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Wednesday, 20 November, 2024
होमदेशMP में 108 फीट ऊंची 'स्टैच्यू ऑफ वननेस' के अनावरण से पहले शंकराचार्य के लिखे भाष्यों का हो रहा पाठ

MP में 108 फीट ऊंची ‘स्टैच्यू ऑफ वननेस’ के अनावरण से पहले शंकराचार्य के लिखे भाष्यों का हो रहा पाठ

देशभर से जुटे सन्यासियों के समवेत पाठ से अद्वैतमय हुआ ओंकारेश्‍वर, प्रतिमास्‍‍थल पर चल रह है आदि शंकराचार्य के लिखित भाष्‍यों का पारायण.

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भोपाल : आदि शंकराचार्य की ज्ञानभूमि ओंकारेश्‍वर, देशभर से जुटे सन्‍यासियों के मन्‍त्रोचार से अद्वैतमय है. यहां आचार्य शंकर द्वारा लिखे भाष्‍य ग्रन्‍थों का 108 घंटे का पारायण चल रहा है. 18 सितंबर को 108 फीट ऊंची एकात्‍मता की मूर्ति “स्‍टैच्‍यू आफ वननेस’’ के अनावरण समारोह के साक्षी बनने के लिए देशभर के सन्‍यासी साधु-संत और विद्वतजन यहां आ रहे हैं. ओंकारेश्‍वर में समारोह की तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है.

ओंकारेश्‍वर में आचार्य शंकर वाणी का पारायण बुधवार को तीसरे दिन भी अनवरत जारी रहा. देशभर के विभिन्‍न मठों से जुटे 32 सन्‍यासी प्रतिमा स्‍थल पर आचार्य शंकर के लिखित भाष्‍यों का पाठ कर रहे हैं.

आदि शंकरचार्य ने वेदान्‍त (उपनिषद) भगवदगीता और ब्रह्मसूत्र, जिन्‍‍हें प्रस्‍‍थानत्रयी कहते हैं, पर भाष्‍य लिखे हैं. इन्‍ही भाष्यों के श्‍लोकों का 108 घंटे का पारायण चल रहा है, जिसका आज तीसरा दिन था. यह पारायण प्रतिदिन 12 घंटे चलता है.

यह पारायण 11 सितंबर को उपनिषदों (वेदान्‍त) पर लिखे भाष्‍य से प्रारंभ हुआ जो क्रमशः ब्रह्मसूत्र और भगवद्गीता के भाष्य पाठ के पश्चात शंकराचार्य की आरती, विष्णु सहस्त्रनाम तथा तोटकाष्ट्कम के साथ 19 सितंबर को समाप्त होगा.

ज्ञात हो कि विष्णुसहस्त्रनाम पर भाष्य आदि शंकराचार्य ने ओंकारेश्वर में ही लिखा था. भाष्यों के पारायण के लिए 32 संतों के 6 समूह हैं, हर समूह दिन में 2 घंटे पाठ कर रहे हैं, यानी कि प्रतिदिन 12 घंटे.

इन 32 वैदिक विद्वानों के दल का नेतृत्व आचार्य शंकर सांस्कृतिक एकता न्यास के न्यासी तथा आदि शंकर ब्रह्म विद्यापीठ, उत्तरकाशी के आचार्य स्वामी हरिब्रह्मेंद्रानंद तीर्थ कर रहे हैं.

पारायण में सम्मिलित अन्य विद्वान- स्वामी श्रवणानंद गिरि महाराज, स्वामी गौरीशानंद, स्वामी अमृतानंद गिरि, स्वामी विश्वानंद पुरी, स्वामी देवेंद्र सरस्वती, स्वामी आत्मानंद गिरि, स्वामी सुबोधानंद, स्वामी सदाशिवानंद, स्वामी उत्तम आनंद गिरि, स्वामी अनंतात्मानंद तीर्थ, स्वामी परमानंद गिरि, स्वामी ज्योतिर्मयानंद तीर्थ, स्वामी आत्मनिष्ठानंद गिरि, स्वामी हरिओमानंद, ब्रह्मचारी चंदन, ब्रह्मचारी आत्मप्रिय, ब्रह्मचारी सोपान केशव, ब्रह्मचारी श्रीहरि, ब्रह्मचारी आलोक चैतन्य, ब्रह्मचारी भानुदास, ब्रह्मचारी कृष्ण एकनाथ बालासाहेब व ब्रह्मचारी रामदेव हैं.


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