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Friday, 22 November, 2024
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‘महाकुंभ 2025’ के लिए एक्शन में योगी सरकार, प्रयागराज में मंदिरों और धार्मिक स्थलों का करेगी विकास

साल 2025 में प्रयागराज में महाकुंभ होने वाला है. उत्तरप्रदेश सरकार ने इसको लेकर तैयारी शुरू कर दी है. महाकुंभ 2025 से पहले, प्रयागराज में कई पर्यटक आकर्षणों का विकास भी होगा.

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नई दिल्ली: उत्तरप्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार प्रयागराज महाकुंभ 2025 के लिए तैयारी शुरू कर दी है. 2025 में प्रयागराज में आयोजित होने वाले महाकुंभ से पहले उत्तर प्रदेश सरकार ने विभिन्न मंदिरों के सौंदर्यीकरण और विकास का प्रस्ताव दिया है.

एक आधिकारिक बयान में कहा गया है, “महाकुंभ की तैयारी में इस क्षेत्र में 47 से अधिक स्थायी और अस्थायी कार्यों को पूरा करने की योजना है. महाकुंभ 2025 से पहले, प्रयागराज में कई पर्यटन स्थलों का विकास किया जाएगा. 1542.71 लाख रुपये के साथ, भारद्वाज आश्रम के प्रवेश द्वार, गलियारे का विकास और सौंदर्यीकरण का कार्य पूरा हो जाएगा.” 

पर्यटन विकास की दृष्टि से द्वादश माधव मन्दिर के लिये 1356.81 लाख, नागवासुकी मन्दिर के लिये 523.53 लाख, दशाश्वमेध मन्दिर के लिये 283.08 लाख, मनकामेश्वर मन्दिर के लिये 667.57 लाख, अलोपशंकरी मन्दिर के लिये 700 लाख, 1000 लाख रुपए व्यय करना प्रस्तावित है. पदिला महादेव मंदिर के लिए, पंचकोसी परिक्रमा पथ के अंतर्गत आने वाले मंदिरों के लिए 500 लाख रुपये, कोटेश्वर महादेव के लिए 150 लाख रुपये, कल्याणी देवी के विकास के लिए 100 लाख रुपये का प्रस्ताव रखा गया है.

साथ ही करछना क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले मंदिरों को भी 460.17 लाख रुपये से विकसित किया जायेगा. अक्षयवट/सरस्वती कूप/पातालपुरी मंदिर में कॉरिडोर विकास सहित कई कार्य 1850 लाख रुपये की लागत से विकास किया जाएगा. 

अधिकारियों के अनुसार महाकुंभ 2025 से पहले 10 से अधिक मुखौटा संबंधी कार्य होंगे, जिन पर 18 करोड़ रुपये से अधिक की लागत आने की संभावना है. 1.04 करोड़ रुपये की लागत से संगम स्थित बड़े हनुमान जी मंदिर, 2 करोड़ रुपये की लागत से विमान मंडपम मंदिर, नागवासुकी मंदिर, शक्तिपीठ अलोपी देवी मंदिर और सिविल लाइंस स्थित हनुमान मंदिर सहित विभिन्न स्थानों पर लाइट लगाने का कार्य प्रस्तावित है.

अरैल क्षेत्र के पुराने नैनी ब्रिज से डीपीएस स्कूल तक हैंगिंग लाइट के कार्य पर 500 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है. बयान में कहा गया है कि इलाहाबाद विश्वविद्यालय के विज्ञान संकाय टॉवर, चंद्रशेखर आजाद गार्डन स्थित पब्लिक लाइब्रेरी और श्रृंगवेरपुर धाम में मोहल्ला खेल परिसर और श्रृंगी ऋषि आश्रम में प्रत्येक पर एक-एक करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं.


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