नई दिल्ली : कांग्रेस नेता जयराम रमेश ने बृहस्पतिवार को अडानी मुद्दे को लेकर ‘हम अडानी के हैं कौन’ सीरीज में 5 फरवरी से पूछे गए 100 सवालों की एक बुकलेट लांच की. उन्होंने इस दौरान आरोप लगाया कि मोदी सरकार ने 2019 में शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों की पहचान करने वाले नियमों को हटा दिया. जयराम रमेश ने ये बातें कांग्रेस मुख्यालय पर एक लाइव प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कही.
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट जिसमें अडानी ग्रुप पर शयरों में हेराफेरी का आरोप लगाया था. उसके बाद से कांग्रेस ने लगातार अडानी मामले को मुद्दा बना रही है. इस रिपोर्ट के बाद निवेशकों को भारी नुकसान पहुंचा है और अडानी ग्रुप के गौतम अडानी दुनिया के शीर्ष उद्योगपतियों के तीसरे नंबर से लागातार नीचे गिरते गए हैं. बिजनेस टुडे की 23 मई 2023 की रिपोर्ट के मुताबिक मौजूदा समय में गौतम अडानी दुनिया के उद्योगपतियों की लिस्ट में 20वें नंबर पर हैं. उनकी कुल संपत्ति 64.2 बिलियन डॉलर है.
हमने 5 फरवरी से 'हम अडानी के हैं कौन' की श्रृंखला में PM मोदी से 100 सवाल पूछे थे।
हमने PM मोदी से अडानी मामले पर चुप्पी तोड़ने की बात कही थी। इस संबंध में हमने एक बुकलेट तैयार की है।
: @Jairam_Ramesh जी pic.twitter.com/u952Y1rHD3
— Congress (@INCIndia) June 1, 2023
कांग्रेस के महासचिव, प्रभारी संचार जयराम रमेश ने कहा, ‘हमने 5 फरवरी से ‘हम अडानी के हैं कौन की श्रृंखला में पीएम मोदी से 100 सवाल पूछे थे. हमने पीएम मोदी से अडानी मामले पर चुप्पी तोड़ने की बात कही थी. इस संबंध में हमने एक बुकलेट तैयार की है.’
उन्होंने कहा, ‘शेयर बाजार में विदेशी निवेशकों के लिए नियम होते हैं. इन नियमों से पता चलता था कि विदेशी निवेशकों के पीछे का असली/मुख्य निवेशक कौन है? लेकिन 31 दिसंबर, 2018 को इन नियमों को कमजोर किया गया, फिर 21 अगस्त 2019 को नियमों को हटा दिया गया.’
कांग्रेस नेता ने कहा, ‘इससे पहले हम संसद में अडानी मामले को लेकर जेपीसी जांच की मांग किए थे, अब जब नई संसद में मॉनसून सत्र की शुरुआत होगी, हम फिर से जेपीसी जांच की मांग करेंगे.’
Delhi | Today we are launching a book related to the 100 questions which we asked PM Modi since February on the Adani issue: Jairam Ramesh, Congress General Secretary in-charge Communications pic.twitter.com/JB9MTFT2UB
— ANI (@ANI) June 1, 2023
कांग्रेस ने पूछा 20 हजार करोड़ किसके, है असली सवाल
जयराम रमेश ने कहा, ‘जब नियम हटे तो शेल कंपनियां बनीं, शेयर बाजार में विदेशी निवेशक आए लेकिन इनके पीछे कौन है, ये पता नहीं चल पाया! नतीजा ये हुआ कि शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ कहां से आए, इसकी कोई जानकारी नहीं है. अब SEBI ने कंसल्टेशन पेपर जारी कर पुराने नियमों को वापस लाने की बात कही है. अडानी मामले में गठित हुई सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने भी कहा कि नियमों के हटने से हमें बहुत नुकसान पहुंचा है.’
कांग्रेस नेता ने कहा कि कुछ चुने हुए पूंजीपतियों के फायदे के लिए 2018-19 में नियमों को बदलकर पारदर्शिता को खत्म किया गया. SEBI ने ‘हम अडानी के हैं कौन’ और सुप्रीम कोर्ट की कमेटी के कारण अपना रवैया बदला है. अडानी की शेल कंपनियों में 20 हजार करोड़ किसके हैं, ये असली सवाल है. मोडानी घोटाले की सच्चाई JPC के द्वारा सामने आएगी और हम इसकी मांग करते रहेंगे.
उन्होंने कहा कि सुप्रीम कोर्ट की कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में ‘Piquant’ शब्द का इस्तेमाल किया. कमेटी के कहने का अर्थ था कि SEBI ने पुराना नियम हटाकर गलत किया. यानी पहले Dilute हुआ, फिर Delete हुआ. लेकिन इस नियम के हटने का एक ही लाभार्थी था- वो है अडानी.
सुप्रीम कोर्ट ने गठित की है विशेषज्ञों की समिति
गौरतलब है कि अडानी मामले की जांच सुप्रीम कोर्ट कर रहा है. शीर्ष अदालत ने, 2 मार्च को पूंजी बाजार नियामक सेबी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट के मद्देनजर अडानी समूह द्वारा प्रतिभूति कानून के किसी भी उल्लंघन की जांच करने का निर्देश दिया था, जिसकी वजह से अडानी समूह को बाजार मूल्य के USD140 बिलियन से अधिक का भारी नुकसान हुआ था.
सुप्रीम कोर्ट ने 2 मार्च को अडानी समूह की कंपनियों पर हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट से पैदा हुए मसले को लेकर एक विशेषज्ञ समिति का गठन किया था. समिति में 6 सदस्य शामिल हैं, जिसकी अध्यक्षता शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश जस्टिस एएम सप्रे कर रहे हैं.
24 जनवरी को हिंडनबर्ग रिपोर्ट ने समूह द्वारा स्टॉक में हेराफेरी और धोखाधड़ी करने का आरोप लगाया था.
अडानी समूह ने हिंडनबर्ग को ‘एक अनैतिक शॉर्ट सेलर’ बताते हुए हमला किया था, यह कहते हुए कि इस न्यूयॉर्क स्थित संस्था की रिपोर्ट ‘झूठ के अलावा कुछ नहीं.’
1 फरवरी तक मुकेश अंबानी से नीचे पहुंच गए थे गौतम अडानी
हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद गौतम अडानी 1 फरवरी तक खिसकर 10वें स्थान पर पहुंच गए थे. उनकी कुल संपत्ति रिलायंस इंडस्ट्रीज के टाइकून मुकेश अंबानी से नीचे गिर गई. 3 फरवरी तक अडानी 20वें नंबर पर पहुंच गए और उनकी संपत्ति गिरकर 58 बिलियन डॉलर रह गई थी. फोर्व्स की रियल टाइम बिलेनियर लिस्ट में मुकेश अंबानी 6वें स्थान पर हैं जबकि गौतम अडानी 24वें स्थान पर हैं.
दुनिया के उद्योगपतियों में दूसरे नंबर के करीब पहुंचे थे
इससे पहले फोर्ब्स एंड ब्लूमबर्ग के मुताबिक 22 फरवरी 2023 तक उनकी कुल संपत्ति घटकर 43.4 बिलियन डॉलर रह गई थी. जबकि साल के शुरुआत में गौतम अडानी की कुल संपत्ति 121 बिलियन डॉलर थी. उनके टेस्ला और स्पेसएक्स (Tesla and SpaceX) के सीईओ एलोन मस्क से आगे निकलने और शीर्ष 2 नंबर पर स्थित उद्योगपतियों से थोड़ा पीछे रहने की बात कही गई थी.
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