नई दिल्ली : केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा है कि उन्होंने भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ यौन उत्पीड़न को लेकर प्रदर्शन कर रहे दिग्गज पहलवानों को बातचीत के लिए बुलाया है. वहीं किसान नेता राकेश टिकैत ने नौकरी करते हुए पहलवानों के विरोध-प्रदर्शन का बचाव किया है. साथ ही पहलवानों ने भी हरियाणा में प्रदर्शन कर रहे किसानों पर लाठीचार्ज का विरोध किया है और गिरफ्तार किसानों की रिहाई की मांग की है.
पहलवान एक दिन पहले अमित शाह से मुलाकात के बाद अपनी रेलवे की नौकरी पर वापस लौटे हैं, लेकिन उन्होंने उन खबरों का खंडन किया है कि वे अपना आंदोलन खत्म कर दिए हैं.
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने बुधवार को किए ट्वीट में कहा है, ‘सरकार प्रदर्शनकारी पहलवानों से उनके मुद्दों को लेकर बातचीत के लिए इच्छुक है. मैंने इसके लिए पहलवानों को दोबारा आमंत्रित किया है.’
The government is willing to have a discussion with the wrestlers on their issues.
I have once again invited the wrestlers for the same.
— Anurag Thakur (@ianuragthakur) June 6, 2023
राकेश टिकैत ने पहलवानों के नौकरी पर लौटने का किया बचाव
किसान नेता राकेश टिकैत ने प्रदर्शनकारी पहलवानों के अपनी नौकरी पर लौटकर प्रदर्शन को लेकर कहा, ‘हमने सरकार को बातचीत करने के लिए 9 जून तक का समय दिया था. उन्होंने हमें बातचीत के लिए बुलाया है. अपनी नौकरी करते हुए प्रदर्शन जारी रखना कोई अपराध नहीं है, आंदोलन जारी रहेगा.’
VIDEO | "We had given time till June 9 for the government to talk to us; they called us for a discussion. It is not a crime to stage protest while continuing with your job, the movement will continue," said farmer leader Rakesh Tikait on Tuesday on protesting wrestlers returning… pic.twitter.com/kLahxhZwB0
— Press Trust of India (@PTI_News) June 7, 2023
पहलवानों ने हरियाणा में किसानों के आंदोलन का किया समर्थन
वहीं हरियाणा के कुरुक्षेत्र में प्रदर्शनकारी किसानों पर लाठीचार्ज का पहलवानों ने विरोध करते हुए किसानों का समर्थन किया है.
किसान सिर्फ़ अपनी फसल का सही दाम माँग रहे थे, लेकिन बदले में मिली लाठियाँ और गिरफ़्तारियाँ.
हम सभी पहलवान किसानों के साथ खड़े हैं. गिरफ़्तार किए गए किसानों की तुरंत रिहाई हो.🙏🏽 pic.twitter.com/YlxPGkltB1
— Bajrang Punia 🇮🇳 (@BajrangPunia) June 6, 2023
शीर्ष पहलवान बजरंग पूनिया ने लाठीचार्ज के बाद घायल किसानों के तस्वीरें साझा करते हुए ट्वीट किया है, ‘किसान सिर्फ अपनी फसल का सही दाम मांग रहे थे, लेकिन बदले में मिलीं लाठियां और गरफ्तारियां. हम सभी पहलवान किसानों के साथ खड़े हैं. गिरफ्तार किसानों की तुरंत रिहाई हो.’
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आंदोलन खत्म करने को पहलवानों ने बताया है अफवाह
इससे पहले खबरें आई थीं की पहलवान अमित शाह से मुलाकात के बाद अपने आंदोलन को वापस ले लिया है और रेलवे की अपनी नौकरी पर वापस लौट गए हैं, लेकिन पहलवानों ने आंदोलन खत्म करने का खंडन किया है. 5 जून को बजरंग पूनिया ने ट्वीट किया, ‘आंदोलन खत्म करने की खबरें कोरी अफवाह हैं. ये खबरें हमें नुकसान पहुंचाने के लिए फैलाई जा रही हैं. हम न पीछे हटे हैं और न आंदोलन वापस लिया है. महिला पहलवानों की एफ़आईआर उठाने की खबरें भी झूठी हैं. इंसाफ मिलने तक लड़ाई जारी रहेगी.’
महिला पहलवान साक्षी मलिक ने भी ट्वीट किया, ‘ये खबर बिलकुल ग़लत है. इंसाफ़ की लड़ाई में ना हममें से कोई पीछे हटा है ना हटेगा. सत्याग्रह के साथ रेलवे में अपनी जिम्मेदारी को भी नहीं रही हूं. इंसाफ मिलने तक हमारी लड़ाई जारी रहेगी. कृपया कोई ग़लत खबर ना चलाई जाए.’
Wrestlers Bajrang Punia and Sakshee Malikkh clarify that they have not called off their protest.
(Note: ANI has not flashed any news about wrestlers withdrawing the FIR or ending their protest) https://t.co/8Ga88hMS1D pic.twitter.com/8IMwFLIDvI
— ANI (@ANI) June 5, 2023
गौरतलब है कि साक्षी मलिक, विनेश फोगाट और बजरंग पूनिया जो कि भारतीय कुश्ती महासंघ बृज भूषण शरण सिंह के खिलाफ आंदोलन का नेतृत्व कर रहे थे, रेलवे में अपनी ड्यूटी पर वापस लौट गए हैं.
ओलंपियन बजरंग पुनिया, साक्षी मलिक और विनेश फोगट यौन उत्पीड़न के आरोपों को लेकर डब्ल्यूएफआई प्रमुख को पद से हटाने और गिरफ्तारी को लेकर दबाव बनाने के लिए इस साल की शुरुआत से विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं.
पहलवान मेडल फेंकने पहुंचे थे हरिद्वार
28 मई को, पहलवानों ने नये संसद भवन तक मार्च और विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई थी, बावजूद इसके कि उस एरिया में धारा 144 लागू थी. दिल्ली पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया था और उनके खिलाफ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की 147, 149, 186, 188, 332, 353 और पीडीपीपी एक्ट के सेक्शन के 3 के तहत एफआईआर दर्ज की थी. दिल्ली पुलिस ने धरना स्थल को भी खाली करा लिया था.
इसके बाद जंतर-मंतर बृजभूषण को पद से हटाने की मांग कर रहे पहलवान हरिद्वार में गंगा में अपने पदकों को फेंकने पहुंचे थे. हालांकि वे किसान नेता नरेश टिकैत की दखल के बाद केंद्र को कार्रवाई के लिए पांच दिन का अल्टीमेटम देने के बाद पहलवानों ने अपने पदकों को फेंकने का फैसला वापस ले लिया था.
दिल्ली पुलिस ने डब्ल्यूएफआई प्रमुख बृज भूषण सिंह के खिलाफ 10 शिकायतें और 2 एफआईआर दर्ज की हैं. पहली एफआईआर एक नाबालिग के आरोपों पर यौन अपराधों से बच्चों का संरक्षण (पॉक्सो) के तहत दर्ज की गई है, जबकि दूसरी एफआईआर शीलभंग (मर्यादा तोड़ने) से जुड़ी है.
हालांकि डब्ल्यूएफआई प्रमुख ने कहा था कि अगर उनके खिलाफ एक भी आरोप सच साबित हुए तो वे ‘खुद फंदे से लटका’ लेंगे.
एफआईआर दर्ज होने के बाद बृज भूषण ने गोंडा में मीडिया से कहा, ‘मैं खुद को फंदे लटका लूंगा अगर मेरे खिलाफ एक भी आरोप सच साबित हुए. मैं अपने बयान पर अडिग हूं…’
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग भी पहलवानों के पक्ष में उतरा
यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग (UWW) ने भी नए संसद भवन तक मार्च के दौरान पहलवानों को हिरासत में लिए जाने की निंदा की थी और डब्ल्यूएफआई प्रमुख के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
विश्व कुश्ती निकाय ने एक बयान में कहा, ‘यूडब्ल्यूडब्ल्यू पहलवानों के साथ किए गए व्यवहार और उनको हिरासत में लेने की कड़ी निंदा करता है. वह अब तक की जांच के नतीजों को लेकर अपनी निराशा व्यक्त करता है. यूडब्ल्यूडब्ल्यू, संबंधित अधिकारियों से आरोपों की गहन और निष्पक्ष जांच करने का आग्रह करता है.’
इस बयान में कहा गया कि यूडब्ल्यूडब्ल्यू 10A और WFI की तदर्थ समिति से अगली असेंबली के बारे में और जानकारी का अनुरोध करेगा. 45 दिनों की समय सीमा जो शुरू में इस चुनावी सभा के लिए निर्धारित की गई थी, उसका सम्मान किया जाएगा. ऐसा करने में विफल रहने पर यूडब्ल्यूडब्ल्यू फेडरेशन को निरस्त कर सकता है.
यूडब्ल्यूडब्ल्यू ने कहा, ‘यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग ने कई महीनों से भारत में रेसलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया (डब्ल्यूएफआई) के अध्यक्ष द्वारा दुर्व्यवहार और उत्पीड़न के आरोपों का विरोध कर रहे पहलवानों की स्थिति पर गौर कर रहा है. यह भी नोट किया गया है कि शुरू में ही डब्ल्यूएफआई अध्यक्ष को किनारे कर दिया गया है और वर्तमान में वह इसके प्रभारी नहीं है.’
इसमें कहा गया है, ‘इस हालात के शुरुआत में ही इस कदम को उठाया गया, यूडब्ल्यूडब्ल्यू पहलवानों के साथ उनकी स्थिति और सुरक्षा के बारे में पूछताछ करने के लिए एक बैठक करेगा और उनकी चिंताओं के निष्पक्ष और न्यायपूर्ण समाधान के लिए हमारे समर्थन की पुष्टि करेगा.’
वहीं इससे पहले 1983 क्रिकेट विश्व कप की चैंपियन टीम ने भी पहलवानों का समर्थन किया था और उनके साथ हुई हाथापाई की निंदा की थी.
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