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Friday, 22 November, 2024
होमदेशअमरनाथ यात्रियों पर पथराव के वीडियो को ADGP ने बताया भ्रामक, कहा- शांति भंग करने की कोशिश

अमरनाथ यात्रियों पर पथराव के वीडियो को ADGP ने बताया भ्रामक, कहा- शांति भंग करने की कोशिश

एडीजीपी कश्मीर ने कहा कि आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे इन अफवाहों पर ध्यान न दें. जम्मू- कश्मीर पुलिस यात्रियों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और रहेगा.

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नई दिल्ली: कश्मीर के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी), विजय कुमार ने स्पष्ट किया कि अमरनाथ यात्रियों पर पथराव की कोई घटना नहीं हुई और पथराव की जो वीडियो क्लिप वायरल हुई थी, वह ‘भ्रामक’ और ‘निराधार’ है, जिसका इरादा जम्मू-कश्मीर पुलिस की ‘छवि खराब करने’ का था.

कश्मीर जोन पुलिस ने गुरुवार को ट्वीट किया, “कुछ व्यक्तियों ने सोशल मीडिया पर भ्रामक और निराधार “यात्रियों पर पथराव” होने का वीडियो अपलोड किया है और जम्मू- कश्मीर पुलिस की छवि खराब करने की कोशिश की है. इस संबंध में संज्ञान लिया गया है और पीएस पहलगाम में एफआईआर संख्या 54/2023 दर्ज की गई है.”

एडीजीपी कश्मीर मे आगे कहा कि “आम जनता को सलाह दी जाती है कि वे इन अफवाहों पर ध्यान न दें. जम्मू- कश्मीर पुलिस यात्रियों की सुरक्षा और शांतिपूर्ण यात्रा सुनिश्चित करने के लिए हमेशा प्रतिबद्ध है और रहेगा.”

कश्मीर पुलिस ने कहा कि इससे पहले 15 जुलाई को टट्टू वालों के बीच झड़प हुई थी, जिसमें टट्टू वालों और कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आई थीं. स्थिति पर तुरंत काबू पा लिया गया था.

कश्मीर जोन पुलिस ने गुरुवार को ट्वीट किया, “15 जुलाई को शेषनाग में टट्टूवालों के बीच (आपस में) हाथापाई हो गई, जिसके परिणामस्वरूप टट्टूवालों और कुछ यात्रियों को मामूली चोटें आईं. स्थिति को तुरंत नियंत्रण में ले लिया गया.”

इसमें कहा गया, “कानून की संबंधित धाराओं के तहत पीएस पहलगाम में मामला एफआईआर संख्या 51/2023 दर्ज किया गया था और 3 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है.”

इससे पहले बुधवार को जम्मू-कश्मीर प्रशासन ने एक आधिकारिक बयान में अमरनाथ यात्रियों पर शरारती तत्वों द्वारा पथराव के भ्रामक आरोपों का खंडन किया था. प्रशासन का कहना है कि यह घटना पोनीवालों के बीच हुए मामूली विवाद के कारण हुई है.

बयान में कहा गया, कि प्रशासन ने अमरनाथजी यात्रा के तीर्थयात्रियों की सुविधा के लिए यात्रा के सुचारू संचालन के लिए सभी इंतजाम किए हैं.

बयान में आगे कहा गया, “यह वीडियो समुदायों के बीच विभाजन पैदा करने, वैमनस्य फैलाने और शांतिपूर्ण यात्रा में बाधा डालने के दुर्भावनापूर्ण इरादे से बनाया गया है.”

वार्षिक अमरनाथ यात्रा 1 जुलाई से शुरू हुई. 62 दिवसीय तीर्थयात्रा 31 अगस्त को समाप्त होगी.


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