नई दिल्ली: पंजाब के गैंगस्टर और खालिस्तानी समर्थक गैंगस्टर के मारे जाने की खबरें आ रही हैं. रिपोर्ट्स के मुताबिक सुखदूल सिंह उर्फ सुक्खा दुनेके की गैंगस्टर वार के कारण कनाडा में हत्या कर दी गई है. बता दें कि इस हत्या लॉरैंस बिश्नोई गैंग ने हत्या की ज़िम्मेदारी ले ली है.
रिपोर्टों से पता चलता है कि खालिस्तानी अलगाववादी – मूल रूप से मोगा का रहने वाला – बुधवार रात कनाडा के विन्नीपेग में मारा गया है.
समाचार एजेंसी एएनआई ने पंजाब के मोगा स्थित सुक्खा के घर की वीडियो जारी की है जिसमें पुलिस वाले उसके घर पर पहुंचे हैं. वहीं यह भी बता दें कि गुरुवार को राज्य पुलिस द्वारा पंजाब में पंजाब गैंगस्टरों और खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ छापेमारी भी की जा रही है.
#WATCH पंजाब: खबरों के अनुसार कनाडा के विन्निपेग में गैंग लैंड फायरिंग में गैंगस्टर सुखदूल सिंह मौत हो गई है लेकिन अभी इसकी आधिकारिक पुष्टि नहीं है।
वीडियो मोगा स्थित गैंगस्टर सुखदूल सिंह के आवास से है।
आज राज्य पुलिस द्वारा पंजाब में गैंगस्टरों और खालिस्तानी तत्वों के खिलाफ… pic.twitter.com/9VVWKFJWYI
— ANI_HindiNews (@AHindinews) September 21, 2023
एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनेके 2017 में जाली कागजात पर कनाडा भाग गया क्योंकि पुलिस ने उस पर शिकंजा कस लिया था. वह पंजाब में कम से कम सात आपराधिक मामलों में वांछित है.
दुनेके को देश से भागने के लिए पासपोर्ट दिलाने में कथित तौर पर मदद करने के आरोप में पंजाब के दो पुलिसकर्मियों पर पिछले जून में मामला दर्ज किया गया था.
दुनेके की मौत की खबर दोनों देशों के बीच बढ़ते राजनयिक विवाद के बीच आई है, जो इस सप्ताह कनाडाई प्रधान मंत्री जस्टिन ट्रूडो के इस आरोप से शुरू हुआ था कि कनाडाई नागरिक और अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या के लिए भारतीय एजेंट संभावित रूप से जिम्मेदार थे. 45 वर्षीय निज्जर की 18 जून को वैंकूवर के बाहरी इलाके में एक सिख मंदिर के सामने नकाबपोश बंदूकधारियों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी.
कनाडा ने “परिणामस्वरूप” एक भारतीय ख़ुफ़िया अधिकारी को निष्कासित कर दिया. भारत ने इस आरोप को “प्रेरित और बेतुका” कहकर खारिज कर दिया, और जवाबी कार्रवाई में एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को नई दिल्ली से बाहर निकाल दिया.
विदेश मंत्रालय ने उस देश में भारतीय नागरिकों और छात्रों के लिए “अत्यधिक सावधानी” बरतने के लिए एक सलाह भी जारी की.
मंत्रालय ने वहां भारतीय नागरिकों को “कनाडा में बढ़ती राष्ट्र-विरोधी गतिविधियों और राजनीतिक रूप से समर्थित घृणा अपराधों और आपराधिक हिंसा” के बारे में चेतावनी दी.
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