श्रीनगर: श्रीनगर में हो रही तीसरी जी-20 टूरिज्म वर्किंग ग्रुप की बैठक में पर्यटन मंत्रालय और जम्मू-कश्मीर प्रशासन घाटी में न केवल पर्यटन बल्कि फिल्म निर्माण को भी पुनर्जीवित करने पर जोर दे रहे हैं.
अधिकारियों और प्रतिभागियों ने दिप्रिंट को बताया, ‘हालांकि, सुरक्षा नहीं बल्कि बुनियादी ढांचा और परिवहन रिवाइवल के लिए सबसे बड़ी चुनौती है.’
सोमवार से शुरू होकर बुधवार को खत्म होने वाली तीन दिवसीय बैठक में फिल्म टूरिज़म ही प्राइमरी फोकस रहा है.
केंद्रीय संस्कृति और पर्यटन मंत्री जी. किशन रेड्डी ने दिप्रिंट को बताया, “1980 के दशक के अंत तक, जम्मू और कश्मीर फिल्म शूटिंग के लिए एक पसंदीदा स्थान था. हालांकि, जो विकास हुआ उससे उद्योग प्रभावित हुआ.”
उन्होंने कहा, “इसलिए, लगभग चार दशकों के बाद, इस क्षेत्र के लिए फिल्म शूटिंग हब के रूप में खुद को फिर से स्थापित करने की बेहतर स्थितियां मौजूद हैं.”
इस क्षेत्र से आने वाले प्रधानमंत्री कार्यालय में राज्यमंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि कश्मीर फिल्मों की शूटिंग के लिए सही जगह है.
बैठक में आमंत्रित आरआरआर स्टार राम चरण ने भी अपने कश्मीर कनेक्शन के बारे में बताया.
उन्होंने श्रीनगर के शेर-ए-कश्मीर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन केंद्र (SKICC) में G-20 बैठक के मौके पर एक कार्यक्रम में कहा, “मैं 1986 से यहां आ रहा हूं. वह पहली बार था जब मैं कश्मीर में था. मेरे डैड [मूवी स्टार चिरंजीवी] ने सोनमर्ग और इन खूबसूरत जगहों पर बड़े पैमाने पर शूटिंग की है. मैं एक बच्चे के रूप में आया करता था.”
“जब मुझे मेरे पिताजी ने कश्मीर में आमंत्रित किया था, तो मुझे ऐसा लगता था कि मैंने गर्मियों की छुट्टियों में कुछ हासिल किया है …”
पर्यटन बैठक में भाग लेने वाले प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए, उपराज्यपाल मनोज सिन्हा ने कहा, “लगभग चार दशकों के लंबे विराम के बाद, हमने बॉलीवुड के साथ संबंधों को पुनर्जीवित किया है और फिल्म क्षेत्र में अधिक निवेश आकर्षित करने और जम्मू -कश्मीर सबसे लोकप्रिय फिल्म शूटिंग डेस्टिनेशन बनाने के लिए 2021 में एक फिल्म पॉलिसी शुरू की है.
जम्मू-कश्मीर प्रशासन की फिल्म नीति यहां के फिल्म क्षेत्र को उद्योग का दर्जा देती है.
रेड्डी ने कहा कि पिछले एक साल में घाटी में करीब 300 फिल्मों और धारावाहिकों की शूटिंग हुई है.
राजनयिक सूत्रों ने बताया कि कश्मीर को मीटिंग डेस्टिनेशन के तौर पर इसलिए चुना गया ताकि वहां की खूबसूरती को दिखाया जा सके.
“कश्मीर में स्थिति पर्यटकों के लिए परिपक्व है. पिछले साल, हमने जम्मू और कश्मीर में 1.8 करोड़ पर्यटकों को देखा, जिनमें से लगभग 25 लाख विशेष रूप से घाटी के लिए थे, ”एक सूत्र ने कहा.
भले ही तुर्की और सऊदी अरब जैसे देशों ने श्रीनगर बैठक में आधिकारिक तौर पर हिस्सा नहीं लिया है, लेकिन इन देशों के कई व्यापार प्रतिनिधिमंडल इस कार्यक्रम में शामिल होने आए हैं.
स्थानीय प्रशासन के एक सूत्र ने कहा, “स्थिति बहुत शांतिपूर्ण है. पर्यटन यहां की अर्थव्यवस्था की जीवन रेखा है और स्थानीय निवासी कभी नहीं चाहेंगे कि ऐसा कुछ हो जिससे पर्यटन प्रभावित हो. एक साधारण शिकारा इतने सारे लोगों का पेट भर देता है,”
रिवाइवल के लिए रोडब्लॉक
दिप्रिंट ने बैठक में कई प्रतिभागियों और अधिकारियों से उन मुद्दों को समझने के लिए बात की जो विदेशी पर्यटन और फिल्म शूटिंग के पुनरुद्धार में बाधा साबित हो रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सबसे बड़ी बाधा बुनियादी ढांचा है, यह समझाते हुए कि प्रीमियम होटलों और मान्यता प्राप्त, लोकप्रिय होटल श्रृंखलाओं के व्यापक नेटवर्क की कमी एक मुद्दा था.
उन्होंने कहा कि विदेशी पर्यटकों के बड़ी संख्या में आने या फिल्म की शूटिंग बड़े पैमाने पर होने के लिए लोकप्रिय ब्रांड होने चाहिए जो कश्मीर में काम करते हों.
उन्होंने कहा कि एक अन्य मुद्दा बड़ी संख्या में प्रीमियर कैब सेवाओं की उपलब्धता के संदर्भ में परिवहन है.
कुछ प्रतिभागियों ने बताया कि फिल्म उद्योग के फलने-फूलने के लिए निरंतर शांति भी एक महत्वपूर्ण कारक था.
नाम न छापने की शर्त पर एक प्रतिभागी ने कहा, “अगर ज्यादा से ज्यादा शूटिंग हो तो कोई कितनी सुरक्षा दे सकता है? शांति बनाए रखने के लिए लंबे समय तक काम करना होता है.’
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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