नई दिल्ली: जैसे ही जी20 शिखर सम्मेलन में नई दिल्ली घोषणापत्र सर्वसम्मति से संपन्न हुआ, अधिकांश अंतरराष्ट्रीय मीडिया ने भारत की प्रशंसा की और ग्लोबल साउथ की आवाज़ के रूप में इसके बढ़ते दबदबे की बात की.
वाशिंगटन पोस्ट ने ग्लोबल चिंताओं को दूर करने और सभी विकासात्मक और भू-राजनीतिक मुद्दों पर 100 प्रतिशत आम सहमति प्राप्त करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सराहना की. इसकी लीड स्टोरी का शीर्षक है, ‘‘मोदी की कूटनीतिक जीत के लिए भारत ने जी20 शिखर सम्मेलन में विभाजित विश्व शक्तियों के बीच समझौता किया.’’
दुबई स्थित मीडिया संगठन, गल्फ न्यूज़ ने इस पहलू पर जोर दिया कि कैसे 18वें जी20 शिखर सम्मेलन ने सद्भाव और विविधता में दुनिया को आकार दिया और अपनी खबर को ‘‘18वें जी20 शिखर सम्मेलन: विविधता और सद्भाव की दुनिया को आकार देना’’ शीर्षक के साथ साझा किया.
हालांकि, ऑस्ट्रेलिया के समाचार आउटलेट एबीसी न्यूज़ ने दिल्ली घोषणा को यूक्रेन में संघर्ष पर उसकी भाषा में कमजोर बताया. एबीसी न्यूज़ ने लिखा, ‘‘एंथनी अल्बनीज़ ने जी20 शिखर सम्मेलन के समापन के साथ समझौते को कमज़ोर करने की सराहना की.’’
अल्बनीज़ ने शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा आयोजित जी20 शिखर सम्मेलन को ‘‘सफल’’ बताया और यह भी कहा कि नई दिल्ली शिखर सम्मेलन के बाद दोनों नेताओं के बीच अच्छी द्विपक्षीय वार्ता हुई.
जैसे ही जी20 शिखर सम्मेलन प्रोडक्टिव पहलों के साथ संपन्न हुआ, ब्रिटिश दैनिक ब्रॉडशीट, द टेलीग्राफ ने नई विश्व व्यवस्था का मुख्य आकर्षण बनने के लिए भारत के कदम के बारे में बात की. उनकी खबर थी ‘‘क्यों भारत नई विश्व व्यवस्था का केंद्र बनने की ओर अग्रसर है.’’
जी20 शिखर सम्मेलन में भारत की अध्यक्षता ने जलवायु संकट जैसी आम चुनौतियों से निपटने के साधन के रूप में वैश्विक बहु हितधारक सहयोग को महत्व दिया और वैश्विक सद्भाव और हरित वित्त का मार्ग दिखाया.
जैसा कि जी20 शिखर सम्मेलन खत्म हो गया है कतर के अल जज़ीरा ने इस बात पर प्रकाश डाला कि रूस ने संतुलित घोषणा की सराहना की है. ‘‘शिखर सम्मेलन के समापन पर रूस ने ‘संतुलित’ घोषणा की प्रशंसा की” थी.
साउथ चाइना मॉर्निंग पोस्ट की खबर में कहा गया, ‘‘भारत की बैठक समाप्त होने पर अमेरिका, रूस ने जी20 शिखर सम्मेलन की घोषणा की प्रशंसा की.’’
अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन ने रविवार को कहा था कि इस साल के जी20 शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया है कि समूह अभी भी जलवायु संकट, नाजुकता और संघर्ष के सबसे गंभीर मुद्दों का समाधान निकाल सकता है.
बाइडेन ने एक्स पर कहा, ‘‘ऐसे समय में जब वैश्विक अर्थव्यवस्था जलवायु संकट, नाजुकता और संघर्ष के ओवरलैपिंग झटके से पीड़ित है, इस साल के शिखर सम्मेलन ने साबित कर दिया कि जी20 अभी भी हमारे सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों का समाधान निकाल सकता है.’’
इस बीच, रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने रविवार को नई दिल्ली जी20 शिखर सम्मेलन को ‘‘एक मील का पत्थर’’ बताया और कहा कि भारतीय अध्यक्षता की सक्रिय भूमिका ने इतिहास में पहली बार वैश्विक दक्षिण से जी20 देशों को ‘‘वास्तव में समेकित’’ किया है.
इससे पहले, भारत के G20 प्रेसीडेंसी के मुख्य समन्वयक, हर्ष वर्धन श्रृंगला ने कहा कि G20 शिखर सम्मेलन ने भारत को अपनी विविधता, विरासत और डिजिटल सार्वजनिक बुनियादी ढांचे को प्रदर्शित करने का अवसर प्रदान किया है.
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