मुंबई: महाराष्ट्र में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली सरकार में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के नेता अजित पवार और पार्टी विधायकों के एक वर्ग के शामिल होने के नौ दिन बाद, बहुप्रतीक्षित राज्य मंत्रिमंडल का विस्तार अभी तक नहीं हो सका है.
राज्य में सत्तारूढ़ शिवसेना और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि यह कदम विभागों के बंटवारे को लेकर अटका हुआ है, क्योंकि उपलब्ध पदों की तुलना में मंत्री पद के दावेदार अधिक हैं. सूत्रों ने कहा कि यह प्रक्रिया 17 जुलाई से पहले होने की उम्मीद है, जब राज्य विधानसभा का मानसून सत्र शुरू होगा.
मंत्रिमंडल में किस किस को शामिल किया जा सकता है, इस पर कथित तौर पर सेना नेता और मुख्यमंत्री, एकनाथ शिंदे और उपमुख्यमंत्री और भाजपा नेता देवेंद्र फड़नवीस ने अपनी पार्टी के विधायकों के साथ और आपस में अलग-अलग कई बैठकें की हैं.
शिंदे ने सोमवार को मुंबई में संवाददाताओं से कहा, “कैबिनेट विस्तार जल्द ही होगा.”
पवार ने शिंदे सरकार में डिप्टी सीएम के रूप में शपथ ली, यह पद वह 2 जुलाई से फड़णवीस के साथ साझा कर रहे हैं. आठ अन्य एनसीपी विधायकों ने भी शिंदे सरकार में शामिल होने के लिए शरद पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी के खिलाफ बगावत कर दी थी. हालांकि, अभी तक उन्हें विभाग आवंटित नहीं किये गये हैं.
दोनों पार्टियों के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि सरकार में एनसीपी नेताओं के प्रवेश ने बीजेपी और सेना खेमों में असंतोष को बढ़ा दिया है.
शिंदे खेमा इसलिए बेचैन है क्योंकि वर्तमान मुख्यमंत्री और उनके खेमे के लोगों ने महाराष्ट्र की पूर्ववर्ती महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार – जो राकांपा, कांग्रेस, अविभाजित शिवसेना और छोटे दलों का गठबंधन है – को छोड़ने के लिए जो कारण बताए थे उनमें से एक है. क्या वो अजित पवार थे और वित्त मंत्री के रूप में वह कथित तौर पर किस तरह से धन का आवंटन कर रहे थे.
सूत्रों ने कहा कि शिंदे खेमे के कई लोग सीएम पर दबाव बना रहे हैं क्योंकि सरकार बनने के एक साल बाद भी उन्हें मंत्री पद का इंतजार है.
शिंदे, जो पिछले साल जून में तत्कालीन सीएम उद्धव ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना से अलग हो गए थे, ने कथित तौर पर उस समय अपने खेमे को आश्वासन दिया था कि वह भाजपा से उन्होंने हाथ मिलाया है से अधिक सरकार बनाने के बाद कैबिनेट में जगह पाने की कोशिश करेंगे.
बीजेपी के एक वरिष्ठ नेता ने दिप्रिंट को बताया कि महाराष्ट्र में कैबिनेट विस्तार दो दिनों में होगा और बीजेपी और शिवसेना को पांच-पांच कैबिनेट मंत्री पद मिलेंगे.
वर्तमान में, राज्य मंत्रिमंडल में 29 मंत्री हैं जिनकी अधिकतम संख्या 43 है. भाजपा नेता ने कहा कि भाजपा और शिवसेना को आवंटन के बाद चार कैबिनेट स्थान बचेंगे.
बीजेपी नेता ने दिप्रिंट को बताया, ‘अब जिसे भी शामिल किया जाएगा उसे कैबिनेट मंत्री के रूप में लिया जाएगा और कोई राज्य मंत्री नहीं होगा.’
दिप्रिंट को पता चला है कि कैबिनेट विभागों के आवंटन पर गतिरोध मुख्य रूप से बागी एनसीपी नेताओं को पदों के वितरण का परिणाम है. सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि अजित पवार ने गृह, वित्त, पर्यटन, उत्पाद शुल्क, सामाजिक न्याय और ग्रामीण विकास जैसे प्रमुख मंत्रालय मांगे हैं.
कई उम्मीदवारों को कैबिनेट में जगह नहीं मिलने की संभावना को लेकर सेना और बीजेपी खेमे में चल रही अटकलों के बारे में दिप्रिंट से बात करते हुए वरिष्ठ मंत्री और बीजेपी नेता सुधीर मुनगंटीवार ने कहा: “हमने अपने विधायकों के साथ बैठकें कीं. कोई भी परेशान नहीं है. हमने उन्हें स्थिति समझा दी है. जहां तक शिवसेना का सवाल है, एक या दो असंतुष्ट विधायक सभी विधायकों की आवाज का प्रतिनिधित्व नहीं करते हैं. मुझे विश्वास है कि सीएम शिंदे उनसे बात करेंगे और उन्हें समझाएंगे.
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आशाएं अधिक, सीटें कम
एमवीए और ठाकरे के नेतृत्व वाली सेना छोड़ने के समय, शिंदे खेमे के कुछ विधायकों ने एमवीए सरकार में तत्कालीन वित्त मंत्री अजित पवार द्वारा अपने निर्वाचन क्षेत्रों में धन के अपर्याप्त आवंटन को विद्रोह के कारणों में से एक बताया था. .
पार्टी के सूत्रों ने दिप्रिंट को बताया कि शिंदे सरकार में अजित के शामिल होने से वे असहज हो गए हैं.
शिवसेना के एक नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, “हमने [महाराष्ट्र के] लोगों को बताया था कि अजित पवार हमारे एमवीए से बाहर होने के मुख्य कारणों में से एक थे. अब हम महाराष्ट्र के लोगों का सामना कैसे करेंगे?”
शिंदे खेमे की आशंकाओं को बीजेपी ने नोट कर लिया है.
बीजेपी नेता ने पहले दिप्रिंट को बताया था, “हमारी राय है कि अजित पवार गुट को वित्त, गृह, शहरी विकास और सिंचाई के अलावा कुछ भी मिल सकता है. लेकिन अंततः निर्णय आलाकमान को लेना है.”
दोनों पार्टियों के कई विधायक भी परेशान हैं क्योंकि उन्हें डर है कि उन्हें कैबिनेट में जगह नहीं मिलेगी, क्योंकि आवंटित किए जाने वाले विभागों की संख्या कम हो गई है. उम्मीदों की फेहरिस्त लंबी है.
विधायक संजय शिरसाट, भरत गोगावले और प्रकाश सुर्वे उन आशावानों में से हैं जो शिवसेना कोटे से मंत्रालय पाने का इंतजार कर रहे हैं. बच्चू कडू जैसे निर्दलीयों को भी कैबिनेट में शामिल किए जाने की उम्मीद है.
शिरसाट ने सोमवार को मीडिया से कहा, “मेरा मानना है कि कैबिनेट विस्तार एक या दो दिन के भीतर हो जाएगा, लेकिन अगर आप असली जवाब जानना चाहते हैं, तो सीएम से पूछें.”
भाजपा के मोर्चे पर चुनौती बड़ी है क्योंकि पार्टी के पास सरकार के भीतर विधायकों की संख्या सबसे अधिक है – जो कि सेना और राकांपा की कुल संख्या से भी अधिक है.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, बेचैन विधायकों को मनाने के लिए फड़णवीस ने गुरुवार को बैठक की.
आशीष शेलार, संजय कुटे और माधुरी मिसाल जैसे भाजपा विधायक भी कैबिनेट में शामिल होने की उम्मीद कर रहे हैं.
इस बीच राज्य विपक्ष ने कैबिनेट गतिरोध को लेकर सरकार पर निशाना साधना शुरू कर दिया है.
उद्धव के बेटे आदित्य ठाकरे ने सोमवार को ट्वीट किया कि “9 नए मंत्रियों ने 8 दिन पहले शपथ ली. अभी तक किसी पोर्टफोलियो की घोषणा नहीं की गई है. उनके पास अधिकार तो है लेकिन जिम्मेदारी नहीं, सुविधाएं तो हैं लेकिन काम नहीं. इस बीच मूल गद्दार एक साल से अधिक समय से कैबिनेट विस्तार का इंतजार कर रहे हैं, अब मिनधे-भाजपा की खोखे सरकार [शिंदे खेमे के खिलाफ ताना] के लिए उनकी असली ‘किम्मत’ [कीमत] देखें.’
(अनुवाद- संपादन/ पूजा मेहरोत्रा)
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