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Friday, 22 November, 2024
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बिहार सरकार ने स्कूलों की छुट्टियां कम करने का आदेश लिया वापस, शिक्षकों का आंदोलन रहेगा जारी

एक सप्ताह से भी कम समय पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए एक संशोधित अवकाश कैलेंडर जारी किया था, जिसमें सितंबर और दिसंबर के बीच त्योहार की छुट्टियों को 23 से घटाकर 11 कर दिया गया था.

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नई दिल्ली: कई शिक्षक संघों द्वारा मंगलवार से राज्यव्यापी आंदोलन शुरू करने की धमकी के बाद बिहार के शिक्षा विभाग ने आगामी त्योहारों के दौरान छुट्टियों की संख्या कम करने के विवादास्पद आदेश को सोमवार को वापस ले लिया.

एक सप्ताह से भी कम समय पहले शिक्षा विभाग ने स्कूलों के लिए एक संशोधित अवकाश कैलेंडर जारी किया था, जिसमें सितंबर और दिसंबर के बीच त्योहार की छुट्टियों को 23 से घटाकर 11 कर दिया गया था.

संशोधित कैलेंडर में दिवाली, दुर्गा पूजा और छठ पूजा की छुट्टियों में कटौती की गई थी जिसे लेकर सरकार को लगातार आलोचना का सामना करना पड़ा.

शिक्षा विभाग ने सोमवार शाम को जारी एक परिपत्र में कहा, “विभाग संशोधित अवकाश कैलेंडर को तत्काल प्रभाव से वापस लेता है. इसलिए, पुराना अवकाश कैलेंडर प्रभावी रहता है.” हालांकि, संशोधित अवकाश कैलेंडर वापस लेने के बाद भी, शिक्षक संघों ने कहा कि मंगलवार से आंदोलन का उनका आह्वान अभी भी कायम है.

छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को वापस लेने के बाद भी शिक्षक संघों ने सोमवार को कहा कि पांच सितंबर से आंदोलन का उनका आह्वान अब भी कायम है.

टीईटी प्राथमिक शिक्षक संघ के संयोजक राजू सिंह ने सरकार द्वारा संशोधित कैलेंडर को वापस लेने के बाद कहा, ‘‘शिक्षा विभाग द्वारा हाल में लिए गए कई निर्णयों के खिलाफ पांच सितंबर से आंदोलन शुरू करने का हमारा आह्वान अब भी कायम है. छुट्टियों के संशोधित कैलेंडर को वापस लेना हमारी कई मांगों में से एक था. हम कई शिक्षकों के खिलाफ निलंबन सहित सभी विभागीय कार्रवाइयों को तत्काल वापस लेने की भी मांग कर रहे हैं. हम उन शिक्षकों को भी नियमित करने की मांग कर रहे हैं जो संविदा पर काम कर रहे हैं.’’

राजू ने कहा, ‘‘लगभग 15 शिक्षक संघों ने सर्वसम्मति से विभाग के हालिया फैसलों के खिलाफ विरोध करने का फैसला किया है. राज्य के 75,309 सरकारी स्कूलों के सभी शिक्षक पांच सितंबर (शिक्षक दिवस पर) को विरोध स्वरूप काले रिबन बांधेंगे. वे पांच सितंबर को पूरे दिन अपने स्कूलों में सभी शैक्षणिक गतिविधियों में काला रिबन बांधकर भाग लेंगे.

शिक्षक संघ बिहार के अध्यक्ष केशव कुमार ने बताया कि विभाग के हालिया कदमों के खिलाफ विरोध शुरू करने का निर्णय हाल ही में 15 शिक्षक संघों के पदाधिकारियों की बैठक में लिया गया.

नीतीश कुमार और तेजस्वी यादव का पुतला जलाएंगे

केशव ने कहा, ‘‘हम (शिक्षक) साल में 252 दिन काम करते हैं जबकि शिक्षा विभाग द्वारा निर्धारित लक्ष्य केवल 220 दिनों का है. हकीकत जानने के बावजूद विभाग ने शिक्षकों की छुट्टियां कम कर दीं. यह बिल्कुल भी स्वीकार्य नहीं है. वहीं जिन शिक्षकों ने विभाग के फैसले के खिलाफ आवाज उठाई, उन्हें निलंबित कर दिया गया या स्पष्टीकरण मांगा गया. ’’

उन्होंने कहा, ‘‘ऐसा लगता है कि शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव के के पाठक जो लगभग हर दिन आदेश जारी कर रहे हैं, वास्तविकता नहीं जानते हैं.’’

उन्होंने कहा कि इसके अलावा शिक्षक 9 सितंबर को पूरे बिहार में ब्लॉक कार्यालयों के बाहर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार और उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव का पुतला जलाएंगे.

यह सुनिश्चित करने के लिए कि राज्य के प्राथमिक और मध्य विद्यालय शिक्षा का अधिकार अधिनियम के तहत निर्धारित अधिकतम कार्य दिवसों को प्राप्त करें, राज्य शिक्षा विभाग द्वारा हाल ही में विशेष अवकाश कैलेंडर लाया गया था.

29 अगस्त को जारी अधिसूचना के अनुसार, विभाग ने सितंबर और दिसंबर के बीच त्योहारी छुट्टियों की संख्या 23 से घटाकर 11 कर दी थी. नोटिस में राज्य भर में एकरूपता लाने की भी मांग की गई थी, हालांकि जिला शिक्षा अधिकारियों को विभाग की अनुमति से अतिरिक्त छुट्टियों की घोषणा करने की अनुमति दी गई है.

विभाग ने अपने शिक्षकों और अधिकारियों में परिश्रम बढ़ाने और राज्य में सरकारी स्कूलों में शैक्षणिक माहौल में सुधार करने के लिए कई कड़े कदम उठाए हैं.

आदेश के मुताबिक, दुर्गा पूजा के दौरान छुट्टियों की संख्या छह से घटाकर तीन दिन और दिवाली (12 नवंबर) पर एक दिन कर दी गई थी.

इस आदेश ने विपक्षी भाजपा और सत्तारूढ़ महागठबंधन सरकार के बीच राजनीतिक खींचतान शुरू कर दी थी.


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