इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी ठहराए जाने और गिरफ्तार करने के बाद उच्च सुरक्षा वाली अटक जेल की जिस कोठरी में रखा गया है वह मक्खियों और खटमल से भरी हुई है तथा उसमें शौचालय भी खुले में बनाया हुआ है.
खान (70) के अटॉर्नी जनरल नईम हैदर पंजोठा ने कहा कि पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) अध्यक्ष को पंजाब प्रांत में स्थित जेल में सी-श्रेणी की सुविधाएं दी गयी हैं.
उन्होंने बताया कि देश की विश्व कप विजेता क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान को जेल की जिस कोठरी में रखा गया है वहां मक्खियां तथा खटमल भरे पड़े हैं.
पंजोठा ने सोमवार को खान से जेल में मुलाकात करने के बाद कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री छोटे-से कमरे में बंद हैं ‘‘जिसमें खुले में शौचालय बना हुआ है.’’
‘जियो न्यूज’ ने वकील के हवाले से कहा, ‘‘पीटीआई अध्यक्ष ने कहा है कि वह अपनी पूरी जिंदगी जेल में बिताने के लिए तैयार हैं.’’
पंजोठा ने कहा कि खान ने उन्हें बताया है कि पुलिस ने उन्हें गिरफ्तारी वारंट नहीं दिखाया और पुलिस ने लाहौर में उनके घर में उनकी पत्नी के कमरे का दरवाजा तोड़ने की कोशिश भी की थी.
उन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री की दोषसिद्धि के खिलाफ अपील दायर करने के लिए कानूनी दस्तावेज पर उनके दस्तखत कराने के लिए जेल के एक अधिकारी की मौजूदगी में खान से करीब एक घंटे 45 मिनट तक मुलाकात की.
वकील ने मीडिया से कहा कि खान ने बताया है कि उन्हें एक अंधेरे कमरे में रखा गया है जहां खुले में शौचालय बना है और वहां दिन में मक्खियां मंडराती रहती हैं और रात में चीटियां आती हैं.
पंजोठा ने खान के हवाले से कहा, ‘‘मुझे अंधेरे कमरे में रखा गया है जिसमें कोई टेलीविजन या अखबार नहीं है. किसी को मुझसे मिलने नहीं दिया जाता है, जैसे कि मैं कोई आतंकवादी हूं.’’
इमरान खान को तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में इस्लामाबाद की एक निचली अदालत द्वारा दोषी ठहराए जाने के तुरंत बाद शनिवार को लाहौर में उनके घर से गिरफ्तार किया गया था. उन्हें तीन साल की जेल की सजा सुनायी गयी है.
उन्हें अदालत द्वारा रावलपिंडी की अदियाला जेल में भेजे जाने का निर्देश दिए जाने के बावजूद पंजाब प्रांत की अटक जेल में रखा गया है.
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पार्टी ने फिर से मुकदमा चलाने के लिए शीर्ष अदालत में दायर की याचिका
पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने अपने अध्यक्ष एवं पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान की रिहाई के लिए सोमवार को कानूनी लड़ाई शुरू की. साथ ही पार्टी ने सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दायर करके तोशाखाना भ्रष्टाचार मामले में उनके खिलाफ फिर से मुकदमा चलाने का अनुरोध किया.
अतिरिक्त एवं सत्र न्यायाधीश (एडीएसजे) हुमायूं दिलावर ने 70 वर्षीय खान को सरकारी उपहारों की बिक्री से प्राप्त आय की घोषणा नहीं करने का दोषी ठहराते हुए शनिवार को तीन साल की सजा सुनाई थी.
याचिका संविधान के अनुच्छेद 184(2) के तहत दायर की गई और इस आधार पर तोशाखाना मामले की दोबारा सुनवाई करने का अनुरोध किया गया कि खान के खिलाफ इस मामले में निष्पक्ष सुनवाई नहीं की गई.
याचिका में कहा गया है, ‘‘अनुच्छेद 10ए के तहत एक मौलिक अधिकार, निष्पक्ष सुनवाई के अधिकार से पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को तोशाखाना मामले में वंचित किया गया है.’’
याचिकाकर्ता ने दलील दी कि निर्णय न केवल जल्दबाजी में पारित किया गया था, बल्कि इसे खान की अनुपस्थिति में सुनाया गया और यह इस्लामाबाद उच्च न्यायालय (आईएचसी) के निर्देशों की ‘पूरी तरह से अवहेलना’ है.
यह स्पष्ट नहीं है कि याचिका पर शीर्ष अदालत कब सुनवाई करेगी.
हालांकि पंजोथा ने आरोप लगाया है कि अधिकारी पूर्व प्रधानमंत्री के साथ एक अपराधी की तरह व्यवहार कर रहे हैं और उन्हें ‘दुर्भावनापूर्ण कारणों और सरकार के दबाव में’ ‘छोटी और तंग बैरक’ में रखा गया है.
याचिका में वकील ने यह भी दावा किया कि यह उल्लेखित नहीं किया गया है कि खान को किस कानून के तहत अटक जेल ले जाया गया, जबकि निचली अदालत के गिरफ्तारी वारंट से यह बात सामने आयी थी कि उन्हें अडियाला जेल में रखा जाना चाहिए.
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