नई दिल्ली : सनातन धर्म टिप्पणी विवाद को लेकर तमिलनाडु के मंत्री और सीएम एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन और कर्नाटक के मंत्री व कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे के खिलाफ उत्तर प्रदेश के रामपुर में एक अधिवक्ता ने एफआईर दर्ज की है. इसके अलावा कर्नाटक में भी बीजेपी की नेता की तरफ से स्टालिन के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है. वहीं उदयनिधि स्टालिन ने कहा है कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं है, बल्कि सनातन की प्रथाओं के खिलाफ हैं.
पुलिस सूत्रों ने बुधवार को बताया कि अधिवक्ता हर्ष गुप्ता और राम सिंह लोधी ने रामपुर की सिविल लाइंस कोतवाली में मंगलवार शाम को यह मुकदमा दर्ज कराया है.
सूत्रों के मुताबिक, मुकदमे में उदयनिधि और प्रियांक पर धार्मिक भावनाएं भड़काने और समाज में द्वेष फैलाने का आरोप लगाया गया है.
अधिवक्ता ने लगाया भावनाएं आहत करने का आरोप
मुकदमा दर्ज कराने वाले अधिवक्ता हर्ष गुप्ता ने कहा कि 4 सितंबर को अखबारों में तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के बेटे उदयनिधि स्टालिन द्वारा सनातन धर्म की तुलना डेंगू और मलेरिया से करते हुए उसे खत्म किए जाने की जरूरत बताए जाने संबंधी एक समाचार प्रकाशित हुआ था.
गुप्ता ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे के बेटे प्रियांक खरगे ने उदयनिधि के इस बयान का समर्थन किया था, जिससे संबंधित खबर भी एक राष्ट्रीय हिंदी दैनिक में छपी थी. अधिवक्ता ने कहा कि इससे उसकी भावनाएं आहत हुई हैं, जिसके चलते उसने मुकदमा दर्ज कराया है.
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कर्नाटक बीजेपी नेता ने दर्ज कराई एफआईआर
भाजपा नेता और वकील नागराज नायक ने बुधवार को तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने के लिए कारवार पुलिस स्टेशन में पुलिस शिकायत दर्ज कराई है. नागराज नायक ने शिकायत में पुलिस से उदयनिधि स्टालिन के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज करने की मांग की थी.
इस अवसर पर कारवार भाजपा मंडल अध्यक्ष नागेश कुराडेकर और कुछ अन्य प्रमुख नेता भी उपस्थित थे.
उदयनिधि ने कहा- वह हिंदू धर्म नहीं, सनातन के खिलाफ हैं
डीएमके नेता उदयनिधि स्टालिन ने मीडियाकर्मियों के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह हिंदू धर्म के खिलाफ नहीं, बल्कि जातिगत भेदभाव जैसी प्रथाओं वाले सनातन के खिलाफ हैं.
The FIR was registered under Section 153A, 295A IPC against Tamil Nadu Minister Udhayanidhi Stalin & Karnataka Minister Priyank Kharge over 'Sanatan Dharma' remarks.
— ANI (@ANI) September 6, 2023
सनातन की किसी प्रथा के उदाहरण के बारे में पूछे जाने पर उदयनिधि स्टालिन ने संसद के उद्घाटन में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को आमंत्रित न किए जाने का जिक्र किया. उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “सम्मानित राष्ट्रपति द्रौपदी को संसद के उद्घाटन के दौरान आमंत्रित नहीं किया गया, यह इसके लिए सबसे अच्छा उदाहरण है.”
किसी तरह की मांफी मांगने से उदयनिधि ने इनकार कर दिया.
डीएमके नेता स्टालिन शनिवार को तब से आलोचना झेल रहे हैं, जब से उन्होंने कहा है कि सनातन धर्म का न केवल विरोध किया जाना चाहिए, बल्कि इसका “उन्मूलन या खात्मा” किया जाना चाहिए.
हालांकि, विभिन्न नेताओं के हमले से बेफिक्र तमिलनाडु के युवा कल्याण और खेल विकास मंत्री उदयनिधि स्टालिन ने सोमवार को कहा कि वह फिर से वही बयान दोहराना चाहेंगे, क्योंकि उन्होंने इसमें न केवल हिंदू धर्म, बल्कि सभी धर्मोंं को शामिल किया था.
उदयनिधि स्टालिन ने कहा, “परसो मैंने एक कार्यक्रम में (सनातन धर्म) के बारे में बात की थी. जो भी मैंने कहा, उस चीज को मैं बार-बार दोहराऊंगा. मैंने न केवल हिंदू धर्म को, बल्कि सभी धर्मों की बात की. मैंने जातिगत भेदभावों की निंदा की, बस.”
गौरतलब है कि, उदयनिधि की सनातन धर्म पर टिप्पणी से पूरे देशभर में बड़ा विवाद खड़ा हुआ है. कई सारे बीजेपी नेता और हिंदू पुजारियों ने उनके बयान की कड़ी निंदा की है. बीजेपी ने एमके स्टालिन के बेटे से माफी की मांग की है. भगवा पार्टी ने उदयनिधि की टिप्पणी को लेकर इंडिया गुट पर भी दोष मढ़ा है, यह दावा करते हुए कि मुम्बई में हाल ही में हुई इसकी बैठक में इस एजेंडे पर चर्चा की गई थी.
तमिलनाडु के युवा कल्याण एवं खेल मंत्री उदयनिधि ने 2 सितंबर को चेन्नई में आयोजित एक कार्यक्रम में सनातन धर्म को लेकर विवादित टिप्पणी की थी. उन्होंने सनातन धर्म की तुलना कोरोना वायरस संक्रमण, डेंगू और मलेरिया से करते हुए इसे खत्म किए जाने की वकालत की थी.
कर्नाटक के गृहमंत्री ने हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर उठाया सवाल
वहीं, कर्नाटक के गृहमंत्री जी परेमेश्वरा ने मंगलवार को हिंदू धर्म की उत्पत्ति पर सवाल उठाया था.
परमेश्वरा ने कहा, “सवाल ये है कि हिंदू धर्म कब जन्मा और इसे किसने पैदा किया?… विश्व के इतिहास में कई धर्मों का उदय हुआ है. बौद्ध धर्म, जैन धर्म यहां पैदा हुए. हिंदू धर्म कब पैदा हुआ और इसकी शुरुआत किसने की अभी भी एक प्रश्न है.”
राज्य गृहमंत्री की यह टिप्पणी कोराटागेरे के मारुती कल्याण मंडपम में शिक्षक दिवस के अवसर पर संबोधन के दौरान आई.
उन्होंने कहा, “हमारे देश में बौद्ध धर्म और जैन धर्म की उत्पत्ति का इतिहास है…इस्लाम और ईसाइयत हमारे देश में बाहर से आए. दुनिया के सभी धर्मों का सार केवल मानव जाति की अच्छाई के लिए है.”
उदयनिधि के समर्थकों ने अयोध्या के संत का जलाया पुतला
द्रविड़ मुनेत्र कड़गम (डीएमके) के समर्थकों ने मंगलवार को तमिलनाडु के मंत्री उदयनिधि स्टालिन को जान से मारने की धमकी देने पर अयोध्या के संत परमहंस आचार्य का पुतला जलाया. सड़कों पर सैकड़ों लोग परमहंस आचार्य का पुतला और उनकी तस्वीर जलाते हुए उनके खिलाफ नारे लगाते हुए नजर आए.
यह घटनाक्रम तब सामने आया है, जब परमहंस आचार्य ने उदयनिधि की “सनातन धर्म को मिटा दो” टिप्पणी पर उनके खिलाफ मौत की चेतावनी को दोहराया. सोमवार को, आचार्य ने उदयनिधि का सिर काटने वाले को 10 करोड़ रुपये का इनाम देने की घोषणा की.
मंगलवार को परमहंस आचार्य ने कहा था, “उदयनिधि को सनातन धर्म के खिलाफ अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. अगर वह माफी नहीं मांगते हैं, तो कोई फर्क नहीं पड़ता कि वह मुख्यमंत्री का बेटे हैं. अगर 10 करोड़ रु. उसका सिर काटने के लिए पर्याप्त नहीं है तो मैं इनाम बढ़ा दूंगा. अगर जरूरत पड़ी तो मैं खुद उसका सिर काट दूंगा, लेकिन ‘सनातन धर्म’ का अपमान बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. देश में जो भी विकास हुआ है वह ‘सनातन धर्म’ की वजह से है. उन्होंने कहा, ‘उन्हें अपने बयान के लिए माफी मांगनी चाहिए. उन्होंने देश के 100 करोड़ लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचाया है.’
परमहंस आचार्य की चेतावनी पर प्रतिक्रिया देते हुए, उदयनिधि ने कहा कि उन्होंने सनातन धर्म उन्मूलन सम्मेलन में जो कुछ भी कहा था, उसे वह दोहराने के लिए तैयार हैं और वह ऐसी धमकियों से नहीं डरते. उन्होंने कहा कि वह अपने बयान के बाद होने वाले नतीजों और प्रतिक्रियाओं से अच्छी तरह वाकिफ हैं.
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