पी.वी. नरसिम्हा राव के 102 साल — तस्वीरों में कैद एक ‘एक्सीडेंटल PM’ का यादगार कार्यकाल
1991 के आर्थिक सुधारों के साथ, नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह ने भारत को आर्थिक रसातल से तो बाहर निकाला ही, राव को भारत में लाइसेंस राज को ख़त्म करने का श्रेय भी दिया जाता है.
नई दिल्ली: पूर्व प्रधानमंत्री पामुलपर्थी वेंकट नरसिम्हा राव ने अपने पांच वर्षों (1991-1996) में भारत का नेतृत्व करते हुए बहुत कुछ किया, जिसमें तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह के साथ 1991 में ऐतिहासिक आर्थिक सुधार लाना भी शामिल था.
28 जून 1921 को वर्तमान तेलंगाना में जन्मे, वे दक्षिणी क्षेत्र से भारत के पहले प्रधानमंत्री थे. पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की मृत्यु के बाद वह कांग्रेस के प्रधानमंत्री उम्मीदवार के रूप में उभरे, जिनकी अभियान के दौरान हत्या कर दी गई थी.
आर्थिक सुधारों के साथ, जो इस महीने 32 साल पूरे कर रहे हैं, राव और सिंह ने 1991 में भारत को आर्थिक रसातल से बाहर निकाला. राव को भारत में लाइसेंस राज को खत्म करने का भी श्रेय दिया जाता है. उनकी विरासत का एक और महत्वपूर्ण हिस्सा शीत युद्ध की समाप्ति के बाद भारत की रक्षा करना है.
जीवन भर कांग्रेस के वफादार सदस्य रहे राव की यूपीए-1 के सत्ता में आने के 8 महीने बाद 23 दिसंबर 2004 को मृत्यु हो गई. हालांकि, पार्टी ने उनके पार्थिव शरीर को पार्टी कार्यकर्ताओं द्वारा अंतिम विदाई के लिए कांग्रेस मुख्यालय के अंदर जाने की अनुमति देने से इनकार कर दिया. अंततः हैदराबाद में उनका अंतिम संस्कार किया गया था.
उनकी 102वीं जयंती पर, दिप्रिंट के नेशनल फोटो एडिटर प्रवीण जैन राव के जीवन के कुछ पल लेकर आए हैं, जिन्हें उन्होंने वर्षों से अपने कैमरे में कैद किया है.