नई दिल्ली: दिल्ली महिला आयोग (डीसीडब्ल्यू) प्रमुख स्वाति मालीवाल ने रविवार को दिल्ली पुलिस आयुक्त को पत्र लिखकर भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के सांसद और भारतीय कुश्ती महासंघ (डब्ल्यूएफआई) के प्रमुख बृजभूषण शरण सिंह की गिरफ्तारी की मांग की है.
विरोध प्रदर्शन कर रहे पहलवानों के साथ दिल्ली पुलिस के मारपीट करने, उन्हें हिरासत में ले कर अज्ञात स्थान पर ले जाने के बाद यह डीसीडब्ल्यू के चीफ का यह पत्र सामने आया है.
मालीवाल ने पुलिस कमिश्नर संजय अरोड़ा को लिखे पत्र में कहा, “इस पत्र के माध्यम से मैं आपको सूचित करना चाहती हूं कि दिल्ली महिला आयोग को यह जानकर बहुत दुख हुआ है कि दिल्ली पुलिस ने जंतर-मंतर पर शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन कर रही महिला पहलवानों और उनके परिवारों के साथ मारपीट की और उन्हें जबरन हिरासत में ले लिया.”
DCW chief Swati Maliwal writes to Delhi Police Commissioner, demanding arrest of WFI chief Brij Bhushan Sharan Singh, release of wrestlers and action on the officers who detained them. pic.twitter.com/AF7OfKZnPo
— ANI (@ANI) May 28, 2023
मालीवाल ने यह भी मांग की कि दिल्ली पुलिस आयुक्त हिरासत में लिए गए पहलवानों को तुरंत रिहा करें और ओलंपिक स्तर के एथलीटों के साथ मारपीट करने वाले दिल्ली पुलिस अधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई करें.
एक महीने पहले, एक नाबालिग सहित कई महिला पहलवानों ने सांसद बृज भूषण सिंह पर भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान यौन उत्पीड़न के गंभीर आरोप लगाए थे. सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप पर मामले में दो प्राथमिकी दर्ज की गई थी, जिसके खिलाफ पहले से ही लगभग 40 अन्य आपराधिक मामले चल रहे हैं.
पत्र में आगे लिखा है कि एक नाबालिग लड़की द्वारा आरोपी सांसद पर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाने के बावजूद, दिल्ली पुलिस आज तक उसे गिरफ्तार करने में विफल रही है. उन्होंने लिखा “इसने महिला पहलवानों को जंतर-मंतर पर विरोध प्रदर्शन करने के लिए मजबूर किया है, जो पिछले एक महीने से चल रहा है.”
इसके साथ ही डीसीडब्ल्यू की प्रमुख ने देश की राजधानी में बढ़ रहे यौन शोषण के मामलों पर भी रोशनी डाली है.
पत्र में लिखा है कि दिल्ली में हर दिन यौन उत्पीड़न के लगभग 6 मामले सामने आते हैं और प्रत्येक मामले में, दिल्ली पुलिस आरोपी व्यक्ति को गिरफ्तार करने का प्रयास करती है. मालीवाल ने सवाल किया कि फिर बृजभूषण सिंह को आज तक गिरफ्तार क्यों नहीं किया गया? यह घोर अन्याय नहीं है, तो क्या है?
उन्होंने अपने पत्र में दिल्ली पुलिस पर पक्षपातपूर्ण रवैया अपनाने का आरोप लगाया है. मालीवाल ने लिखा, “दिल्ली पुलिस के इस स्पष्ट पक्षपातपूर्ण रवैये को आरोपी सांसद का पक्ष लेने के रूप में देखा जा रहा है, जिसने न्याय का मजाक बनाया है और महिला पहलवानों को दिल्ली की सड़कों पर बैठने और सोने के लिए मजबूर किया है.”
मालीवाल ने लिखा कि रविवार को पहलवानों को उनके परिवारों के साथ जिस तरह से मारपीट की गई और दिल्ली पुलिस द्वारा जबरदस्ती हिरासत में लिया गया उसके कई वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं. उन्होंने लिखा कि जिस तरह से इन महिला चैंपियन को दिल्ली पुलिस द्वारा सड़कों पर घसीटने का वीडियो देखा जा रहा है वो बेहद अशोभनीय है.
उन्होंने लिखा, “उन्हें न्याय से वंचित करके और यौन उत्पीड़न के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें जबरदस्ती हिरासत में लेकर, दिल्ली पुलिस इस देश की महिलाओं और लड़कियों को यौन उत्पीड़न के मामलों की रिपोर्ट करने और न्याय के लिए लड़ने के खिलाफ हतोत्साहित कर रही है.”
इसी साल अप्रैल में भी मालीवाल ने महिला पहलवानों के यौन उत्पीड़न मामले में प्राथमिकी दर्ज करने में विफल रहने पर दिल्ली पुलिस को पत्र लिखा था.
गौरतलब है कि रविवार को पहलवान विनेश फोगट, साक्षी मलिक और बजरंग पुनिया को महिलाओं की ‘महापंचायत’ के लिए नए संसद भवन की ओर बढ़ने की कोशिश के दौरान सुरक्षा घेरा तोड़ने के बाद कानून और व्यवस्था के उल्लंघन के आरोप में दिल्ली पुलिस ने हिरासत में ले लिया था.
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