नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने मंगलवार को अपने अमेरिका यात्रा के दौरान वॉल स्ट्रीट जर्नल को दिए एक इंटरव्यू में कहा कि अमेरिका और भारत के नेताओं के बीच एक अभूतपूर्व विश्वास है.
यूक्रेन और रूस के बीच जारी युद्ध को लेकर भारत की भूमिका से जुड़े एक सवाल पर प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि हिंदुस्तान शांति के पक्ष में है.
प्रधानमंत्री ने कहा, सभी देशों को अंतरराष्ट्रीय कानून और देशों की संप्रभुता का सम्मान करना चाहिए. विवादों को “कूटनीति और संवाद” से सुलझाया जाना चाहिए, न कि युद्ध से… कुछ लोग कहते हैं कि हम तटस्थ हैं. लेकिन हम तटस्थ नहीं हैं. हम शांति के पक्ष में हैं… दुनिया को पूरा भरोसा है कि भारत की सर्वोच्च प्राथमिकता शांति है.
पीएम मोदी ने कहा, “चीन के साथ सामान्य द्विपक्षीय संबंधों के लिए सीमावर्ती क्षेत्रों में अमन-चैन जरूरी है. संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का सम्मान करने, कानून के शासन का पालन करने और मतभेदों और विवादों के शांतिपूर्ण समाधान में हमारा मूल विश्वास है. साथ ही भारत अपनी संप्रभुता और गरिमा की रक्षा के लिए पूरी तरह से तैयार और प्रतिबद्ध है.”
बता दें कि न्यूयॉर्क, यूएसए की अपनी यात्रा के दौरान, पीएम नरेंद्र मोदी लगभग 24 लोगों से मिलेंगे, जिनमें नोबेल पुरस्कार विजेता, अर्थशास्त्री, कलाकार, वैज्ञानिक, विद्वान, उद्यमी, शिक्षाविद, स्वास्थ्य क्षेत्र के विशेषज्ञ शामिल हैं.
पीएम टेस्ला के सह-संस्थापक एलन मस्क, एस्ट्रोफिजिसिस्ट नील डेग्रसे टायसन, ग्रैमी पुरस्कार विजेता भारतीय-अमेरिकी गायक फालू (फाल्गुनी शाह), पॉल रोमर, निकोलस नसीम तालेब, रे डालियो, जेफ स्मिथ, माइकल फ्रोमैन डैनियल रसेल, एलब्रिज कोल्बी, डॉ पीटर आग्रे, डॉ स्टीफन क्लास्को और चंद्रिका टंडन से मुलाकात करेंगे.
उन्होंने कहा कि अमेरिका की उनकी यात्रा भारत-अमेरिका साझेदारी की गहराई एवं विविधता को समृद्ध करने का एक अवसर होगी और दोनों देश मिलकर साझा वैश्विक चुनौतियों का अधिक मजबूती से सामना कर सकते हैं.
मोदी ने अमेरिका और मिस्र की अपनी यात्रा से पहले जारी एक बयान में कहा कि वह अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन और फर्स्ट लेडी जिल बाइडन के निमंत्रण पर अमेरिका की यात्रा पर जा रहे हैं और यह ‘विशेष निमंत्रण’ दर्शाता है कि दोनों लोकतांत्रिक देशों के बीच यह साझेदारी कितनी अहम एवं मजबूत है.
मोदी मंगलवार सुबह अमेरिका के लिए रवाना हो गए और वह अमेरिका से मिस्र जाएंगे.
मोदी ने रवाना होने से पहले जारी बयान में कहा कि राष्ट्रपति बाइडन और अन्य वरिष्ठ अमेरिकी नेताओं के साथ उनकी बातचीत द्विपक्षीय सहयोग के साथ-साथ जी20, क्वाड (चतुष्पक्षीय सुरक्षा संवाद) और आईपीईएफ (समृद्धि के लिए हिंद-प्रशांत आर्थिक ढांचा) जैसे बहुपक्षीय मंचों पर सहयोग को मजबूत करने का अवसर प्रदान करेगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘मैं न्यूयॉर्क से अपनी यात्रा शुरू करूंगा, जहां मैं संयुक्त राष्ट्र नेतृत्व और अंतरराष्ट्रीय समुदाय के सदस्यों के साथ संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय में 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाऊंगा.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मैं अंतरराष्ट्रीय योग दिवस को मान्यता देने संबंधी दिसंबर 2014 के भारत के प्रस्ताव का समर्थन करने से जुड़े स्थान पर इस विशेष आयोजन को लेकर उत्साहित हूं.’’
प्रधानमंत्री मोदी ने बताया कि इसके बाद वह वॉशिंगटन डी.सी. जाएंगे. उन्होंने कहा कि सितंबर 2021 में उनकी अमेरिका की पिछली आधिकारिक यात्रा के बाद से उन्हें और राष्ट्रपति बाइडन को कई बार मिलने का अवसर मिला है.
विविधता को समृद्ध करने का अवसर
उन्होंने कहा, ‘‘यह यात्रा हमारी साझेदारी की गहराई एवं विविधता को समृद्ध करने का एक अवसर होगी.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत और अमेरिका के संबंध बहुआयामी हैं और दोनों देशों के बीच हर क्षेत्र में सहयोग गहरा हुआ है.
उन्होंने कहा कि अमेरिका वस्तु और सेवाओं के क्षेत्र में भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक भागीदार है और दोनों देश विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, शिक्षा, स्वास्थ्य और सुरक्षा के क्षेत्र में निकटता से सहयोग करते हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘हम दोनों देश मुक्त, खुले एवं समावेशी हिंद-प्रशांत को लेकर साझा नजरिए की दिशा में भी मिलकर काम कर रहे हैं.’’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘‘हमारे दोनों देशों के बीच विश्वास कायम करने में लोगों के बीच मजबूत आपसी संबंध अहम रहे हैं. मैं हमारे सर्वोत्तम समाजों का प्रतिनिधित्व करने वाले ऊर्जावान भारतीय-अमेरिकी समुदाय के साथ मुलाकात को लेकर उत्साहित हूं.’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं हमारे व्यापारिक और निवेश संबंधों को बढ़ाने और लचीली वैश्विक आपूर्ति श्रृंखला के निर्माण के अवसरों पर चर्चा करने के लिए कुछ प्रमुख मुख्य कार्यकारी अधिकारियों (सीईओ) से भी मिलूंगा.’’
उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि अमेरिका की उनकी यात्रा लोकतंत्र, विविधता और स्वतंत्रता के साझा मूल्यों पर आधारित दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करेगी.
प्रधानमंत्री ने बताया कि वह अमेरिका की यात्रा के बाद मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फतह अल-सीसी के निमंत्रण पर काहिरा की यात्रा करेंगे. उन्होंने कहा, ‘‘मैं एक करीबी और मित्र देश का पहला राजकीय दौरा करने को लेकर उत्साहित हूं.’’
उन्होंने कहा, ‘‘मुझे इस वर्ष हमारे गणतंत्र दिवस समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में राष्ट्रपति सीसी का स्वागत कर बहुत खुशी हुई. कुछ महीनों के अंतराल में ये दो यात्राएं मिस्र के साथ तेजी से विकसित हो रही हमारी साझेदारी का प्रतिबिंब हैं, जिसे राष्ट्रपति सीसी की यात्रा के दौरान ‘रणनीतिक साझेदारी’ के रूप में उन्नत किया गया था.’’
मोदी ने कहा, ‘‘मैं हमारी सभ्यतागत और बहुआयामी साझेदारी को और गति प्रदान करने के लिए राष्ट्रपति सीसी और मिस्र सरकार के वरिष्ठ सदस्यों के साथ बातचीत करने के लिए उत्सुक हूं. मुझे मिस्र में ऊर्जावान भारतीय प्रवासियों के साथ बातचीत करने का भी अवसर मिलेगा.’’
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