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Sunday, 3 November, 2024
होमदेश‘कनाडा में खालिस्तानी गतिविधी वोट-बैंक की राजनीति से प्रेरित’, बोले जयशंकर- बातचीत चल रही है

‘कनाडा में खालिस्तानी गतिविधी वोट-बैंक की राजनीति से प्रेरित’, बोले जयशंकर- बातचीत चल रही है

इस महीने की शुरुआत में, कनाडा के ओंटारियो में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाते हुए एक झांकी निकाली गई थी. नई दिल्ली ने इसकी कड़ी आलोचना की थी.

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नई दिल्ली: कनाडा में ‘खालिस्तानी’ गतिविधियों में बढ़ोतरी पर प्रतिक्रिया देते हुए विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा कि यह “वोट-बैंक की राजनीति” से प्रेरित लगता है. उन्होंने कहा कि इससे हाल में दोनों देशों के बीच संबंधों पर भी असर पड़ा है.

जयशंकर राष्ट्रीय राजधानी के इंडिया इंटरनेशनल सेंटर में संवाददाताओं को संबोधित कर रहे थे. पत्रकारों से बात करते हुए जयशंकर ने कहा, “कनाडा ने खालिस्तानी मुद्दे से कैसे निपटा है, यह हमारे लिए एक पुराना मुद्दा है, क्योंकि स्पष्ट रूप से वे वोट बैंक की राजनीति से प्रेरित होते हैं. उनकी प्रतिक्रियाएं इस बात से सीमित हैं कि वे वोट बैंक के रूप में क्या मानते हैं.”

जयशंकर ने आगे कहा, “हमने यह स्पष्ट कर दिया है कि यदि कनाडा से ऐसी गतिविधियां होती हैं जिससे हमारी संप्रभुता, क्षेत्रीय अखंडता और हमारी सुरक्षा पर आघात होता है, तो हमें जवाब देना होगा.”

उन्होंने कहा, “कनाडा के साथ बातचीत चल रही है, लेकिर परिणाम संतोषजनक नहीं है. हम इसपर बहुत स्पष्ट हैं. और पिछले कुछ वर्षों में, आप देख सकते हैं कि इसने हमारे संबंधों को कई तरीकों से प्रभावित किया है.”

गौरतलब है कि कनाडा में हाल ही में खालिस्तान गतिविधियों में बढ़ोतरी हुई है.

इस महीने की शुरुआत में, कनाडा के ओंटारियो में पूर्व पीएम इंदिरा गांधी की हत्या का जश्न मनाते हुए एक झांकी निकाली गई थी. नई दिल्ली ने इसकी कड़ी आलोचना की थी.

इसी साल मार्च में खालिस्तान समर्थकों ने कनाडा में भारतीय दूतावास के बाहर विरोध प्रदर्शन किया था. उन्होंने खालिस्तान के समर्थन में नारे लगाए और मौके पर मौजूद भारतीय मूल के पत्रकारों के साथ कथित तौर पर मारपीट की.

आगे बोलते हुए, जयशंकर ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी की संयुक्त राज्य अमेरिका की राजकीय यात्रा की सराहना की, और कहा कि भारत यूरोप के साथ मुक्त व्यापार समझौते को समाप्त करने पर भी ध्यान केंद्रित कर रहा है.

विदेश मंत्री ने कहा, “आज, यह एक बहुत ही ध्रुवीकृत दुनिया है, और वैश्विक मंच बहुत अधिक चुनौतीपूर्ण है. संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ हमारे संबंध असाधारण रूप से अच्छे हैं. इतिहास में हमारी सबसे उपयोगी यात्रा रही है.”

उन्होंने आगे कहा, “साझे उद्देश्यों के लिए हम अमेरिका के साथ एक सकारात्मक क्षेत्र में चले गए हैं. यूरोप पर दिया जा रहा ध्यान उल्लेखनीय है. हमारे सामने बड़ा मुद्दा मुक्त व्यापार समझौते का समापन है, लेकिन हम उससे कहीं अधिक आशान्वित हैं.” 

विदेश मंत्री ने आगे कहा कि तमाम उथल-पुथल के बावजूद भारत-रूस संबंध स्थिर बने हुए हैं.

उन्होंने कहा, “सभी उथल-पुथल के बावजूद रूस के साथ हमारे संबंध स्थिर बने हुए हैं. हमने इसके महत्व के बारे में वर्षों से अपना मूल्यांकन किया है. रूस के साथ संबंधों को केवल रक्षा निर्भरता तक सीमित करना एक गलती है. हमारी आर्थिक स्थिति में सुधार हुआ है.” 


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