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Thursday, 19 December, 2024
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मणिपुर हिंसा: मैरी कॉम ने गृहमंत्री अमित शाह को लिखा पत्र, अपने समुदाय की रक्षा करने का आग्रह किया

बॉक्सिंग चैंपियन और पूर्व राज्यसभा सांसद ने गृह मंत्री से यह सुनिश्चित करने की अपील की है कि वहां तैनात सुरक्षा बल 'निष्पक्ष' हों और 'युद्धरत समूह' कोम गांवों में प्रवेश न करें.

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नई दिल्ली: बॉक्सिंग लीजेंड और पूर्व राज्यसभा सांसद एम.सी. मैरी कॉम ने गृह मंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर मणिपुर में चल रहे जातीय संघर्ष से अपनी जनजाति ‘कॉम’ को बचाने के लिए हस्तक्षेप करने की मांग की है. मैरी कॉम ने अपने पत्र, जिसे दिप्रिंट ने देखा है, में शाह से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि इलाके में तैनात सुरक्षा बल “निष्पक्ष” हों और “युद्धरत समूह” कोम गांवों में प्रवेश न करें.

31 अगस्त को लिखे पत्र में उन्होंने लिखा कि मणिपुर की सबसे छोटी अल्पसंख्यक जनजातियों में से एक कॉम समुदाय ने पारंपरिक रूप से इस घटना में तटस्थ रुख बनाए रखा है और “हर समुदाय के साथ शांतिपूर्वक सह-अस्तित्व में रहता है”. उन्होंने लगातार इस बात पर जोर दिया है कि वे नागा और कुकी दोनों से अलग हैं.

कॉम जनजाति एक अनुसूचित जनजाति (एसटी) समुदाय है, जिसकी 2011 की जनगणना के अनुसार मणिपुर में लगभग 14,500 की आबादी है. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आदिवासी संगठन अपने लोगों से तटस्थ रहने और 3 मई से शुरू हुई हिंसा में शामिल न होने की अपील कर रहे हैं.

कॉम जनजाति के अलावा, ऐमोल, चिरु, चोथे, खरम और कोइरेंग सहित कई अन्य छोटे आदिवासी समुदाय कथित तौर पर खुद को मणिपुर में चल रहे संघर्ष की जटिलताओं में फंसा हुआ महसूस कर रहे हैं.

पत्र में, कॉम ने लिखा, “आपको सूचित किया जाता है कि हम (कॉम) अभी चल रहे मेइतेई और कुकी समुदाय के बीच चल रहे संघर्ष का हिस्सा नहीं हैं, जो 3 मई, 2023 को शुरू हुआ था. फिर भी, हम इस लहर से प्रभावित हुए हैं. कई पहलुओं को हालांकि अनदेखा किया गया है. यह ध्यान दिया जाना चाहिए कि कॉम गांवों में से कोई भी बंकरों के साथ सशस्त्र स्वयंसेवकों को नियुक्त नहीं करता है, लेकिन क्योंकि वे सभी दो प्रतिद्वंद्वी समुदायों के बीच और परिधि में फैले हुए हैं. मेरे समुदाय के खिलाफ हमेशा दोनों तरफ से अटकलें और संदेह होते हैं और हम इन समस्याओं के बीच में इसमें फंस गए हैं.”

उन्होंने आगे लिखा, “भयानक बात यह है कि कमजोर प्रशासन और अल्पसंख्यक जनजातियों के बीच एक समुदाय के रूप में छोटे आकार के कारण, हम अपने अधिकार क्षेत्र में घुसपैठ करने वाली किसी भी ताकत के खिलाफ खड़े होने में सक्षम नहीं हैं.”

उन्होंने कुकी और मैतेई दोनों समुदायों से अपील की कि वे उनके समुदाय को किसी भी तरह से भी इसमें शामिल होने या भड़काने की कोशिश न करें. साथ ही उन्होंने मणिपुर में सभी समुदायों के बीच शांति और सद्भाव का आह्वान भी किया.

कॉम ने मणिपुर के लोगों, खासकर मैतेई और कुकी समुदायों से अपने मतभेदों को दूर करने और शांति और सामान्य स्थिति बहाल करने के लिए मिलकर काम करने का आह्वान किया है.

इसके अलावा, उन्होंने केंद्र और राज्य सरकारों से अपील की है कि वे जनता की खातिर संघर्ष का समाधान ढूंढने को प्राथमिकता दें और लोगों की जिंदगियां बचाएं.

इससे पहले पूर्व सांसद ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर मणिपुर की स्थिति के बारे में अपनी चिंता व्यक्त की थी.

(संपादन: ऋषभ राज)

(इस ख़बर को अंग्रेज़ी में पढ़नें के लिए यहां क्लिक करें)


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