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Friday, 22 November, 2024
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चंद्रबाबू नायडू की न्यायिक हिरासत 23 सितंबर तक बढ़ाई गई, तेलुगु देशम पार्टी ने किया राज्य बंद का आह्वान

चंद्रबाबू नायडू को करोड़ों रुपये के कथित भ्रष्टाचार मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद रविवार देर रात राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल ले जाया गया.

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नई दिल्ली: तेलुगु देशम पार्टी (TDP) के प्रमुख एन चंद्रबाबू नायडू को विजयवाड़ा की एक अदालत द्वारा करोड़ों रुपये के कथित भ्रष्टाचार मामले में 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेजे जाने के बाद रविवार देर रात राजामहेंद्रवरम केंद्रीय जेल भेज दिया.

अधिकारियों द्वारा सांझा की गई जानकारी के अनुसार नायडू विजयवाड़ा से पूर्वी गोदावरी जिले के राजामहेंद्रवरम तक लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा के बाद जेल पहुंचे.

पूर्वी गोदावरी जिले के पुलिस अधीक्षक पी जगदीश ने बताया कि ‘‘चंद्रबाबू नायडू देर रात करीब एक बजकर 20 मिनट पर जेल पहुंचे.’’

पुलिस के अनुसार, पूर्व सीएम को कैदी संख्या 7691 के साथ अगली प्रक्रिया तक, जेल के स्नेहा विंग में एक ऊपरी ब्लॉक आवंटित किया गया है.

न्यायिक हिरासत के दौरान नायडू को अदालत द्वारा दी गई सुविधाओं में घर का बना खाना, दवाएं और एक विशेष कमरा शामिल है. 73 वर्षीय पूर्व मुख्यमंत्री को उनके जीवन को कथित संभावित खतरे के मद्देनजर जेल के अंदर रहने के लिए अलग स्थान उपलब्ध कराया गया है. वह जेड-प्लस श्रेणी की सुरक्षा प्राप्त व्यक्ति हैं.

राज्य बंद का आह्वान

बता दें कि तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) ने पार्टी प्रमुख की गिरफ्तारी को लेकर सोमवार को राज्य बंद का आह्वान किया है.

नायडू के बेटे और तेदेपा महासचिव नारा लोकेश अपने पिता के साथ साथ जेल के गेट तक गए और वहां से जाने से पहले कुछ देर तक बाहर इंतजार करते रहे.

हिरासत आदेश के अनुसार, न्यायाधीश ने इस बात पर प्रकाश डाला कि नायडू के खिलाफ लगाए गए आरोपों पर विश्वास करने के आधार हैं और जांच पूरी करने के लिए 24 घंटे पर्याप्त नहीं हैं.

कथित कौशल विकास निगम घोटाले के सिलसिले में विजयवाड़ा में भ्रष्टाचार निरोधक ब्यूरो (एसीबी) अदालत ने नायडू को 23 सितंबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया है.

नायडू को कथित कौशल विकास निगम घोटाला मामले में शनिवार सुबह नंदयाल से गिरफ्तार किया गया था. अपराध जांच विभाग (सीआईडी) की टीम ने उन्हें उस समय गिरफ्तार किया गया था, जब वह सभी सुविधाओं से लैस अपनी विशेष बस में सो रहे थे.

अधिकारियों के अनुसार, यह मामला आंध्र प्रदेश राज्य में उत्कृष्टता केंद्रों (सीओई) के समूहों की स्थापना से संबंधित है, जिसका कुल अनुमानित परियोजना मूल्य 3300 करोड़ रुपये है.

एजेंसी के अधिकारियों ने यह भी दावा किया कि कथित धोखाधड़ी से राज्य सरकार को 300 करोड़ रुपये से अधिक का भारी नुकसान हुआ है.

सीआईडी ने अपनी रिमांड रिपोर्ट में कहा है कि अब तक की जांच के अनुसार, छह कौशल विकास समूहों पर निजी संस्थाओं द्वारा खर्च की गई कुल राशि विशेष रूप से एपी सरकार और एपी कौशल विकास केंद्र द्वारा उन्नत धनराशि से प्राप्त की गई है, जो कुल 371 करोड़ रुपये है.


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