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Friday, 22 November, 2024
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‘यह अस्वीकार्य है’, PM मोदी से सवाल पूछने वाली पत्रकार के खिलाफ ट्रोलिंग की व्हाइट हाउस ने की निंदा

इस बीच दक्षिण एशियाई पत्रकार संघ (एसएजेए) ने सिद्दीकी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपशब्दों के इस्तेमाल की निंदा करते हुए कहा कि प्रेस की आजादी किसी भी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है.

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नई दिल्ली: व्हाइट हाउस ने राष्ट्रपति जो बाइडन के साथ संयुक्त संवाददाता सम्मेलन में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से सवाल पूछने पर सोशल मीडिया पर एक अमेरिकी पत्रकार पर हो रहे हमलों की निंदा की है और इसे ‘पूरी तरह से अस्वीकार्य’ बताया.

वॉल स्ट्रीट जर्नल की संवाददाता सबरीना सिद्दीकी ने पिछले सप्ताह प्रधानमंत्री मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में सवाल करते हुए पूछा था कि उनकी सरकार इस दिशा में सुधार के लिए क्या कदम उठाने पर विचार कर रही है.

व्हाइट हाउस ने वॉल रिपोर्टर के ऑनलाइन उत्पीड़न की निंदा की है, जिसने पिछले हफ्ते एक संवाददाता सम्मेलन में प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी से भारत में अल्पसंख्यकों के अधिकारों के बारे में सवाल पूछा था.

संयुक्त संवाददाता सम्मेलन के एक दिन बाद संवाददाता को मोदी से सवाल पूछने के लिए सोशल मीडिया पर कोसा जाने लगा और कुछ लोगों ने आरोप लगाया कि वह पूर्व नियोजित तरीके से सवाल पूछ रही थीं. कुछ ने तो महिला पत्रकार को ‘पाकिस्तानी इस्लामिस्ट’ कहा.

यह अस्वीकार्य है

रणनीतिक संचार के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के समन्वयक जॉन किर्बी ने एक प्रश्न के उत्तर में सोमवार को संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें उस उत्पीड़न की खबरें मिली हैं. यह अस्वीकार्य है. और हम किसी भी परिस्थिति में कहीं भी पत्रकारों के किसी भी तरह के उत्पीड़न की कड़ी निंदा करते हैं. यह लोकतंत्र के उन सिद्धांतों के लिहाज से अनैतिकतापूर्ण है जो पिछले सप्ताह राजकीय यात्रा के दौरान प्रदर्शित किए गए.’’

किर्बी के बयान के बाद, व्हाइट हाउस के प्रेस सचिव केरीन ज्यां-पियरे ने माइक लेते हुए कहा, “हम निश्चित रूप से किसी भी पत्रकार को डराने-धमकाने या परेशान करने के किसी भी प्रयास की निंदा करते हैं जो सिर्फ अपना काम करने की कोशिश कर रहा है.”

सिद्दीकी के प्रश्न के उत्तर में मोदी ने लोकतंत्र के मामले में भारत के रिकॉर्ड का पुरजोर बचाव करते हुए कहा था कि उनकी सरकार का मूल आधार ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ है.

उन्होंने कहा था, ‘‘भारत एक लोकतंत्र है. और जैसा कि राष्ट्रपति बाइडन ने कहा कि भारत और अमेरिका दोनों के डीएनए में लोकतंत्र है. हमारी रगों में लोकतंत्र है.’’

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केरीन ज्यां-पियरे ने कहा, ‘‘हम व्हाइट हाउस में इस प्रशासन के तहत प्रेस की स्वतंत्रता के लिए प्रतिबद्ध हैं और इसीलिए हमने पिछले सप्ताह संवाददाता सम्मेलन रखा था.’’

क्या प्रधानमंत्री मोदी और राष्ट्रपति बाइडन ने प्रेस की आजादी और मानवाधिकार जैसे विषयों पर बातचीत की थी? इस प्रश्न के जवाब में ज्यां-पियरे ने कहा कि राष्ट्रपति बाइडन किसी वैश्विक नेता या किसी राष्ट्र प्रमुख से मानवाधिकारों के मुद्दे पर बातचीत से कभी संकोच नहीं करेंगे.

उन्होंने कहा, ‘‘हमें लगता है कि दोनों नेताओं द्वारा, न केवल राष्ट्रपति (बाइडन), बल्कि प्रधानमंत्री (मोदी) द्वारा भी संवाद करना आप सभी के लिए और सवाल पूछने वाले पत्रकारों के लिए भी महत्वपूर्ण है.’’

प्रेस की आजादी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण

इस बीच दक्षिण एशियाई पत्रकार संघ (एसएजेए) ने सिद्दीकी के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपशब्दों के इस्तेमाल की निंदा करते हुए महिला पत्रकार के प्रति समर्थन जताया है.

संगठन ने कहा, ‘‘प्रेस की आजादी किसी भी लोकतंत्र के लिए महत्वपूर्ण है और प्रधानमंत्री मोदी दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र का नेतृत्व करते हैं.’’

गुरुवार की प्रेस वार्ता उनके नौ साल के कार्यकाल में पहली बार थी जब मोदी ने पत्रकारों के सवालों के जवाब दिए थे.

मोदी से अपने सवाल के लिए सोशल मीडिया पर हमले के बाद, सिद्दीकी ने दो तस्वीरों के साथ एक ट्वीट किया, एक में उनके पिता भारत को 2011 क्रिकेट विश्व कप जीतते हुए देख रहे थे, और दूसरे में उनकी तस्वीर थी। दोनों फोटो में वह टीम इंडिया की क्रिकेट जर्सी पहने नजर आ रही हैं.

उन्होंने अपने पोस्ट को कैप्शन दिया, “चूंकि कुछ लोगों ने मेरी व्यक्तिगत पृष्ठभूमि को मुद्दा बनाने के लिए चुना है, इसलिए पूरी तस्वीर प्रदान करना ही सही लगता है. कभी-कभी पहचान जितनी दिखती है उससे कहीं अधिक जटिल होती है.”

सिद्दीकी के पिता का जन्म भारत में हुआ था लेकिन उनका पालन-पोषण पाकिस्तान में हुआ, जबकि उनकी मां पाकिस्तानी हैं.

सिद्दीकी के खिलाफ पहला हमला भाजपा के सूचना सेल के प्रमुख अमित मालवीय की ओर से हुआ. उन्होंने ट्वीट किया कि सिद्दीकी का सवाल ‘प्रेरित’ था और उन्हें मोदी द्वारा ‘उचित उत्तर’ दिया गया, जो उनके अनुसार, ‘टूलकिट गिरोह’ के लिए एक ‘झटका’ था – अपमानजनक वाक्यांश का उपयोग उन लोगों के लिए किया जाता है जिन्होंने मुसलमानों के खिलाफ भेदभाव सहित विभिन्न मुद्दों पर भाजपा और मोदी से सवाल किया है.


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