नई दिल्ली: बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री और लालू प्रसाद यादव की पत्नी राबड़ी देवी शुक्रवार को दिए अपने एक बयान के कारण चर्चा में हैं. राबड़ी देवी ने कहा है, ‘नीतीश चाहते थे कि जदयू और राजद का विलय कर दिया जाए.’ उन्होंने यह भी कहा कि ‘वो (नीतीश) 2020 में तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री देखना चाहेंगे. बस उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए.’ राबड़ी ने दावा किया है कि चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर ने लालू यादव से मुलाकात कर, राजद और जदयू के विलय का प्रस्ताव रखा था. इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट कर जवाब दिया है.
प्रशांत किशोर ने ट्वीट किया है, ‘धन के दुरुपयोग के आरोपों में दोषी पाए जाने वाले लोग सच्चाई के संरक्षक होने का दावा कर रहे हैं. लालू जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया.’
Those convicted or facing charges of abuse of public office and misappropriation of funds are claiming to be the custodians of truth.@laluprasadrjd जी जब चाहें, मेरे साथ मीडिया के सामने बैठ जाएं, सबको पता चल जाएगा कि मेरे और उनके बीच क्या बात हुई और किसने किसको क्या ऑफर दिया।
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 13, 2019
बता दें, राबड़ी देवी ने कल एक बयान दिया था, ‘नीतीश कुमार हमारे साथ आना चाहते थे. उन्होंने कहा था कि वो 2020 में तेजस्वी यादव को बिहार का मुख्यमंत्री देखना चाहेंगे. बस उन्हें प्रधानमंत्री पद के उम्मीदवार के तौर पर प्रोजेक्ट किया जाए. यहां तक कि जेडीयू के साथ हमारा गठबंधन टूटने के बाद प्रशांत किशोर हमारे पास कम से कम पांच बार आए थे.’
Rabri Devi: Nitish Kumar wanted to come back, he had said that I want to see Tejashwi as CM in 2020 and you declare me as PM candidate. Even, Prashant Kishor came to meet us five times after our alliance had ended. pic.twitter.com/88sghakpcq
— ANI (@ANI) April 13, 2019
2017 में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने राजद और कांग्रेस के साथ गठबंधन तोड़ते हुए एनडीए का दामन थाम लिया था. बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा कि हमारे सभी कर्मचारी और सुरक्षाकर्मी इस बात के गवाह हैं कि उन्होंने (प्रशांत किशोर) कम से कम पांच बार हमसे मुलाकात करने की कोशिश की. प्रशांत किशोर हरबार 10 सर्कुलर रोड स्थित आवास पर पहुंचे थे. इसके अलावा, तेजस्वी के पूर्व सरकारी आवास पर भी आए थे.
इस मुद्दे पर प्रशांत किशोर और तेजस्वी यादव में भी हो चुकी है बहसबाजी
लालू प्रसाद यादव ने पत्रकार नलिन वर्मा के साथ मिलकर एक किताब लिखी है. इसका नाम है गोपालगंज टू रायसीना-माई पॉलिटिकल जर्नी. यह किताब मार्केट में आने से पहले ही सुर्खियां बटोर रही है. इसमें लिखा है कि नीतीश कुमार ने दोबारा महागठबंधन में आने की कोशिश की थी.
वहीं बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री और लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव ने इस पर कहा था, ‘मैं पूरी जिम्मेदारी के साथ कहता हूं कि नीतीश कुमार ने हमारे साथ वापस आने के कई प्रयास किए. वह भी एनडीए से गठबंधन करने के 6 महीने के भीतर.’
इस पर प्रशांत किशोर ने एक ट्वीट कर कहा था, ‘आज भी लोगों के लिए आपकी पहचान और उपलब्धि बस इतनी है कि आप लालू जी के लड़के हैं. इसी वजह से पिता की अनुपस्थिति में आप आरजेडी के नेता हैं और नीतीश जी की सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाए गए थे. पर सही मायने में आपकी पहचान तब होगी, जब आप छोटा ही सही पर अपने दम पर कुछ करके दिखाएंगे.’
.@yadavtejashwi आज भी लोगों के लिए आपकी पहचान और उपलब्धि बस इतनी है कि आप लालूजी के लड़के हैं।
इसी एक वजह से पिता की अनुपस्थिति में आप RJD के नेता हैं और नीतीशजी की सरकार में DyCM बनाए गए थे। पर सही मायनों में आपकी पहचान तब होगी, जब आप छोटा ही सही पर अपने दम पर कुछ करके दिखाएंगे https://t.co/soOAuJKktT
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) April 5, 2019