चंडीगढ़: मंगलवार को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह की मतदाताओं से भाजपा को हरियाणा की सभी 10 लोकसभा सीटें देने की अपील को जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) ने ‘दिवास्वप्न’ बताया. इस वक्त बीजेपी और जेजेपी के बीच तनातनी चल रही है.
रविवार को, अमित शाह ने जेजेपी के गढ़ सिरसा में एक जनसभा में मतदाताओं को संबोधित करते हुए अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में बीजेपी को सभी 10 सीटें दिलाने की अपील की.
भिवानी में शाह की अपील के बारे में पूछे जाने पर, जेजेपी महासचिव दिग्विजय चौटाला ने मंगलवार को इसे “हवा हवाई दावे” करार दिया. अगर दूसरे शब्दों में कहा जाए तो इसका अर्थ होता है हवा में महल बनाना या दिन में सपने देखना..
इस बात की अटकलों के बीच कि क्या दो गठबंधन सहयोगी 2024 का आम चुनाव एक साथ लड़ेंगे, यह पहली बार था जब जेजेपी नेता और चौटाला परिवार के किसी सदस्य ने भाजपा की अपील को खारिज कर दिया था.
उन्होंने कहा, ‘किसी भी पार्टी के लिए इस वक्त जीत का दावा करना हवा में महल बनाने जैसा है. हमें जनता के बीच जाना है. लोकसभा चुनाव अभी काफी दूर है. हमें लोगों का विश्वास जीतना है. लोग अब क्षेत्रीय दलों की ओर देख रहे हैं.’
हरियाणा के डिप्टी सीएम दुष्यंत चौटाला के छोटे भाई दिग्विजय ने कहा, “जैसा कि आपने देखा है कि आज ज्यादातर सांसद गायब हैं. वे अपने निर्वाचन क्षेत्रों की ओर ध्यान नहीं देते हैं.”
अपने बड़े भाई दुष्यंत और पिता अजय सिंह चौटाला का जिक्र करते हुए दिग्विजय ने कहा कि क्रमश: हिसार और भिवानी के लोग क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करने वाले सांसद के रूप में उनके कार्यकाल को आज भी याद करते हैं. “लोग ऐसे लोगों को जिताएंगे जो उनके लिए काम करते हैं. इसलिए यह दावा कि हम 10 सीटें जीतेंगे, हवा में महल बनाने के अलावा और कुछ नहीं है. जेजेपी लोकसभा चुनाव के लिए पूरी ताकत से खुद को मजबूत कर रही है.
जबकि दिग्विजय के बड़े भाई दुष्यंत 2014 से 2019 तक हिसार से सांसद थे, उनके पिता अजय सिंह चौटाला ने 1999 से 2004 तक निचले सदन में भिवानी सीट का प्रतिनिधित्व किया. 2019 के लोकसभा चुनावों में, भाजपा के बृजेंद्र सिंह ने दुष्यंत को हिसार सीट से हरा दिया. जबकि भिवानी सीट को भाजपा के मौजूदा सांसद धर्मबीर सिंह ने बरकरार रखा था.
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इसलिए, दिग्विजय की “लापता सांसदों” की टिप्पणी को भाजपा विधायक बृजेंद्र सिंह और धर्मवीर सिंह पर तंज के रूप में देखा जा रहा है.
‘आप किस गठबंधन की बात कर रहे हैं?’
यह भी ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि दिग्विजय चौटाला का बयान भाजपा के हरियाणा के प्रभारी बिप्लब कुमार देब के भिवानी में पत्रकारों से बातचीत के दौरान जेजेपी के साथ गठबंधन को कमजोर करने के एक दिन बाद आया है. देब सोमवार को चरखी दादरी में थे, जब उनसे पूछा गया कि क्या बीजेपी-जेजेपी गठबंधन अगले साल आम चुनाव तक चलेगा.
त्रिपुरा के पूर्व मुख्यमंत्री ने कहा, “कौन सा गठबंधन भाई, सभी दस सीटें तो हमारी हैं.”
बीजेपी और जेजेपी के बीच संबंध इस साल जनवरी से ही खराब हो गए हैं, जब अमित शाह ने गोहाना में एक रैली को संबोधित करते हुए कहा था कि उन्हें “विश्वास है कि राज्य में बीजेपी का कमल हर लोकसभा सीट पर खिलेगा”.
इसके बाद के बयानों में, बिप्लब कुमार देब, हरियाणा भाजपा प्रमुख ओ.पी. धनखड़ और राज्य के पूर्व मंत्री कैप्टन अभिमन्यु ने संकेत दिया कि भाजपा और जेजेपी ने सरकार बनाने के लिए हाथ मिलाया था न कि एक साथ चुनाव लड़ने के लिए.
इस महीने की शुरुआत में दिप्रिंट के साथ एक इंटरव्यू में दुष्यंत चौटाला ने भी कहा था कि जेजेपी बीजेपी की तरह ही सभी 10 लोकसभा सीटों पर चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है और गठबंधन के मुद्दे को चुनाव दृष्टिकोण के रूप में लिया जाएगा.
2019 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने हरियाणा की सभी 10 सीटों पर जीत हासिल की थी. हालांकि, पांच महीने बाद हुए विधानसभा चुनावों में, भाजपा बहुमत के निशान से कम हो गई जब उसने 90 में से 40 सीटें जीतीं. मनोहर लाल खट्टर के मुख्यमंत्री के रूप में राज्य में सत्ता में लौटने के लिए पार्टी को तब जेजेपी के साथ चुनाव के बाद गठबंधन करना पड़ा, जिसने 10 सीटें जीतीं.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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