पुतिन और शी की अनुपस्थिति इस G20 बैठक को कमजोर करती है और इतने बड़े समूह में गहरे विरोधाभासों को रेखांकित करती है. यह भारत और चीन के बाच की वैश्विक प्रतिस्पर्धा को भी सामने लाता है. यह एक स्थायी प्रतिद्वंद्विता बनने का वादा करता है, लेकिन शांति के बावजूद एलएसी महज एक दिखावा बनकर रह जाएगी.