किशनगंज : बिहार के खगड़िया जिले में गंगा नदी पर निर्माणाधीन पुल के ध्वस्त होने के बमुश्किल तीन सप्ताह बाद शनिवार को किशनगंज जिले में निर्माणाधीन पुल का एक हिस्सा गिर गया. एक अधिकारी ने यह जानकारी दी. वहीं बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने इस केंद्र सरकार का प्रोजेक्ट बताया है.
तेजस्वी यादव एएनआई की खबर को शेयर करते हुए लिखा है, ‘यह केंद्र सरकार के अधीन ‘भारत माला परियोजना’ के अंतर्गत NHAI द्वारा निर्मित निर्माणाधीन पुल है. इसका बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं है. इस परियोजना के निर्माण से संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय एवं दंड देने का सर्वाधिकार NHAI का है.’
यह केंद्र सरकार अधीन “भारत माला परियोजना” अंतर्गत NHAI द्वारा निर्मित निर्माणाधीन पुल है। इसका बिहार सरकार के पथ निर्माण विभाग से कोई संबंध नहीं है। इस परियोजना के निर्माण से संबंधित एजेंसी और अधिकारियों को श्रेय एवं दंड देने का सर्वाधिकार NHAI का है। https://t.co/UUO5FmcDIE
— Tejashwi Yadav (@yadavtejashwi) June 24, 2023
भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) के परियोजना निदेशक अरविंद कुमार ने कहा कि राजधानी पटना से करीब 400 किलोमीटर दूर हुई इस घटना के तहत मेची नदी पर बन रहे पुल का एक खंभा ध्वस्त हो गया.
अधिकरियों ने कहा, ‘राष्ट्रीय राजमार्ग-327ई पर निर्मित किया जा रहा यह पुल किशनगंज और कटिहार को जोड़ेगा.’
अधिकारी ने दावा कि इस घटना में कोई हताहत नहीं हुआ है और कारण का पता लगाने के लिए विशेषज्ञों की पांच सदस्यीय टीम का गठन किया गया है.
अधिकारी ने कहा कि प्रथम दृष्टया यह खंभा प्रक्रिया के दौरान मानवीय त्रुटि का मामला प्रतीत होता है.
इस बीच राज्य सरकार ने स्पष्ट किया है कि यह पुल केंद्रीय परियोजना का हिस्सा था और इस मामले में कार्रवाई करने का अधिकार एनएचएआई के पास है.
सड़क निर्माण मंत्रालय भी संभाल रहे उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव ने कहा, ‘इस पुल का निर्माण एनएचएआई द्वारा केंद्र सरकार की भारतमाला परियोजना के तहत कराया जा रहा है. इसका बिहार सरकार से कोई लेनादेना नहीं है.’
इसके पहले चार जून को खगड़िया जिले को भागलपुर से जोड़ने के लिए बनाया जा रहा पुल ध्वस्त हो गया था.
बिहार अभियंत्रण सेवा संघ ने चिंता जताते हुए निर्मित और निर्माणाधीन सभी पुलों की ‘स्ट्रक्चरल ऑडिट’ करने की जरूरत पर बल दिया है.
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