नई दिल्ली: न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर सूरजमुखी के बीज नहीं खरीदने के हरियाणा सरकार के फैसले से गुस्साए किसानों ने मंगलवार को कुरुक्षेत्र जिले के शाहाबाद के निकट राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर जाम लगा दिया.
इससे पहले 31 मई को हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने मार्च-अप्रैल में बेमौसम बारिश के कारण हुए नुकसान के मुआवजे के तौर पर 67,758 किसानों के बैंक खातों में 181 करोड़ रुपये दिए थे.
बीकेयू (भारतीय किसान यूनियन) के नेता गुरनाम सिंह चादुनी के नेतृत्व में किसानों ने राष्ट्रीय राजमार्ग-44 पर घेराबंदी की. किसानो द्वारा लगाए गए जाम को लगभग चार घंटे से ज्यादा हो गया है जिस वजह यातायात बंद हो गया और रूट भी बदले गए है.
#WATCH | Protesting farmers block National Highway-44 in Kurukshetra's Shahabad over their demand for Minimum Support Price for sunflower seed#Haryana pic.twitter.com/NyAcS9KCOy
— ANI (@ANI) June 6, 2023
सीएम खट्टर ने ट्विटर पर कहा, “मैंने आज अपने किसान भाइयों से किए गए वादे को पूरा करते हुए, उनकी क्षतिग्रस्त फसलों के लिए 181 करोड़ रुपये का मुआवजा सिर्फ एक क्लिक के माध्यम से सीधे उनके बैंक खातों में भेजा है. मार्च-अप्रैल 2023 में हमने मई माह में बेमौसम बारिश से खराब हुई फसल के मुआवजे की घोषणा की थी, जिसके तहत आज 67,758 किसानों को मुआवजा राशि जारी की जा चुकी है.”
इस साल मार्च-अप्रैल में राज्य में हुई बेमौसम बारिश से फसलों को नुकसान पहुंचा था.
इस बीच किसानों ने अपनी फसल को किसी भी निजी कंपनी को बेचने से इंकार कर दिया हैं.
हरियाणा के शिक्षा मंत्री और अधिकारियों के साथ पहली बैठक का कोई नतीजा नहीं निकलने के बाद, किसानों ने घोषणा की थी कि वे अपने विरोध प्रदर्शन को तब तक जारी रखेंगे जब कि उनकी मांगे पूरी नहीं हो जाती हैं.
बता दें कि कुरुक्षेत्र के उपायुक्त शांतनु शर्मा ने एक बयान में कहा कि किसानों से लगभग 144 क्विंटल सूरजमुखी के बीज ख़रीदे गए हैं और किसानों को अतिरिक्त 1,000 रुपये प्रति क्विंटल का भुगतान किया जाएगा, जिससे कुल भुगतान 6,400 रुपये के एमएसपी के मुकाबले 5,800 रुपये प्रति क्विंटल हो जाएगा.
यह भी पढ़ें: ‘पानी भी दिखता है खून; भूख भी मर गई’, बालासोर रेल हादसे में मदद करने पहुंचे NDRF कर्मी भी हैं सदमे में