नई दिल्ली : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश सिंह बघेल के राजनीतिक सलाहकार ने अपने खिलाफ ईडी के छापे को फर्जी बताया और इसे लूट व डकैती करार दिया. उन्होंने कहा कि एजेंसी ने बिल दिखाने के बावाजूद हमारे घर रखा सारा सोना ले गई.
एक दिन पहले केंद्रीय जांच एजेंसी ने रायपुर में सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा व बाकियों के यहां छापेमारी की थी.
पत्रकारों से बात करते हुए सीएम भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा ने कहा, “मैंने घर से जब्त किए गए सोने का सारा बिल दिया…लेकिन इसके बावजूद ईडी सारा सोना ले गया, यह कहते हुए कि इन बिलों का कोई ठोस सबूत नहीं कि सोना कहां से खरीदा गया…वे आईपीसी और सीआरपीसी को फिर से परिभाषित कर रहे हैं.”
वर्मा ने अफसोस जाहिर करते हुए कहा कि भारतीय कानून में पहली बार ये प्रावधान जोड़ना पड़ रहा है अगर आप कोई चीज बिल से खरीदते हैं, नकदी से नहीं खरीदते हैं तो उस बिल के पेमेंट का मोड भी आपको सुरक्षित रखना पड़ेगा.
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#WATCH | Raipur: "…I have produced all the bills for the gold recovered from my house…Still, ED took away all the gold saying that there was no strong proof to verify from where the gold had been bought…They are redefining IPC and CrPC," says Vinod Verma, political advisor… https://t.co/8XtkeVBYkS pic.twitter.com/jh7G80XNz6
— ANI (@ANI) August 24, 2023
विनोद वर्मा ने कहा, “ईडी द्वारा ‘जो सो काल्ड रेड’ है इसे तो मैं डकैती बोलना ठीक समझता हूं. क्योंकि जितनी भी सामग्री मेरे घर पर थी, उसके सारे सबूत मैंने दिए, उनके दस्तावेज मैंने दिए, उनके सोर्सेज मैंने बताए, फिर भी ईडी को लगा कि सबूत क्लीयर नहीं है.”
उन्होंने कहा, “अगर मेरे पास एक गहना है, उसका ऑपिशियल बिल है, लीगल बिल है और उसको अगर ईडी मनी लॉन्ड्रिंग में गिनना चाहता है तो यह ईडी समझे कि उसे क्या करना है.”
विनोद वर्मा ने कहा, “ईडी ने मुझसे जो बयान लिया है उसमें भी मैंने यह दर्ज कराया है कि आप मुझे प्रताड़ित कर रहे हैं और जो कुछ आप कर रहे हैं वह लूट है, रहजनी है, डकैती है.”
वर्मा ने कहा, ‘2005 में मैंने सोना खरीदा क्योंकि उससे पहले मैं सोना खरीदने की स्थिति में नहीं था. जो भी सोना मैंने खरीदा है उसका एक-एक बिल दिया है. केवल वह सोना जो मेरी पत्नी को शादी में मिला था, उसका बिल छोड़कर सब मैंने दिया है. इसके अलावा 6 अतिरिक्त बिल मैंने दिए, जो सोना मैंने अपनी रिश्तेदारों की शादियों में दिए, उसका भी बिल दिया लेकिन ईडी नहीं माना और सारा सोना जब्त कर ले गया. उसका कहना है कि आप पुख्ता सबूत नहीं दे रहे हैं.”
उन्होंने कहा जब मैंने ईडी से पूछा कि घर पर कितना सोना रखने की इजाजत है तो वे बोले सब आईटी एक्ट में है, ईडी एक्ट में नहीं है. उन्होंने कहा कि इस बिल का भुगतान आपने कैसे किया है, उसका सबूत नहीं है.
ये रहा पूरा मामला
प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की टीम ने छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के राजनीतिक सलाहकार विनोद वर्मा, मुख्यमंत्री के दो ओएसडी और कारोबारी के यहां बुधवार को छापे की कार्रवाई की.
मुख्यमंत्री बघेल ने ईडी की इस कार्रवाई को अपने जन्मदिन का तोहफा बताते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और गृहमंत्री अमित शाह को धन्यवाद दिया था.
राज्य की राजधानी रायपुर के देवेन्द्र नगर में स्थित ऑफिसर्स कॉलोनी में विनोद वर्मा के आवास पर और दुर्ग जिले के पुरानी भिलाई इलाके में स्थित ओएसडी आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के मकानों पर अर्धसैनिक बल के कुछ जवानों को देखा गया था.
विनोद वर्मा पहले पत्रकार रहे हैं और कई बड़े संस्थानों में काम कर चुके हैं. वह मुख्यमंत्री बघेल के करीबी हैं. इसी तरह दुर्ग जिले के भिलाई शहर के नेहरूनगर इलाके में कारोबारी विजय भाटिया के घर के बाहर भी सुरक्षाकर्मी नजर आए थे.
ईडी की कार्रवाई के बाद आशीष वर्मा और मनीष बंछोर के समर्थक उनके आवासों के बाहर एकत्र हुए और भाजपा नीत केंद्र सरकार के खिलाफ नारे लगाए थे. दोनों के समर्थकों ने भाजपा पर राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ केंद्रीय एजेंसियों का दुरुपयोग करने का आरोप लगाया था.
बंछोर भिलाई इस्पात संयंत्र में कर्मचारी हैं व प्रतिनियुक्ति पर मुख्यमंत्री के ओएसडी के रूप में तैनात हैं.
बघेल ने अपने जन्मदिन पर छापे को बताया था उपहार
अपने राजनीतिक सलाहकार और अन्य लोगों के यहां ईडी के छापे पर मुख्यमंत्री बघेल ने इसे अपने जन्मदिन पर अमूल्य उपहार बताया था.
मुख्यमंत्री ने ट्वीट कर कहा था, ”आदरणीय प्रधानमंत्री जी एवं श्री अमित शाह जी! मेरे जन्मदिन के दिन आज आपने मेरे राजनीतिक सलाहकार एवं मेरे ओएसडी सहित करीबियों के यहां ईडी भेजकर जो अमूल्य तोहफा दिया है, इसके लिए बहुत आभार.’’
मुख्यमंत्री बघेल का जन्मदिन 23 अगस्त को होता है. इस अवसर पर उनके गृह जिले दुर्ग और अन्य स्थानों पर कार्यक्रमों का आयोजन किया गया.
ईडी इन मामलों की कर रहा है जांच
ईडी छत्तीसगढ़ में कथित कोयला घोटाला, शराब घोटाला, जिला खनिज फाउंडेशन फंड में अनियमितता और एक ऑनलाइन सट्टेबाजी ऐप से संबंधित विभिन्न मामलों की जांच कर रहा है.
सूत्रों ने बताया कि ईडी ने पिछले दो दिनों में ऑनलाइन सट्टेबाजी के संबंध में रायपुर और दुर्ग में कई स्थानों पर तलाशी ली थी. ईडी ने पिछले साल दिसंबर में कथित कोयला लेवी घोटाले से जुड़े मामले की जांच के सिलसिले में राज्य कैडर की आईएएस अधिकारी सौम्या चौरसिया को गिरफ्तार किया था. चौरसिया मुख्यमंत्री कार्यालय में उप सचिव के पद पर तैनात थीं.
कोयला लेवी मामले में गिरफ्तार किए गए अन्य लोगों में दो आईएएस अधिकारी समीर विश्नोई और रानू साहू भी शामिल हैं.
इसके अलावा ईडी राज्य में कथित शराब घोटाले से जुड़े मामले की भी जांच कर रही है, जिसमें कुछ लोगों को गिरफ्तार किया गया है.
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(एएनआई और भाषा के इनपुट्स के साथ)