के हाल के हमले में 10 नेपाली नागरिकों की मौत हो गयी.

उसने बताया कि किब्बुत्ज एलुमिम में एक खेत में काम कर रहे नेपाल के 17 नागरिकों में से दो को सुरक्षित बचा लिया गया, चार घायल हो गए तथा एक अभी लापता है.

यरुशलम में नेपाल दूतावास ने एक बयान में कहा, ‘‘हमें उस घटनास्थल से 10 नेपाली नागरिकों की मौत की सूचना मिली है जहां हमास ने हमला किया था.’’

दूतावास ने कहा, ‘‘हम घटना में मारे गए लोगों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं. एक लापता नेपाली नागरिक की तलाश करने के प्रयास किए जा रहे हैं. शिनाख्त होने के बाद शव जल्द ही नेपाल लाए जाएंगे.’’

नेपाल सरकार ने इजराइली सरकार से अनुरोध किया है कि जिन घायलों का इलाज हो रहा है, उनके लिए आवश्यक बंदोबस्त किए जाए.

मंत्रालय ने कहा कि वह स्वदेश लौटने के इच्छुक अपने नागरिकों को वापस लाने के लिए इजराइली सरकार और तेल अवीव में दूतावास के संपर्क में है.

भारतीय-अमेरिकी नेताओं ने इजराइल का किया समर्थन

हेली ने रविवार को ‘एनबीसी न्यूज’ से कहा, ‘‘हमास और उसका समर्थन कर रही ईरान सरकार ‘‘इजराइल का खात्मा, अमेरिका का खात्मा’ के नारे लगा रहे थे. हमें इसे याद रखना होगा. हम इजराइल के साथ हैं, क्योंकि हमास, हिजबुल्ला, हूती और ईरान समर्थक हमसे नफरत करते हैं.’’

उन्होंने कहा, ‘‘हमें याद रखना होगा कि इजराइल के साथ जो भी हुआ है, वह अमेरिका में भी हो सकता है. मैं उम्मीद करती हूं कि हम सभी एकजुट हैं और इजराइल के साथ खड़े हैं, क्योंकि अभी उन्हें वाकई में हमारी जरूरत है.’’

हेली ने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से ‘‘उनका (हमास का) खात्मा’’ करने को कहा.

हमास फलस्तीनी इस्लामिक आतंकवादी समूह है, जो 2007 से गाजा पट्टी में शासन चला रहा है. गाजा पट्टी की आबादी करीब 23 लाख है. यह इजराइल, मिस्र और भूमध्यसागर से घिरा 41 किलोमीटर लंबा और 10 किलोमीटर चौड़ा क्षेत्र है.

वहीं, रिपब्लिकन पार्टी की ओर से राष्ट्रपति पद की उम्मीदवारी हासिल करने की दौड़ में शामिल रामास्वामी ने कहा कि इजराइल पर हमले से अमेरिका को यह अहम सीख मिली है कि वह अपनी सीमाओं की रक्षा को लेकर लापरवाह नहीं हो सकता.

रामास्वामी ने रविवार को कहा, ‘‘अगर यह वहां हो सकता है, तो यहां भी हो सकता है. अभी हमारी सीमा ही पूरी तरह से लचर है. दक्षिणी सीमा पर हालात खराब हैं और मैं कल उत्तरी सीमा पर गया था, जो आक्रमण के लिए पूरी तरह से खुली हुई है. हमास ने ऐसा वक्त चुना, जब इजराइल घरेलू राजनीति को लेकर पूरी तरह विभाजित है, जैसा कि हमारे देश की स्थिति है.’’

‘यूएस इंडिया स्ट्रैटेजिक एंड पार्टनरशिप फोरम’ (यूएसआईएसपीएफ) के अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (सीईओ) मुकेश आघी ने रविवार को ‘एक्स’ पर लिखा, ‘‘मैं इजराइल के साथ हूं.’’ इस पोस्ट की पृष्ठभूमि में भारत का ध्वज था.

वहीं, भारतीय-अमेरिकी समुदाय के नेता भारत बराई ने हमास और हिजबुल्ला को दुनिया का सबसे बर्बर आतंकवादी संगठन करार दिया.

उन्होंने कहा, ‘‘इजराइल को उस पर हमले, निर्दोष इजराइली नागरिकों की हत्या, अपहरण, दुष्कर्म और प्रताड़ना के लिए इस बर्बर आतंकवादी संगठन का खात्मा करने का पूरा अधिकार है. पूरे सभ्य समाज को हमास और ऐसे ही अन्य बर्बर संगठनों की निंदा करनी चाहिए.’’

भारतीय-अमेरिकी सांसद राजा कृष्णमूर्ति ने कहा कि अमेरिका इस ‘‘जघन्य’’ आतंकवादी हमले के खिलाफ पूरी तरह से इजराइल के लोगों के साथ है और अपनी रक्षा करने के उसके अधिकार का दृढ़ता से समर्थन करता है.

एक अन्य भारतीय-अमेरिकी सांसद डॉ. अमी बेरा ने कहा कि अब पहले से कहीं ज्यादा महत्वपूर्ण है कि अमेरिका अपनी संप्रभुत्ता की रक्षा करने के इजराइल के अधिकार का समर्थन करे.


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