वाशिंगटन : हम सभी ने उस तथाकथित “मस्तिष्क-आंत-लाइन” या कि कैसे तनाव हमारे आंतों पर असर डालता है, की प्रक्रिया का अनुभव किया है. हालांकि, शोधकर्ताओं को अब भी हमारे आंत और मस्तिष्क के बीच के संबंध के बारे में बहुत कुछ पता नहीं है.
शोध से पता चला है कि वे रोगी जो इरिटेबल (चिड़चिड़े) बाउल सिंड्रोम (आईबीएस) से पीड़ित होते हैं, उनमें मानसिक विकारों जैसे कि बाइपोलर विकार से आनुवंशिक सहसंबंध होते हैं.
नॉर्मेंट सेंटर में विकसित किए गए, न्यू स्टैटिस्टिकल मेथड्स का इस्तेमाल कर, बर्गन विश्वविद्यालय और ओस्लो विश्वविद्यालय के पोस्ट डॉक्टर मार्कोस तेस्फाये और प्रोफेसर ओले अंद्रेसेन के नेतृत्व में काम करने वाले उनके सहयोगियों ने हजारों ऐसे आनुवंशिक वैरिएंट्स की खोज की है जो विभिन्न मानसिक रोगियों और आईबीएस रोगियों के बीच संबंध रखते हैं.
यह मस्तिष्क-आंत-लाइन पर नई रोशनी डालता है और आईबीएस के लिए प्रभावी उपचार खोजने की दिशा में एक नया कदम है.
आईबीएस मानसिक विकारों जैसे कि सिजोफ्रेनिया, बाइपोलर रोग, डिप्रेशन और चिंता के साथ एक समूह जीन्स साझा करता है.
आईबीएस एक पाचन तंत्रिका रोग है, जिससे विश्वभर में लगभग 10 प्रतिशत आबादी प्रभावित है. इसके लक्षण पेट में दर्द, कब्ज और दस्त तक हो सकते हैं और यह बीमारी अक्सर जीवन की खराब गुणवत्ता का कारण बनती है.
तेस्फाये ने बताया कि, “यह भी माना जाता है कि यह मानसिक-शारीरिक समस्या है, क्योंकि डॉक्टर को आंतों की जांच में विकृति का सबूत नहीं मिल पाता है.”
शोधकर्ताओं ने, आईबीएस वाले रोगियों के 50,000 से अधिक डेटा और सैकड़ों हजारों नियंत्रणों और नए सांख्यिकीय तरीकों का इस्तेमाल करके, आईबीएस को लेकर 116 नए जीनोमिक जोखिम स्थिति की पहचान करने में कामयाब पाई है.
जीनोमिक स्थिति (स्थान) डीएनए अनुक्रम के भीतर विशिष्ट जगह होते हैं जो प्राय: वैरिएंट का एक समूह होता है.
इसके अलावा उन्होंने 70 अनूठी जगहों की पहचान की जो आईबीएस और विभिन्न मानसिक विकारों के बीच साझा होते हैं: जो कि 7 सामान्यीकृत चिंता विकार के साथ, 35 प्रमुख अवसाद के साथ, 27 द्विध्रुवी रोग के साथ और 15 सिज़ोफ्रेनिया के साथ साझा होते हैं.
आंत और मस्तिष्क कैसे आपस में जुड़े हुए हैं, इसके बारे में अधिक जानकारी मिली.
दिलचस्प बात यह है कि उन्होंने पाया कि आईबीएस से संबंधित कई जगह तंत्रिका तंत्र को रेग्युलेट करने में भी शामिल हैं.
तेस्फाये कहते हैं, “यह आईबीएस के आनुवंशिकी के बारे में हमारी समझ का बढ़ाने वाला है, जहां आईबीएस की समस्या गैस्ट्रोएंटेरोलॉजिकल और मनोरोग रोगों के संबंध में मौजूद है.”
उन्हें उम्मीद है कि उनके निष्कर्ष प्रायोगिक अनुसंधान शुरू कर सकते हैं, जिससे आईबीएस के लिए उपचार विकसित करना संभव हो सकेगा.
हालांकि, क्या, और कैसे, आंत की समस्याएं मनोरोग रोगों के विकास का कारण बन सकती हैं, यह इस लेख के दायरे से परे है.
तेस्फाये जिक्र करते हैं, और ये जोड़ते हैं कि यह भविष्य के अध्ययन का विषय बन सकता है. “कुछ शोधकर्ताओं ने बताया है कि आंत में सूजन से आंतों के बैरियर में बाधा पैदा हो सकती है और सर्कुलेशन में बैक्टीरिया उत्पादों का रिसाव हो सकता है, जिसके परिणामस्वरूप यह मस्तिष्क खून बैरियर की पारगम्यता (जाने की क्रिया) को कम कर सकती है और इस प्रकार मस्तिष्क प्रभावित हो सकता है.”
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