नई दिल्ली: राजधानी के मंडावली इलाके में एक मंदिर के बाहर बने कथित अवैध निर्माण को हटाए जाने को लेकर गुरुवार को स्थानीय लोगों ने जमकर विरोध किया.
दरअसल, मंदिर के बाहर बनी अवैध रेलिंग को तोड़ने के लिए पहुंचे प्रशासन का लोगों ने विरोध किया और जय श्री राम के नारे लगाए.
प्रशासन का कहना है कि ग्रिल अवैध तरीके से बनी थी, जिसे हटाना ज़रूरी था और कड़ी सुरक्षा के बीच ग्रिल को हटा दिया गया है.
इस दौरान स्थानीय लोग सुरक्षाकर्मियों के ऊपर लाठी और फावड़े लेकर दौड़ पडे़. लोगों की भारी संख्या को देखते हुए स्थानीय पुलिस के साथ भारी संख्या में पैरामिलिट्री फोर्स को मौके पर तैनात किया गया है.
#WATCH | A large number of people protest against the removal of a portion of a temple in Delhi's Mandawali area.
Police present on the spot. pic.twitter.com/9zmJAPDiq0
— ANI (@ANI) June 22, 2023
पूर्वी दिल्ली के डीएम ने कहा भी है कि सिर्फ रेलिंग हटाएं आए थे और इसे हटाने का काम जारी है. प्रशासन के मुताबिक, मंदिर नही तोड़ना है, मकसद सिर्फ रेलिंग हटा कर फुटपाथ को साफ करना था.
पुलिस का कहना है कि स्थिति फिलहाल नियंत्रण में है. कई लोगों को हिरासत में लिया गया है.
पीडब्ल्यूडी द्वारा मंदिर की ग्रिल हटाए जाने पर दिल्ली बीजेपी प्रमुख वीरेंद्र सचदेव ने कहा,‘‘भाजपा के कार्यकर्ताओं ने न केवल पुलिस की कार्रवाई का विरोध किया, बल्कि वो घायल भी हुए हैं. हमारे दो पार्षद इस दौरान घायल हुए हैं और अरविंद केजरीवाल का जो हिंदू विरोधी चेहरा है वो इस कार्रवाई में स्पष्ट हो गया है.’’
उन्होंने कहा, ‘‘एक धर्म विशेष को खुश करने के लिए ये रातों-रात मंदिर तोड़ेंगे हिंदू धर्म ये बर्दाश्त नहीं करेगा. हम इसका विरोध कर रहे हैं आगे भी करेंगे.’’
वहीं, आम आदमी पार्टी की शिक्षा मंत्री आतिशी ने कहा कि मंडावली का मंदिर उपराज्यपाल विनय कुमार सक्सेना के आदेश पर तोड़ा जा रहा है.
उन्होंने कहा, ‘‘जिस समय ये फाइल तत्कालीन गृह मंत्री मनीष सिसोदिया जी के पास आई थी, तो उन्होंने किसी भी मंदिर के तोड़े जाने का विरोध किया था. उस समय एलजी साहब ने सिसोदिया जी को फैसले को ओवररूल करते हुए न केवल मंडावली बल्कि 10 और मंदिर को तोड़ने का फैसला किया.’’
मंत्री ने आगे कहा, ‘‘एलजी ने आदेश दिया था कि मंदिर को तोड़ने की कोई भी फाइल होगी वो उन्हीं के पास जाएगी न कि दिल्ली की चुनी हुई सरकार के पास जाएगी.’’
पूर्वी दिल्ली की डीसीपी अमृता गुगुलोथ ने कहा, आज यहां एक मंदिर की रेलिंग हटाने के लिए पीडब्ल्यूडी का अतिक्रमण कार्यक्रम तय था. हमने उन्हें सहायता प्रदान की है और रेलिंग हटा दी गई है. कानून एवं व्यवस्था की स्थिति सामान्य है.
स्थानीय लोगों को कहना है कि मंदिर वर्षों पुराना है और आज तक किसी ने भी इसके अवैध होने की बात नहीं की है.
प्रशासन की कार्रवाई के दौरान मंदिर में महिलाएं भजन गा रही थीं. मंदिर के ढांचे को तोड़ने की सूचना मिलते ही बुधवार को कई हिंदू संगठन जुट गए थे. हनुमान चालिसा का पाठ किया गया. लोगों ने पीडब्ल्यूडी के खिलाफ विरोध किया.
प्रशासन ने बताया कि पीडब्ल्यूडी की तरफ से शिकायत मिली थी कि पीडब्ल्यूडी के फुटपाथ पर मंदिर का ढांचा बनाया गया है, साथ ही लोहे के जाल लगाकर काफी जगह पर कब्ज़ा कर लिया गया है. इसके बाद एसडीएम प्रीत विहार ने ढांचे को तोड़ने के आदेश दिए हैं.
बता दें कि यमुनापार में प्रशासन को पीडब्ल्यूडी, पुलिस व निगम के साथ मिलकर कई धार्मिक स्थलों को हटाना है. एलजी द्वारा गठित धार्मिक कमेटी की अनुशंसा पर प्रशासन जी-20 शिखर सम्मेलन से पहले कार्रवाई कर रहा है.
यह भी पढ़ें: आस्था से राजनीति तक- मंदिरों, मजारों, गुरुद्वारों को लेकर दिल्ली LG और AAP सरकार के बीच विवाद