दिप्रिंट के संपादकों द्वारा चयनित कार्टून पहले अन्य प्रकाशनों में प्रकाशित किए जा चुके हैं. जैसे- प्रिंट मीडिया, ऑनलाइन या फिर सोशल मीडिया पर.
आज के विशेष कार्टून में, संदीप अध्वर्यु महाराष्ट्र के राजनीतिक परिदृश्य पर कटाक्ष करते हैं. कार्टून में पिछली महा विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार के नेताओं को दर्शाया गया है, जो तीसरे सहयोगी राहुल गांधी को संकेत दे रहे हैं कि उनकी पार्टी इकाई भी उनकी तरह विभाजित हो सकती है.
इस दृष्टांत में, सतीश आचार्य स्पष्ट संकेतों की उपस्थिति के बावजूद एनसीपी सुप्रीमो शरद पवार द्वारा अपने भतीजे अजीत के विद्रोह की भविष्यवाणी करने में असमर्थता की ओर इशारा करते हैं.
साजिथ कुमार महाराष्ट्र में घटनाओं के नाटकीय मोड़ पर एक व्यंग्यात्मक परिप्रेक्ष्य प्रदान करते हैं, और विधानसभा में एनसीपी विवाद के सामने आने पर राज्यपाल रमेश बैस की निष्पक्षता पर संदेह उठाते हैं.
यहां, सतीश आचार्य मध्य प्रदेश के सीधी जिले में एक व्यक्ति द्वारा एक आदिवासी व्यक्ति पर पेशाब करने के वायरल वीडियो की ओर इशारा कर रहे हैं. आचार्य सवाल उठाते हैं कि क्या समान नागरिक संहिता जाति-आधारित असमानता को प्रभावी ढंग से संबोधित कर सकती है. कार्टून में पीएम मोदी को ‘सेन्गोल’ – न्याय की छड़ी, जिसे उन्होंने नई संसद में स्थापित किया था, पकड़े हुए दिखाया गया है.
टमाटर की कीमतों में तेज वृद्धि ने देश भर के लाखों परिवारों को तनाव में डाल दिया है. इसके प्रकाश में, नाला पोनप्पा ने प्रसिद्ध ‘चिकन-और-अंडा’ पहेली का उपयोग करके टमाटर और केचप के बीच एक समानता दिखाई- उनकी लगभग समान कीमतों पर प्रकाश डाला.