हरियाणा के सोनीपत की टीडीआई इस्पानिया हाइट्स सोसाइटी के लोगों में डर और उदासी की स्थिति है. पिछले सोमवार को यहां एक 8 साल के बच्चे की लाश सोसायटी की बेसमेंट में रखी पानी की टंकी में मिली जिसके बाद से लोग सदमे में हैं.
बच्चे अब सोसायटी में नहीं खेल रहे हैं और बड़े लोग भी ज्यादातर समय अपने घरों में बंद हैं.
8 साल के अर्जित त्रिपाठी की लाश मंगलवार को सुबह मिली. उसके गायब होने के 12 घंटे बाद. अर्जित त्रिपाठी, सोमवार शाम 6.15 बजे सोसायटी के कॉमन प्ले एरिया से लापता हो गया था. इसके कुछ घंटे बाद परिवार को फिरौती की मांग करता हुआ एक खत भी मिला. पुलिस ने बताया कि बच्चे के चेहरे और सिर पर चोट के निशान थे.
पुलिस ने इसे हत्या का मामला बताते हुए एक किशोर को गिरफ्तार कर लिया है, आरोप है कि 15 वर्षीय ने जल्दी पैसे कमाने के लिए अर्जित की हत्या कर दी. बहालगढ़ थाने के एसएचओ ऋषिकांत ने दिप्रिंट को बताया, “आरोपी ने लड़के को औजार से मारा और फिर उसका गला घोंट दिया.”
पुलिस ने कहा कि किशोर ने भी हत्या की बात कबूल कर ली है और पीड़ित परिवार द्वारा प्राथमिकी दर्ज कराने के बाद भारतीय दंड संहिता की धारा 364ए (अपहरण), 302 (हत्या) और 387 (जबरन वसूली) के तहत मामला दर्ज किया गया है.
अर्जित को आखिरी बार सोसाइटी के सीसीटीवी कैमरों में आरोपी किशोर के साथ देखा गया था, जिसे पिछले 15 दिनों से हाउसिंग सोसाइटी में जाते हुए देखा गया था.
हालांकि पीड़ित परिवार और सोसायटी के अन्य लोगों का मानना है कि इस मामले में और भी लोग शामिल हैं. दिप्रिंट से बात करते हुए, उन्होंने कहा कि आरोपी ने उन्हें अलग से बताया था कि तीन लोगों ने उसे अर्जित से दोस्ती करने के लिए पैसे दिए थे, और उसे बच्चे को सोसाइटी के बेसमेंट में लाने के लिए कहा गया था.
फिर उसने अर्जित को बेसमेंट में छोड़ दिया और भाग गया.
अर्जित के परिवार ने यह भी कहा कि उसके गायब होने के बाद उसके घर से फिरौती का नोट मिला था, लेकिन पुलिस और किशोर इस पर चुप्पी साधे हुए हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए, लड़के के चाचा सुमित त्रिपाठी ने दावा किया कि पुलिस “हत्या में एक बड़ी साजिश को दबाने की कोशिश कर रही थी”.
“एक 15 साल का बच्चा यह सब नहीं कर सकता. किशोर ने हमें जो भी बताया है, उस पर पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की है.”
एसएचओ ऋषिकांत ने कहा, ‘हमें सोसायटी के सदस्यों के आरोपों का समर्थन करने के लिए कुछ भी नहीं मिला है. नाबालिग ने जुर्म कबूल कर लिया है. वह 2-3 महीने से पीड़ित से मिल रहा था. आरोपी एक गरीब परिवार से है और उसने पैसे के लिए यह सब किया.”
उन्होंने कहा: “आरोपी का मानना था कि पीड़ित परिवार अमीर था. पीड़ित के पिता ने अपने दोस्तों और परिवार ने अपनी कमाई को लेकर लोगो से झूठ बोला था.”
शाम को अर्जित गायब हो गया
अर्जित के पिता अजीत त्रिपाठी इस साल फरवरी में अपनी पत्नी और दो बच्चों के साथ लखनऊ से सोनीपत आ गए थे. वे टीडीआई स्पेनिया हाइट्स में किराए पर रह रहे थे.
अर्जित रोजाना सोसाइटी के कॉमन एरिया में खेलने जाया करता था और 15 मई को भी शाम 5 बजे के करीब वह फ्लैट से उसी के लिए निकला था.
उसके परिजनों के मुताबिक वह शाम छह बजे के करीब सोसायटी के कॉमन प्ले एरिया से गायब हो गया था. शाम को जब वह घर नहीं लौटा तो परिजनों व अन्य लोगों ने उसकी काफी खोजबीन की, जो देर रात तक जारी रही. आखिरकार रात करीब 9 बजे पुलिस को कॉल की गई.
अर्जित का शव अगले दिन सुबह करीब साढ़े सात बजे सोसायटी के बेसमेंट में मिला था. एसएचओ ने कहा, ‘हमें बेसमेंट में शव मिला,जो आधी कटी पानी की टंकी रखा हुआ था.’
हालांकि, जिन लोगों ने अर्जित को उसके परिवार के साथ खोजा था, उन्होंने कहा कि उन्होंने कई बार बेसमेंट में देखा, लेकिन कुछ नहीं मिला. सोसायटी के बाहर प्रोपर्टी डीलर का काम करने वाले प्रदीप सिम्हार ने बताया, “एक नहीं बल्कि 50-60 आदमी एक साथ खोज रहे थे. उन्हें बच्चा नहीं मिला.”
उन्होंने आरोप लगाया, “हमने आस-पास के इलाके की हर इमारत में तीन या चार बार देखा, लेकिन सफलता नहीं मिली. पुलिस ने पहले कुछ नहीं किया.”
जो लोग खोज दल का हिस्सा थे, उन्होंने कहा कि सोसायटी के सीसीटीवी कैमरों पर अर्जित को किशोर के साथ आखिरी बार देखा था.
सोसायटी में रहने वाले रवि पंडित ने बताया, “हमने सीसीटीवी फुटेज देखने के बाद किशोर की पहचान की और पता चला कि वह पास के सोसायटी में रहता था. लेकिन जब हम उनके घर गए, तो उनकी मां ने कहा कि वह घर पर नहीं हैं.’
वह उस खोज दल के सदस्यों में शामिल थे, जिसने कथित तौर पर किशोर को सोसायटी के पास एक सड़क पर देखा था, जब वे 15 मई की देर रात पुलिस थाने से लौट रहे थे.
पंडित ने दावा किया, “जब हमने उसे देखा, तो उसकी हरकतें बहुत अजीब थीं. वह लगातार इधर-उधर देख रहा था. जब हमने उसे पकड़ा, तो उसने पहले तो भागने की कोशिश की, लेकिन फिर अपनी कहानी सुनाने लगा.”
यह भी पढ़ें: बिहार में आनंद मोहन को ही नहीं मुस्लिम, यादव, पासवान जैसे 26 हत्यारों, बलात्कारियों को रिहा किया गया
जुवेनाइल की घटनाओं का संस्करण
आरोपी किशोर 11वीं कक्षा का छात्र है. एस्पेनिया हाइट्स के निवासियों ने दिप्रिंट को बताया कि उस पर एक बार साइकिल चोरी करने का आरोप लगाया गया था और उसके परिवार को उनके सोसायटी से निकाल दिया गया था. इसके बाद वे कुछ किलोमीटर दूर दूसरे परिसर में रहने चले गए.
अर्जित के बारे में पूछे जाने पर किशोर ने सोसाइटी की सर्च टीम को बताया कि तीन लोगों ने उसे बच्चे से दोस्ती करने के लिए पैसे दिए थे.
सोसाइटी के सदस्यों ने दिप्रिंट को बताया कि उन्होंने किशोर की कहानी को वीडियो में रिकॉर्ड किया था जिसे दिप्रिंट ने एक्सेस किया है.
किशोर को कथित तौर पर वीडियो में कहते सुना गया, “एक सफेद सफारी कार में एक आदमी मेरे पास आया और पूछा कि क्या मैं अर्जित से दोस्ती कर सकता हूं. वाहन में अन्य लोग भी थे. उसने कहा कि वह मुझे नौकरी के लिए 1,000 रुपये से 1,500 रुपये के बीच भुगतान करेगा. उन्होंने स्वादिष्ट खाना भी दिया.“
उसने कहा, “मुझे यह भी बताया गया था कि जिस दिन मैं अर्जित को सोसाइटी के बेसमेंट में लाने में कामयाब हो जाऊंगा, मुझे 50,000 रुपये का भुगतान किया जाएगा.”
वीडियो में, वह आगे दावा करता है कि वह अर्जित को बहला-फुसलाकर बेसमेंट में ले गया, उसे वहीं छोड़कर भाग गया. वहां और भी आदमी थे. उनमें से एक ने उसे 5,000 रुपये दिए, और उसे नहीं पता कि उसके बाद क्या हुआ..
अर्जित के चाचा ने कहा: “आरोपी ने हमें आगे बताया कि जब उसने अर्जित को बेसमेंट में छोड़ा, तो वहां मौजूद लोगों में से एक ने उसे बताया कि अगर उसने पीछे मुड़कर देखा तो उसे मार दिया जाएगा.”
तलाशी दल के लोगों ने कहा कि किशोर ने उन्हें वह जगह भी दिखाई जहां उससे संपर्क करने वाले लोग कथित रूप से मिलते और बात करते थे.
प्रदीप सिम्हार ने बताया, “लड़का हमें पास के टीडीआई एस्पानिया रोयल हाइट्स सोसाइटी के एक फ्लैट में ले गया, जो बंद था. जब हमने ताला तोड़ा तो फ्लैट के अंदर शराब की बोतलें मिलीं.’
सोसायटी के लोगों ने किशोर की कहानी सुनने और रिकार्ड करने के बाद उसे पुलिस को सौंप दिया.
फिरौती का नोट
अर्जित के घर में फिरौती के नोट की उपस्थिति से घटनाओं की सीरीज और जटिल हो गई है, जो मंगलवार को सुबह 3 बजे के आसपास देखा गया था, उसके शरीर के पाए जाने से कुछ घंटे पहले, और दरवाजे के नीचे डाला गया था. तब तक सोसायटी के लोगों ने किशोर को पकड़ लिया था.
दिप्रिंट के पास जो पत्र पहुंचा है, उसमें परिवार से 6 लाख रुपये मांगे गए हैं, जिसमें कहा गया है कि पैसे सुबह 5 बजे टीडीआई एस्पेनिया रॉयल हाइट्स सोसाइटी के गेट 2 पर पहुंचा दिए जाएं.
समाज के सदस्यों को दिए गए घटनाओं के किशोर संस्करण पर, पुलिस ने कहा कि लड़के ने उन्हें जो कबूल किया है, वे उसके अनुसार चलेंगे.
पुलिस के मुताबिक, आरोपी अर्जित को बेसमेंट में ले गया और जब वह चीखने-चिल्लाने लगा तो उसने अर्जित के सिर और चेहरे पर वार किया और फिर उसका गला दबा दिया.
पुलिस ने यह भी दावा किया कि आरोपी को फिल्में देखने का शौक था और उसने उनसे अपहरण के बारे में सीखा था.
उन्होंने कहा कि हत्या करने के बाद किशोर घर चला गया था, खाना खाया और फिर अर्जित के घर के दरवाजे से फिरौती की चिट्ठी खिसका दी.
अर्जित के चाचा सुमित ने कहा, “हम पैसे की व्यवस्था कर रहे थे, जब हमें पुलिस से फोन आया कि बच्चे का शव मिला है.”
‘एक प्यारा और बुद्धिमान बच्चा
अर्जित के पड़ोसी और समाज के निवासी उसे एक अच्छे छात्र के रूप में याद करते हैं जो मिलनसार और सम्मानित था, और जो एक एथलीट बनना चाहता था.
“वे एक शांतिपूर्ण परिवार था और उन्होंने कभी किसी से कुछ नहीं कहा. बच्चा सबसे बात करता था और काफी इज्जतदार था.’
सुमित ने यह भी कहा कि उनका भतीजा “कभी झगड़ा नहीं करता था और सभी का सम्मान करता था”.
वो कहते हैं, “वह टॉप करने वाला छात्र था. स्केटिंग एक ऐसा कौशल था जिसे उसने सिर्फ एक दिन में सीख लिया था,”अगर अर्जित के पास कैंडी या चॉकलेट होती, तो वह हमेशा अपने भाई के साथ साझा करता”.
सोसायटी के पास किराने की दुकान चलाने वाले दीपक सैनी ने दिप्रिंट को बताया कि अर्जित अक्सर उनकी दुकान पर दूध लेने आते थे. “वह एक प्यारा और बुद्धिमान बच्चा था. उन्हें पुराने सिक्के जमा करने का भी शौक था. वह हमेशा मुझसे कहते थे.”
सैनी ने रोते हुए कहा, अगर किसी बच्चे के शरीर को देखना है, जिसके साथ आप इतनी बातचीत करते हैं, तो यह आत्मा को झकझोर देता है.
एक अन्य सोसायटी निवासी नीतू सिंह भी अर्जित को याद कर भावुक हो उठीं. उसने कहा, “वह इतना प्यारा और मासूम बच्चा था. मैं उसे हर दिन, कभी-कभी किशोर के साथ खेलते हुए देखती थी.”
‘अन्याय’ की भावना
रवि पंडित ने कहा कि सोसायटी में डर का माहौल है. “बच्चे की नृशंस हत्या ने सभी को झकझोर कर रख दिया है. तीन से चार परिवार पहले ही सोसायटी छोड़ चुके हैं और बच्चों को घर से निकले कई दिन हो चुके हैं.
उनके शब्दों को किराने की दुकान के मालिक सैनी ने दोहराया, जिन्होंने कहा कि उनकी दुकान पर आने वालों की संख्या कम हो गई है और कुछ परिवारों ने असुरक्षा और भय से अपने घरों को छोड़ दिया है.
नीतू सिंह ने कहा, “सभी माता-पिता ने अब फैसला किया है कि एक व्यक्ति बच्चों की निगरानी के लिए हर रोज खेल क्षेत्र में बच्चों के साथ रहेगा,”
सोसायटी में करीब 900 फ्लैट हैं, जिनमें से 450 में लोग रहते हैं.
पंडित ने कहा, “कुछ लोग जो यहाँ अकेले रहते हैं, वे भी अब अपने लिए डर रहे हैं. पुलिस ने यह जांच नहीं की है कि अर्जित की हत्या में अन्य लोग शामिल थे या नहीं. हम सभी अपने जीवन के लिए डर रहे हैं.”
पीड़ित परिवार अब अर्जित का अंतिम संस्कार करने के लिए लखनऊ चला गया था, लेकिन वे वापस लौटने और उसके लिए न्याय की लड़ाई लड़ने की योजना बना रहे हैं.
अर्जित के चाचा सुमित ने कहा कि परिवार साजिश का शिकार हुआ है. “हम स्थानीय नहीं हैं इसलिए हमें निशाना बनाया गया. पुलिस हमारी बात सुनने को भी तैयार नहीं थी. सोसायटी के लोगों ने हमारा साथ दिया और इसलिए पुलिस ने कुछ कार्रवाई की, अन्यथा वे कुछ भी करने को तैयार नहीं थे. शिकायत और प्राथमिकी भी सोसायटी के सदस्यों के थाने जाने के बाद ही दर्ज की गई थी.”
“हम बच्चे का अंतिम संस्कार करके लौटेंगे. पुलिस इस मामले में कुछ छिपाने की कोशिश कर रही है.”
एसएचओ ऋषिकांत ने पुलिस की जांच में किसी तरह की चूक से इनकार किया. ‘पुलिस ने कोई लापरवाही नहीं की है. हमने भी कुछ नहीं छुपाया है.”