त्रिपोली: आठ साल पहले मुअम्मर गद्दाफी की तानाशाही के चंगुल से निकलने के बाद लीबिया को एक नई विपत्ति का सामना करना पड़ रहा है. देश में फैयाज अल सराज की सरकार है जिसे संयुक्त राष्ट्र का समर्थन प्राप्त है. न्यूज़ एजेंसी एएफपी की ख़बर के मुताबिक फराज ने विपक्षी खलीफा हफ्तार पर गंभीर आरोप लगाए हैं. फराज का कहना है कि हफ्तार ने सेना का इस्तेमाल करके उन्हें धोखा दिया है. फराज ने ये चिंता भी जताई है कि इससे देश में एक बार फिर गृह युद्ध की स्थिति पैदा हो सकती है.
एएफपी के ही मुताबिक हफ्तार समर्थक बलों ने शांति की अंतरराष्ट्रीय अपील के बावजूद अपने हमले जारी रखे हैं. टीवी पर दिए गए एक संदेश में सराज ने ‘एक ऐसे युद्ध की चेतावनी दी जिसका कोई विजेता’ नहीं होगा. उन्होंने कहा, ‘हमने शांति की ओर अपना हाथ बढ़ाया है लेकिन हफ्तार समर्थक बलों ने हमारे ऊपर जो हमला किया है… उन्हें कुछ और नहीं बल्कि ताकत और दृढ़ता का सामना करना पड़ेगा.’
बीबीसी के मुताबिक जनरल हफ्तार के समर्थकों और सरकार समर्थक बलों में त्रिपोली के तीन हिस्सों में भिडंत जारी है. त्रिपोली संयुक्त राष्ट्र द्वारा समर्थित और विश्व द्वारा मान्यता प्राप्त सरकार का गढ़ है. लीबिया में यूएन के राजदूत ने इस बात पर ज़ोर दिया है कि संभावित चुनाव पर होने वाले सम्मेलन में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा.
हालांकि, एएफपी का कहना है कि हफ्तार समर्थक बलों के हमले को सराज की गवर्मेंट ऑफ नेशनल एकॉर्ड (जीएनए) की वफादार फौज ने धीमा कर दिया है. आपको बता दें कि हफ्तार ने बृहस्पतिवार को अपने बलों को लीबिया पर चढ़ाई करने का आदेश दिया था. पूर्वी लीबिया पर हफ्तार का नियंत्रण है. वहीं, वो लीबियन नेशनल आर्मी का नेतृत्व करते हैं.
हालिया तौर पर लीबिया में सत्ता के दो केंद्र हैं. एक तो त्रिपोली की सरकार है और जैसा कि हम आपको बता चुके हैं कि इसे यूएन का समर्थन हासिल है. इसके नेतृत्वकर्ता सराज हैं. दूसरा केंद्र टोबुर्क का शहर है और यहां हफ्तार के एलएनए का राज है. हफ्तार ने एलएनए के आधिकारिक फेसबुक पेज पर एक पहले से रिकॉर्ड किया गया संदेश जारी किया था जिसमें उन्होंने कहा, ‘हम त्रिपोली आ रहे हैं, हम आ रहे हैं.’
इस संदेश में हफ्तार ने अपने बलों से उन लोगों को नुकसान नहीं पहुंचाने को कहा था जो आत्मसमर्पण करने को तैयार हैं. कई हथियारबंद समूहों ने हफ्तार समर्थकों से लोहा लेने की कसम खाई है और कहा है कि वो त्रिपोली की रक्षा करेंगे. ऐसी आशंका जताई जा रही है कि हफ्तार के इस कदम ने लीबिया को एक और युद्ध में झोंक दिया है.
हफ्तार ने इस हमले की ये घोषणा यूएन प्रमुख एंटोनियो गुटेरेस के त्रिपोली दौर के बाद की. इस दौर के दौरान गुटेरेस ने देश में जारी गतिरोध के हल के लिए राजनीतिक रास्ते का समर्थन किया था.