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Thursday, 12 December, 2024
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रिटायर्ड लेफ्टिनेंट कर्नल पर ‘वर्दी और सोशल मीडिया नियम तोड़ने’ का आरोप, मामला दर्ज

रक्षा सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल अविषेक सिन्हा पिछले महीने सेवानिवृत्त हुए और उसके अगले ही दिन उन्हें वर्दी में एक सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पॉडकास्ट में भाग लेते देखा गया.

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नई दिल्ली: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार वर्दी और सोशल मीडिया निर्देशों के कथित दुरुपयोग के लिए सेना द्वारा दायर एक शिकायत पर एक सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल पर मामला दर्ज किया गया है.

रक्षा प्रतिष्ठान के सूत्रों ने बताया कि लेफ्टिनेंट कर्नल अविषेक सिन्हा पिछले महीने (6 अगस्त को) सेवानिवृत्त हुए और  उसके अगले ही दिन उन्हें सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पॉडकास्ट में भाग लेते देखा गया.

नियमों के मुताबिक, रिटायर अधिकारियों को वर्दी पहनने की इजाजत नहीं है.

सूत्रों ने कहा, अधिकारी लेफ्टिनेंट कर्नल के रूप में सेवानिवृत्त हुए, और उसके बाद ही उन्हें एक कर्नल की वर्दी पहने हुए देखा गया (जिसे आम बोलचाल में ‘पूर्ण कर्नल’ भी कहा जाता है), जो एक रैंक अधिक है और इसलिए वह सेवा में रहते हुए भी इसे नहीं पहन सकते है.

सूत्रों ने बताया कि एफआईआर 29 अगस्त को लुधियाना पुलिस स्टेशन में आईपीसी की धारा 140 के तहत दर्ज की गई थी, जो किसी भी ऐसे व्यक्ति को सेना की वर्दी पहनने से रोकती है जो सैनिक नहीं है (यह वायु सेना और नौसेना के लिए भी लागू होता है).

सूत्रों ने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारी ने सेना के लिए विनियम, 2010 (संशोधित संस्करण) के पैराग्राफ 666 के तहत प्रावधानों का भी उल्लंघन किया.

मई में, सेना के अतिरिक्त अनुशासन और सतर्कता निदेशालय ने एक पत्र जारी कर पूर्व सैनिकों को सेना की छवि खराब करने वाले मानदंडों से किसी भी विचलन के मामले में दंडात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी थी.

सलाह में सेना या जवानों से अपनी वर्दी या सामान का दुरुपयोग न करने का भी आह्वान किया गया.

सेना ने चेतावनी दी थी कि इसके परिणामस्वरूप पुलिस मामले दर्ज होने के अलावा पेंशन रोकी जा सकती है या वापस ली जा सकती है.

पेंशन के मुद्दे पर, सेना ने सेना के लिए विनियम, 2008 (भाग- I), पैरा 8 का हवाला दिया है, जिसमें कहा गया है कि एक निर्दिष्ट अवधि के लिए, “सक्षम प्राधिकारी लिखित आदेश द्वारा पेंशन या उसके कुछ हिस्से को स्थायी रूप से रोक या वापस ले सकता है”, यदि याचिकाकर्ता को गंभीर अपराध का दोषी ठहराया जाता है या गंभीर कदाचार का दोषी पाया जाता है.

इसके अलावा, नियमों के पैरा 4 के तहत, भविष्य में अच्छा आचरण पेंशन भत्ता देने के लिए एक निहित शर्त है. इस प्रकार, यदि सक्षम प्राधिकारी द्वारा पेंशनभोगी को गंभीर कदाचार का दोषी पाया जाता है, तो पहले से दी गई पेंशन रोकी जा सकती है.

नोट में कहा गया है कि इस संबंध में सक्षम प्राधिकारी एजी (एडजुटेंट जनरल) हैं.

रक्षा प्रतिष्ठान के एक सूत्र ने कहा कि सेवानिवृत्त अधिकारी के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की कार्रवाई से पता चलता है कि सेना सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का दुरुपयोग करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करेगी.


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