भले ही राजनीतिक गलियारे में संबंध और विश्वास टूटे हुए हैं पर संसद भवन के उद्घाटन को लेकर विवाद दुर्भाग्यपूर्ण है. विपक्ष तक पहुंचने की जिम्मेदारी मोदी सरकार की है. शक्तियों का पृथक्करण हमारे संविधान का आधार है. यह समय इसे मजबूत करने का था, न कि कमजोर करने का.