तेल के दाम गिरने के बावजूद 2022 के मध्य से ईंधन के दामों में कोई बदलाव नहीं हुआ है, जो दिखाता है कि सरकार की मूल्य निर्धारण नीति में पारदर्शिता की जरूरत है. एक गतिशील बाज़ार-आधारित नीति का कोई मतलब नहीं यदि वह न तो गतिशील है और न ही बाज़ार-आधारित है. तेल विपणन कंपनियों के फिर से लाभ में आने के साथ, दैनिक मूल्य संशोधन को बहाल करने या आधिकारिक तौर पर उन्हें छोड़ने का समय आ गया है.