नई दिल्ली: शुक्रवार को 18वें जी20 शिखर सम्मेलन के लिए नई दिल्ली आगमन के बाद, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ द्विपक्षीय बैठक में भाग लेने की उम्मीद है, जिसके बाद प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास 7, लोक कल्याण मार्ग पर उनके लिए रात्रिभोज का आयोजन किया जाएगा.
खबरों के मुताबिक, इस द्विपक्षीय बैठक के एजेंडे में इस साल जून में मोदी की अमेरिका की आधिकारिक यात्रा के दौरान की गई घोषणाओं की समीक्षा के अलावा वीज़ा, यूक्रेन पर रूसी आक्रमण और जी20 के भीतर आम सहमति की कमी, परमाणु ऊर्जा, जीई जेट इंजन सौदे जैसे रक्षा संबंधी सहयोग पर चर्चा शामिल है.
राष्ट्रपति बाइडन और प्रथम महिला डॉ. जिल बाइडन द्वारा व्हाइट हाउस में प्रधानमंत्री के लिए राजकीय रात्रिभोज की मेज़बानी के लगभग तीन महीने बाद, आगामी रात्रिभोज को पारस्परिक संकेत के रूप में देखा जा रहा है.
बाइडन की यात्रा से पहले, केंद्र ने कहा कि वो चना, दाल (मसूर), सेब, अखरोट (खोल में) और बादाम (ताजा, सूखे या छिलके सहित) सहित कई अमेरिकी उत्पादों पर सीमा शुल्क कम करेगा. ये आयात शुल्क पहली बार 2019 में कुछ स्टील और एल्यूमीनियम उत्पादों पर टैरिफ बढ़ाने के वाशिंगटन के फैसले की प्रतिक्रिया के रूप में लगाए गए थे.
भारत ने अब चना (10 प्रतिशत), दाल (20 प्रतिशत), ताजा या सूखे बादाम (7 रुपये प्रति किलो), छिलके वाले बादाम (20 रुपये प्रति किलो), अखरोट (20 प्रतिशत), और ताजा सेब (20 प्रतिशत) पर अतिरिक्त शुल्क हटाने का फैसला किया है.
इन उत्पादों पर आयात शुल्क कम करने की वित्त मंत्रालय की 5 सितंबर की अधिसूचना को मोदी की यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच हुई चर्चा के बाद देखा जा रहा है.
यात्रा के दौरान बातचीत के परिणामस्वरूप विश्व व्यापार संगठन (डब्ल्यूटीओ) में लंबित नई दिल्ली और वाशिंगटन के बीच छह व्यापार विवादों को पारस्परिक रूप से हल करने पर सहमति बनी.
संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के रूप में अपनी पहली भारत यात्रा पर, जो बाइडन का आगमन पर केंद्रीय मंत्री जनरल वी.के. सिंह (सेवानिवृत्त) द्वारा स्वागत किया जाएगा. बाइडन के पूर्ववर्ती डोनाल्ड ट्रंप ने भी 2020 में भारत का दौरा किया था.
मंगलवार को व्हाइट हाउस में एक प्रेस वार्ता में अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार जेक सुलिवन ने “बहुपक्षीय विकास बैंकों, विशेष रूप से विश्व बैंक और आईएमएफ को मौलिक रूप से नया आकार देने और बढ़ाने के एजेंडे पर काम करने” पर वाशिंगटन के मुख्य फोकस पर प्रकाश डाला.
चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के शिखर सम्मेलन को छोड़ने के फैसले पर बोलते हुए और क्या बीजिंग और नई दिल्ली के बीच तनावपूर्ण संबंधों का असर जी 20 शिखर सम्मेलन पर पड़ेगा, सुलिवन ने कहा, “अगर चीन इसमें आना चाहता है और बिगाड़ने वाले की भूमिका निभाना चाहता है, तो निश्चित रूप से उन्हें वो विकल्प उपलब्ध है.”
इस पृष्ठभूमि में वाशिंगटन ने अफ्रीकी संघ को G20 समूह के स्थायी सदस्य के रूप में शामिल करने के भारत के प्रयास का भी समर्थन किया है.
यह भी पढ़ें: ट्रांस-नेशन ट्रेन और पोर्ट लिंक से लेकर 6G तक: G20 शिखर सम्मेलन में अमेरिका का सबसे बड़ा एजेंडा क्या है
द्विपक्षीय बैठकें
जबकि G20 शिखर सम्मेलन के दौरान द्विपक्षीय बैठकें परंपरागत रूप से आयोजित नहीं की जाती हैं, भारत ने बिडेन के साथ-साथ सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान के लिए एक अपवाद बनाया है.
बाइडन के साथ अपनी बैठक से पहले, मोदी शुक्रवार को बांग्लादेश की पीएम शेख हसीना और मॉरीशस के प्रधानमंत्री प्रविंद जुगनौथ के साथ द्विपक्षीय वार्ता भी करेंगे.
This evening, I look forward to three bilateral meetings at my residence.
I will be meeting Mauritius PM @KumarJugnauth, Bangladesh PM Sheikh Hasina and @POTUS @JoeBiden.
The meetings will give an opportunity to review India's bilateral ties with these nations and further…
— Narendra Modi (@narendramodi) September 8, 2023
खबरों के मुताबिक, मोदी के अगले तीन दिनों में 15 से अधिक द्विपक्षीय बैठकें करने की उम्मीद है, जिसमें यूके, जापान, जर्मनी, इटली, तुर्की, यूएई, दक्षिण कोरिया, ईयू, ब्राजील और नाइजीरिया के नेताओं के अलावा फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रॉन के साथ कामकाजी दोपहर का भोजन और कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के साथ एक अलग बैठक शामिल हैं.
(संपादन: फाल्गुनी शर्मा)
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: G20 से पहले जयशंकर ने कहा — भारत बड़ी सोच और बड़े दिल वाला देश है