चंडीगढ़: हरियाणा के महेंद्रगढ़ जिले के डोगडा अहीर में ग्रामीणों ने शुक्रवार को सीएम मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ उनके गांव के बजाय सिहमा गांव को उप-तहसील घोषित करने का विरोध किया. उन्होंने आरोप लगाया कि उनका गांव क्षेत्र और आबादी में बड़ा है और प्रशासनिक रूप से उसे अपग्रेड करने की उनकी मांग काफी पुरानी है.
एक उप-तहसील किसी जिले में एक निश्चित आबादी वाला एक छोटा क्षेत्र होता है जहां लोगों के आधिकारिक काम जैसे राजस्व मामले, संपत्तियों का पंजीकरण आदि किए जाते हैं.
खट्टर अपने तीन दिवसीय जनसंवाद कार्यक्रम के अंतिम चरण के लिए महेंद्रगढ़ में थे और गुरुवार को डोगडा अहीर में एक स्थानीय भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) कार्यकर्ता के आवास पर रात रुके. अगली सुबह ग्रामीण घर के बाहर जमा हो गए और धरने पर बैठ गए.
हालांकि, बाद में जब मुख्यमंत्री ने उनमें से कुछ को अंदर बुलाया और आश्वासन दिया कि उनके गांव को भी उप-तहसील बनाए जाने पर विचार किया जाएगा तो वे चले गए.
गुरुवार को खट्टर सिहमा में थे, जहां उन्होंने तालियों की गड़गड़ाहट के बीच गांव को उप-तहसील का दर्जा देने की घोषणा की.
डोगडा अहीर में घटना के बारे में बोलते हुए, हरियाणा सरकार के एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि यह कुछ और नहीं बल्कि ग्रामीणों द्वारा मुख्यमंत्री के साथ अपनी चिंता व्यक्त करने का प्रयास था, जिस पर तुरंत ध्यान दिया गया.
विरोध 15 मई को सिरसा के बानी गांव में एक घटना के तुरंत बाद हुई जब एक महिला सरपंच नैना झोरार ने जन संवाद कार्यक्रम के दौरान खट्टर पर उनकी शिकायत सुनने से इनकार करने का आरोप लगाते हुए उनके पैरों पर अपना दुपट्टा फेंक दिया था.
हरियाणा की राजनीति पर तीन किताबें लिख चुके पूर्व पत्रकार पवन कुमार बंसल के मुताबिक, गांव वालों के लिए किसी मुख्यमंत्री के रात ठहरने की जगह का घेराव करना अभूतपूर्व है.
उन्होंने शनिवार को दिप्रिंट से कहा, ‘यह राज्य की खुफिया एजेंसियों की विफलता है, जिन्हें ग्रामीणों के गुस्से को भांप लेना चाहिए था और इस बारे में पहले ही मुख्यमंत्री को अवगत करा देना चाहिए था.’
सिरसा और महेंद्रगढ़ जिलों की घटनाओं के बारे में बंसल ने कहा कि ये घटनाएं 2024 के लोकसभा चुनाव से पहले खट्टर और भाजपा के लिए चिंताजनक संकेत हैं.
लोकसभा और हरियाणा विधानसभा चुनाव एक साथ कराने के संकेत देने वाले खट्टर ने लोगों से मिलने और उनकी शिकायतों को दूर करने के लिए अपना जन संवाद कार्यक्रम शुरू किया है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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